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    UP Government के प्रयास को पलीता, U Dise Portal पर भी फर्जीवाड़ा, 800 से अधिक निजी स्कूलों का डाटा गलत

    By Sumit Kumar Dwivedi Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 02:31 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के सरकारी प्रयासों को तब झटका लगा जब यू डाइस पोर्टल पर 800 से अधिक निजी स्कूलों ने गलत जानकारी अपलोड की। शिक्षा विभाग की जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें स्कूलों ने छात्रों, शिक्षकों और सुविधाओं के बारे में गलत आंकड़े दिए। सरकार अब इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है और पोर्टल को सुरक्षित बनाने पर ध्यान दे रही है।

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    सांकेतिक तस्वीर।

    सुमित द्विवेदी, आगरा। शिक्षा विभाग की रिपोर्ट से शहर के नामी निजी स्कूलों की गलत डाटा फीडिंग की रिपोर्ट का मामला सामने आया है। जिले में यू-डाइस प्लस पोर्टल पर अपलोड किए गए आंकड़ों की मूल दस्तावेजों से जांच की गई तो करीब 800 से ज्यादा निजी स्कूलों में भारी गड़बड़झाला मिला।

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    किंडरगार्टन पंजीकृत नहीं हुए, साथ छात्रों की संख्या, शिक्षकों का विवरण, क्लासरूम, शौचालय, पेयजल, खेल का मैदान, लाइब्रेरी, कंप्यूटर-इंटरनेट, फायर सेफ्टी, मिड-डे मील, दिव्यांग सुविधाएं और स्कूल की आय-व्यय तक में झूठी और गलत जानकारी डाली गई। यूडायस भारत सरकार का सबसे बड़ा शिक्षा डेटा पोर्टल है।

    हर साल सभी सरकारी और निजी स्कूलों को अपना पूरा ब्योरा इसमें भरना पड़ता है। इस डेटा के आधार पर ही केंद्र सरकार राज्यों को फंड देती है, नीतियां बनाती है और बच्चों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाती है। अगर डेटा गलत होगा तो सरकारी मदद का गलत उपयोग होगा। स्कूलों की असलियत छुप जाएगी और बच्चों का हक मारा जाएगा।

    इसलिए सही डेटा भरना हर स्कूल की कानूनी जिम्मेदारी है। ऐसे में जिले में आठ सौ से अधिक निजी स्कूलों ने इस जिम्मेदारी को मजाक बना दिया। दयालबाग का दिल्ली पब्लिक स्कूल, मारुति एस्टेट का सिंपकिंस, आरके पुरम गैलाना रोड का जिम कार्बेट पब्लिक स्कूल, एमजी रोड का सेंट पाल्स यूनिट-1, वजीरपुरा रोड का सेंट पैट्रिक्स स्कूल सहित आठ सौ से अधिक नामी स्कूल इस सूची में हैं।

    इस पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा के सख्त निर्देश भी आए, लेकिन स्कूलों ने सुधार नहीं किया। मामले में सबसे बड़ी लापरवाही तो बेसिक शिक्षा विभाग की रही जिसने बिना जांचे-परखे गलत डाटा को जिला स्तर से सर्टिफाइड कर शासन को भेज दिया। इसके साथ प्ले ग्रुप, प्री-स्कूल, किड्जी, किंडरगार्टन जैसे छोटे स्कूल अभी तक यू-डाइस पर रजिस्टर ही नहीं हो पाए हैं।

    जिस कारण इनमें पढ़ने वाले बच्चों को बड़े स्कूलों में दाखिला या ट्रांसफर कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इससे अभिभावकों का परेशान होना लाजमी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जितेंद्र कुमार गोंड ने बताया, यूडायस पोर्टल पर जिले के आठ से अधिक स्कूलों का डाटा गलत है, इसे सही कराने के लिए स्कूलों को अंतिम नोटिस भेजा जा रहा है। शासनादेश का पालन नहीं करने वाले स्कूल पर कार्रवाई होगी। 

    प्रधानाचार्यों पर कार्रवाई के निर्देश

    यूडायस गलत डाटा फीडिंग पर शासन ने साफ निर्देश दे दिए हैं कि गलत डाटा फीड करने वाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों और स्कूल संचालकों पर सख्त कार्रवाई होगी। जिम कार्बेट स्कूल के संचालक आरके सिंह राघव ने कहा, हमने डेटा में सुधार कर लिया है। वहीं सेंट पाल्स यूनिट-1 के प्रिंसिपल आशीष पाल हाबिल ने कहा, हमें अभी जानकारी नहीं है, पता करके सुधार करा लेंगे।