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    Agra News: स्‍कूल की बाउंड्रीवाल और गेट गिरा, मलबे में दबकर छात्रा की मौत; तीन बच्चियां बाल-बाल बची

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 03:18 PM (IST)

    आगरा के पिढ़ौरा में एक जर्जर प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्रीवाल गिरने से 10 वर्षीय छात्रा की मौत हो गई। भवन जर्जर घोषित होने के बाद भी वहां कक्षाएं चल रही थीं। खेलते समय बच्ची मलबे में दब गई। घटना से गांव में शोक का माहौल है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव तक पहुंचने का पक्का रास्ता भी नहीं है।

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    विद्यालय की बाउंड्रीवाल और गेट गिरा, मलबे में दबकर छात्रा की मृत्यु।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    संवाद सूत्र, भदरौली। प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन के पास खेलते समय विद्यालय की बाउंड्रीवाल और गेट गिरने से दबकर 10 वर्षीय बच्ची की मृत्यु हो गई। वह इसी स्कूल में कक्षा पांचवीं की छात्रा थी। घटना के बाद से क्षेत्रीय लोगों में रोष व्याप्त है।

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    पिढ़ौरा के गांव पोखरा गगनकी के प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका है। इमारत पर जर्जर भवन लिखा हुआ है। यहां खुले में ही शिक्षण कार्य हो रहा है। गांव के केशव की 10 वर्षीय बेटी चांदनी साथी बच्चियों राधिका, दिव्या और निशा के साथ स्कूल के पास खेल रही थी। शाम चार बजे विद्यालय की बाउंड्रीवाल और गेट भरभराकर गिर गए। चांदनी मलबे में दब गई। यह देख बच्चियों ने शोर मचा दिया। जानकारी पर लोग पहुंच गए। उन्होंने बचाव कार्य शुरू कर दिया।

    20 मिनट बाद चांदनी को बाहर निकाला गया लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। हादसे की जानकारी पर स्वजन में कोहराम मच गया। राजस्व टीम के कानूनगो रामनिवास, लेखपाल राघवेंद्र गौतम और ग्राम प्रधान बलाई राजेश ने मौके पर पहुंचकर जानकारी जुटाई।

    स्वजन ने पुलिस को बताया कि चांदनी इसी विद्यालय में कक्षा पांच की छात्रा थी। गुरुवार को वह स्कूल गई थी। घर लौटने के बाद शाम को साथी बच्चों संग खेल रही थी, तभी हादसा हो गया।

    मुंबई में मजदूरी करते हैं पिता

    केशव मुंबई में मजदूरी करते हैं। उनके चार बच्चों में चांदनी सबसे बड़ी थी। उससे छोटा बेटा आठ वर्षीय प्रदीप पांच वर्षीय राधिका और तीन वर्षीय दुर्गेश हैं। हादसे के बाद से मां जमुना देवी, दादी फूलो देवी व दादा बदन सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है।

    जर्जर भवन होने के बाद भी लग रही कक्षाएं

    क्षेत्रीय ग्रामीण हरी सिंह, कैलासी, हीरा सिंह ने बताया कि इसी वर्ष जुलाई में इस विद्यालय के भवन पर जर्जर भवन लिख दिया गया था। इसके बाद भी यहां शिक्षण कार्य चल रहा है। दो दिन से कोई शिक्षक पढ़ाने नहीं आया है। इससे पूर्व लगातार कक्षाएं चल रही थीं।

    गांव तक पहुंचने का नहीं कोई पक्का मार्ग

    गगनकी गांव तक पहुंचने का कोई पक्का रास्ता नहीं है। बच्ची के शव को ले जाने के लिए यमुना के किनारे ट्रैक्टर से रास्ता बनाकर शव को निकाला जा सका।

    विद्यालय भवन को जर्जर घोषित नहीं किया गया है। यदि वहां जर्जर भवन लिखा है तो इसकी जांच की जाएगी। विद्यालय में एकमात्र शिक्षक विनीत कुमार की तैनाती है। गुरुवार को बारिश के कारण वे स्कूल नहीं पहुंच सके थे। जांच के बाद कार्रवाई होगी।- उमेश गौतम, खंड शिक्षा अधिकारी