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    रहना होगा परेशान, आज भी नहीं खुलेगी जवाहर पुल की रामबाग साइड की रोड

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Wed, 31 Oct 2018 12:03 PM (IST)

    सही तरीके से फिक्स नहीं किए गए थे गार्डर, डेढ़ दर्जन कर्मचारी कर रहे थे काम। 75 करोड़ से बन रहे पुल का दो साल पूर्व शुरू हुआ था निर्माण। ...और पढ़ें

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    रहना होगा परेशान, आज भी नहीं खुलेगी जवाहर पुल की रामबाग साइड की रोड

    आगरा [जागरण संवाददाता]: जवाहर पुल (रामबाग से वाटरवक्र्स की तरफ) आज भी नहीं खुलेगी। वाहनों के खतरे को भांपते हुए पैदल गुजरने वाले लोगों को भी यहां नहीं निकलने दिया जा रहा है। जवाहर पुल के स्पॉन से टिके गर्डर को हटाने के लिए लखनऊ से विशेष क्रेन मंगवाई गई है। तीनों गर्डर को काटकर यमुना नदी की तलहटी में गिराया जाएगा। इस दौरान शटरिंग न बिगड़े इसका ध्यान रखा जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि जवाहर पुल की जांच करवाई जाएगी इसके बाद ही पुल को खोला जाएगा।

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    बता दें कि मंगलवार दोपहर यमुना नदी पर निर्माणाधीन तीसरे पुल के तीन गर्डर अचानक गिर पड़े थे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा इटावा तक हाईवे को छह लेन किया जा रहा है। यमुना नदी पर तीसरा पुल निर्माणाधीन है। पुल निर्माण वर्ष 2016 में ओरिएंटल कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा शुरू किया गया था। अब तक पुल (17वें स्पॉन) के सुपर स्ट्रक्चर पर गर्डर चढ़ाए जा चुके हैं। मंगलवार सुबह से पुल पर काम चालू था। दोपहर एक बजे कर्मचारी बेयङ्क्षरग सही कर रहे थे। इस बीच लंच हो गया। दोपहर डेढ़ बजे अचानक तेज आवाज हुई। पुल के रामबाग की साइड तीन गर्डर लुढ़क कर गिर गए। इनके एक-दूसरे से टकराने की तेज आवाज से कर्मचारियों में अफरातफरी मच गई। पुलिस-प्रशासन ने जवाहर पुल की एक रोड को बंद कर दिया। इससे लंबा जाम लग गया।

    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अफसर भले ही इसे सामान्य घटना बता रहे हों, लेकिन अगर लंच टाइम न होता तो भारी गार्डर गिरने से कई कर्मचारियों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ता। इस बात को खुद कर्मचारी कह रहे हैं। तीनों गार्डर पर करीब दर्जनभर कर्मचारी काम कर रहे थे।

    शहर को जाम से बचाने के लिए तीसरे पुल का निर्माण 75 करोड़ रुपये से किया जा रहा है। यह फोर लेन का होगा। एक गार्डर की लंबाई 32 मीटर और चौड़ाई डेढ़ मीटर के करीब है। कर्मचारियों ने बताया कि दोपहर एक से दो बजे के बीच लंच टाइम होता है। सभी कर्मचारी एक जगह साथ बैठकर खाना खाते हैं। मंगलवार दोपहर भी कुछ ऐसा ही हुआ। घटना से कुछ देर पहले तीनों गार्डर पर दर्जनभर कर्मचारी काम कर रहे थे। पूरे प्रोजेक्ट पर डेढ़ दर्जन कर्मचारी थे। जैसे ही गार्डर अपने बेस से नीचे गिरा, तेज आवाज सुन कर्मचारी इधर-उधर भागने लगे। इसकी जानकारी एनएचएआइ और निर्माणदायी एजेंसी के अफसरों को दी गई। अफसर मौके पर पहुंचे और फिर इसे मामूली घटना बताकर पल्ला झाड़ लिया। सूत्रों के अनुसार पिछले माह 17वें (कुल 19वें) स्पॉन के तीन गार्डर चढ़ाए गए थे। दोनों छोर पर इन्हें फिक्स नहीं किया गया था। न ही दो गार्डर को बांधा गया था। यहां तक संरक्षा से संबंधित कई अन्य इंतजाम नहीं किए गए थे।

    जवाहर पुल से पैदल यात्रियों के निकलने पर रोक

    यमुना नदी के निर्माणाधीन तीन गर्डर गिरने से जवाहर पुल (रामबाग से वाटरवक्र्स की तरफ) को भी खतरा पैदा हो गया है। एनएचएआइ की पूरी टीम लग गई है। किसी तरीके से जवाहर पुल को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। क्योंकि गिरे हुए गर्डर से जवाहर पुल के स्पॉन से हल्का सा टकरा गए हैं। इसी के चलते पहले चार पहिया वाहनों के लिए पुल को बंद किया गया फिर रात दस बजे पैदल यात्रियों के लिए भी पुल को बंद कर दिया गया। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बुधवार को भी यही स्थिति रहेगी।

    बदले जा सकते हैं गार्डर

    जिस तरीके से गार्डर एक दूसरे से टकराए हैं। उससे उनकी डिजाइन पर असर पड़ा है। जल्द ही एनएचएआइ की टीम तीनों गार्डर की जांच करेगी। जरूरत के हिसाब से गार्डर को बदला जा सकता है।

    जवाहर पुल के नुकसान की होगी जांच

    तीसरे पुल के गार्डर गिरने से कहीं जवाहर पुल को तो नुकसान नहीं हुआ है। एनएचएआइ इसकी भी जांच कराएगा। पुल की जांच टीम करेगी।

    जख्मी है आंबेडकर पुल

    वर्ष 2009 में बना आंबेडकर पुल अब तक आधा दर्जन बार बंद हो चुका है। जवाहर पुल की एक रोड बंद होने से वाहनों का दबाव बढ़ गया है।

    प्रशासन ने मूंद रखी आंख, खतरों से खाली नहीं पुल

    आंबेडकर पुल में कई जगहों पर सरिया दिख रही हैं। एक्सपेंशन ज्वाइंट पर लगी लोहे की पत्ती टूट गई है और गैप 55 एमएम से अधिक हो गया है।

    डेढ़ साल पूर्व बने सुल्तानगंज की पुलिया फ्लाईओवर (वाटरवक्र्स से खंदारी लेन की तरफ) के एक हिस्से में गर्डर रखे हुए हैं। तीन माह पूर्व फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिर भी चुका है। दीवार पर क्रैक आ गया है। एक्सपेंशन ज्वाइंट में भी मानक से अधिक गैप है।

    गुरु का ताल आरओबी। यहां पर डेढ़ दर्जन के करीब एक्सपेंशन ज्वाइंट हैं। अधिकांश की रबर टूट चुकी है। ज्वाइंट के खाली हिस्से में कूड़ा भर गया है। 50 एमएम के बदले गैप दो से तीन इंच तक हो गया है। इससे कभी भी हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता है। शास्त्रीपुरम आरओबी। मुख्य पुल पर आधा फीट के करीब गड्ढे हैं। कई जगहों पर सरिया निकल आई है। एक्सपेंशन गैप बढ़ चुका है। शिकायतों के बाद भी आरओबी की मरम्मत नहीं की जा रही है। यह तो शहर के चार पुलों के उदाहरण हैं। वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर के ढहने के बाद भी सेतु निर्माण निगम और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की आंख नहीं खुली हैं। यहां पर भी वाराणसी जैसे हादसे का इंतजार किया जा रहा है। एक्सपेंशन ज्वाइंट में गैप बढऩे पर क्रेक होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। प्रशासन के पास लगातार शिकायतें पहुंचती हैं। हर माह सड़कों के साथ पुलों की स्थिति की समीक्षा की जाती है, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं आया है।

    मरम्मत में बरती जा रही लापरवाही

    चारों पुलों की मरम्मत में लापरवाही बरती जा रही है। विभागीय अफसरों द्वारा छह माह में पुल की जांच नहीं की जाती है। न ही क्वालिटी कंट्रोल पर ध्यान दिया जा रहा है। इस बात डीएम एनजी रवि कुमार का कहना है कि जो भी पुल या आरओबी जर्जर हैं। उनकी मरम्मत कराई जाएगी। जल्द इसे लेकर बैठक होगी।

    जवाहर पुल पर किया गया रूट डायवर्जन

    जवाहर पुल के बराबर निर्माणाधीन पुल पर गार्डर गिरने के बाद ट्रैफिक पुलिस ने मंगलवार रात से रूट डायवर्जन लागू कर दिया है। एसपी ट्रैफिक प्रशांत कुमार के अनुसार उक्त डायवर्जन अग्रिम आदेश तक लागू रहेगा। जो कि निम्न है

    -रामबाग से जवाहर पुल से होते हुए वाटर वक्र्स, मथुरा, नई दिल्ली की तरफ जाने वाले पुल को भारी एवं हल्के वाहनों एवं पैदल लोगों के लिए पूरी तरह बंद रहेगा।

    -एनएच-2 से कानपुर, इटावा, मैनपुरी, एटा, फीरोजाबाद की ओर आने वाले वाहन यदि मथुरा एवं दिल्ली जाना चाहते हैं तो वह छलेसर से यमुना एक्सप्रेस वे होकर जाएंगे।

    -अलीगढ़, हाथरस, की ओर से आने वाले भारी एवं व्यवसायिक वाहन शहर में प्रवेश न करके खंदौली से एक्सप्रेस वे होते हुए दिल्ली, मथुरा, कानपुर, इटावा, मैनपुरी, एटा, फीरोजाबाद से होकर जाएंगे।

    -यदि कोई भारी एवं व्यवसायिक वाहन कानपुर, इटावा, मैनपुरी, फीरोजाबाद, एटा, हाथरस, अलीगढ़, से ग्वालियर भरतपुर, जयपुर की ओर जाना चाहते हैं। ऐसे वाहन छलेसर से इनर ङ्क्षरग रोड होकर फतेहाबाद रोड से तोरा चौकी से होते हुए एकता चौकी से होकर रोहता ग्वालियर रोड की तरफ से जाएंगे।

    -फतेहाबाद की ओर से कोई भी भारी एवं व्यवसायिक वाहन शहर के अंदर प्रवेश नहीं करेगा।

    अंबेडकर पुल पर एकल मार्ग व्यवस्था

    -रामबाग, एत्मादपुर से होते हुए वाहन छत्ता की तरफ आंबेडकर पुल होते हुए जा सकेंगे।

    -छत्ता की तरफ से कोई भी वाहन आंबेडकर पुल होते हुए एत्माद्दौला की तरफ नहीं जाएगा।

    -ईदगाह बस स्टैंड से चलने वाली बस फतेहाबाद रोड, इनर ङ्क्षरग रोड से अपने गंतव्य को जाएंगी। यह वाहन यमुना किनारे पुल पर नहीं जाएंगे।

    -जयपुर, भरतपुर से आने वाले वाहन दक्षिणी बाइपास से होते हुए रुनकता से एनएच-2 से होकर जाएंगे।

    -ग्वालियर से आने वाले वाहन दक्षिणी बाइपास से मथुरा, जयपुर, नई दिल्ली, लखनऊ वाया दक्षिणी बाइपास होकर जा सकेंगे।

    स्ट्रेची ब्रिज पर भी एकल मार्ग व्यवस्था

    -स्ट्रेची पुल पर हल्के वाहन हल्के वाहन, छत्ता से एत्माद्दौला की तरफ जा सकेंगे।

    -स्ट्रेची पुल से कोई भी वाहन एत्माद्दौला से छत्ता की ओर नहीं जा सकेगा।

    अफसरों को शाम तक गुमराह करता रहा एनएचएआइ

    अपनी खामी छिपाने के लिए एनएचएआइ के अधिकारी पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को गुमराह करते रहे। लंबा जाम लगने पर अधिकारी सक्रिय हुए और देर शाम उनके सामने पूरा मामला आया। इससे पहले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी 'कुछ खास नहीं कहते रहे। दोपहर डेढ़ बजे की घटना होने के बाद भी एनएचएआइ के अधिकारियों ने पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को सूचित ही नहीं किया। थाना पुलिस को जब इसकी जानकारी मिली तो आनन-फानन में एक ओर का ट्रैफिक रोका गया। जाम लगा तो अधिकारियों के भी फोन घनघनाने लगे। एनएचएआइ के अधिकारियों से जब इसके बारे में पूछा गया तो जवाब मिला कि साधारण बात है,जल्द ही सब ठीक कर लिया जाएगा। लेकिन शाम तक जाम नहीं खुला तो पुलिस व प्रशासन के उच्चाधिकारियों को भी चिंता हुई। उन्होंने अधीनस्थों से पूछा तो सभी साधारण बात ही बताने लगे। देर शाम तक समस्या हल न होने पर जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने फिर एनएचएआइ अधिकारियों से बात की। सवाल-जवाब के बाद पूरा मामला स्पष्ट हुआ। लिहाजा रात में ही डीएम ने लोनिवि व एडीए अधिकारियों से बात कर अनुभवी इंजीनियरों को जांच के लिए भेजने को कहा। इस बारे में डीएम का कहना है कि पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच होगी, जिसकी लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।