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    साइबर ठगों ने मनरेगा के बैंक खातों में लगाई सेंध, मथुरा से जुड़े तार; ऐसे होता था खेल

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 07:49 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के मनरेगा बैंक खातों में साइबर सेंधमारी का मामला सामने आया है, जिसके तार मथुरा से जुड़े बताए जा रहे हैं। साइबर ठगों ने खातों से अवैध रूप ...और पढ़ें

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    20 लाख का किया ट्रांजेक्शन, मास्टरमाइंड की तलाश में पुलिस दे रही दबिश। प्रतीकात्‍मक

    संवाद सूत्र, जागरण-किरावली। साइबर ठगी गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस, साइबर सेल और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया गया। आरोपित कमीशन के लालच में अपने रिश्तेदारों व परिचितों के बैंक खाते साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराते थे।

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    घटना का खुलासा तब हुआ जब किरावली के गढ़ी दौलत निवासी विहारी लाल ने रविवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बताया कि उनके मामा-ससुर के पुत्र दामोदर ने उन्हें फोन कर विश्वास में लिया। दामोदर ने कहा कि मनरेगा योजना का कुछ पैसा आना है। इसके लिए एक बैंक खाते की आवश्यकता है।

    रिश्तेदार होने के नाते विहारी लाल ने अपना खाता नंबर दे दिया। इसके बाद ठगों ने उस खाते में चार से पांच लाख रुपये ट्रांसफर किए और बहाने से चेकबुक व पासबुक लेकर सारी रकम निकाल ली। संदिग्ध लेन-देन के कारण जब बैंक ने विहारी लाल का खाता फ्रीज कर दिया, तब उन्हें हुई ठगी का अहसास हुआ। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।

    मथुरा से जुड़े हैं तार, ऐसे होता था खेल

    पुलिस टीम ने रुनकता-रायभा तिराहा पर घेराबंदी कर दो आरोपितों को पकड़ा। आरोपितों में मथुरा के आनंद धाम कालोनी निवासी देवेश राना और फरह के गांव झुड़ावई निवासी दामोदर सिंह शामिल हैं। पूछताछ में मुख्य आरोपित देवेश ने बताया कि गिरोह के सरगना मथुरा निवासी अंकित और जीतू उर्फ जितेंद्र ने उसे 18-20 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन के लिए खातों का इंतजाम करने को कहा था।

    इसके लिए देवेश ने दामोदर को मोहरा बनाया। दामोदर ने अपने रिश्तेदारों से झूठ बोलकर खाते हासिल किए। उन खातों में साइबर फ्राड का पैसा आता था, जिसे निकालकर नकद राशि मथुरा के कृष्णा नगर स्थित सीडीएस मशीन के माध्यम से सरगना के खातों में जमा करा दी जाती थी। बताया कि मशीन में ये खाते पीजी के नाम से प्रदर्शित होते थे। इस काम के बदले देवेश और दामोदर को मोटा कमीशन मिलता था।

    फ्रीज खाते ने खोली पोल

    आरोपित देवेश ने बताया कि एक रिश्तेदार का खाता फ्रीज होने के बाद वह दबाव बना रहा था और पुलिस से शिकायत की धमकी दे रहा था। रविवार को देवेश और दामोदर उसी रिश्तेदार की पासबुक और चेकबुक वापस करने जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।

    बरामदगी और पुलिस टीम

    गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से पुलिस ने 17,650 रुपये नकद, कार, मोबाइल, पासबुक और चेकबुक बरामद हुई हैं। दोनों का पूर्व में भी किरावली और थाना चिकसाना, भरतपुर (राजस्थान) में आपराधिक इतिहास रहा है। पुलिस टीम में थाना प्रभारी किरावली नीरज कुमार, साइबर सर्विलांस प्रभारी सौरभ सिंह, एसओजी प्रभारी सोहनपाल सिंह, उपनिरीक्षक अभिषेक तिवारी, अमित कुमार, शुभम सिद्ध, सुधांशु वाजपेयी, अनुज कुमार, सतीश कुमार सोलंकी, विशांत राठी, रणधीर सिंह शामिल रहे। पुलिस फरार आरोपित अंकित और जीतू की तलाश में दबिश दे रही है।

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