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    World Food Safety Day: दूध-पनीर नमकीन और तेल, शुद्धता में सब फेल; जानें मिलावट पहचानने का तरीका

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Wed, 07 Jun 2023 04:04 PM (IST)

    World Food Safety Day इस साल विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की थीम है खाद्य मानक जीवन बचाते हैं। इस थीम का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखने और खाद्य मानकों के महत्व को पहचानना है। बाजार में मिल रही खाद्य सामग्री मिलावटी हो सकती है जो हमारी सेहत बिगाड़ सकती है।

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    दूध-पनीर नमकीन और तेल, शुद्धता में सब फेल; जानें मिलावट पहचानने का तरीका

    आगरा, जागरण संवाददाता। दुनिया में 7 जून को वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का मकसद लोगों को फूड सेफ्टी के महत्व को समझाना है। आज के भाग दौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड और बाहरी खाने की मांग बढ़ गई है। फास्ट फूड और बाहरी खाने की खराब गुणवत्ता हमारे शरीर को भी कमजोर बना रही है। इसी तरह खाने की गुणवत्ता की अहमियत को बताने के लिए 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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    इस साल विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की थीम है 'खाद्य मानक जीवन बचाते हैं'। इस थीम का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखने और खाद्य मानकों के महत्व को पहचानना है। मिलावट और खराब सामग्री से बन रहे खानों से होने वाले नुकसान से जनता को इस दिन जागरूक किया जाता है। मार्केट में बिकने वाला हर सामान मिलावट के पैमाने पर कितना खरा उतरता है, जब इसकी जांच की गई तो परिणाम चिंताजनक निकले। 

    एक्शन के बाद भी नहीं रुक रही मिलावटखोरी

    रैपर, पैकिंग में खाद्य सामग्री में शुद्धता के दावे तो किए जाते हैं मगर, परीक्षण में अधिकांश नमूने इस दावे की धज्जियां उड़ा देते हैं। दूध और इसके उत्पाद ही नहीं, अन्य खाद्य सामग्री शुद्धता की कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे हैं। बीमारियों का एक कारण चिकित्सक यही अशुद्धता भी बताते हैं। परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विभाग मिलावटखोरों को कानूनी शिकंजे में कसता है, इसके बावजूद मिलावटखोरी रुक नहीं रही है।

    आगरा में वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 163 नमूने फेल हुए हैं। इसमें 86 मामले दूध, पनीर व उससे जुड़े उत्पादों के हैं। मिलावटखोरों द्वारा नमकीन व सरसों तेल में भी खतरनाक श्रेणी के रसायन का मिश्रण किया जा रहा है। इसके साथ ही 168 प्रकरण मिथ्या छाप के हैं।

    परीक्षण के बाद सामने आई है रिपोर्ट

    • दूध में घी निकाल कर उस कमी को पूरा करने के लिए पाम आयल का मिश्रण घोला था। इससे पहले उन्होंने क्रीम सेपरेटर मशीन द्वारा दूध से वसा (फैट) निकाला है।
    • मिलावटखोरों ने नमकीन में रंग का मिश्रण किया था। ताकि उसमें पीलापन बढ़ सके। रसायन से तैयार रंग खतरनाक श्रेणी का था है। सिंथेटिक फूड कलर के मिश्रण पर रोक है।
    • सरसों तेल में सनसेट येलो रंग का मिश्रण सामने आया है। यद्यपि अम्लता ज्यादा होने से खाने योग्य नहीं रहता है। तेल को खराब होने से रोकने के लिए खतरनाक रंग का मिश्रण किया था।

    मिलावट पहचानने का है ये तरीका

    • दूध में मिलावट पहचानने का तरीका शीशे पर दूध को थोड़ी सी मात्रा में गिराएं। शुद्ध है तो बह कर रुक जाएगा।
    • शुद्धता मापन के लिए दूसरे तरीके में दूध में अंगुली डालें। वह हाथ में चिपक जाएगा, क्योंकि उसमें वसा (फैट) रहता है।

    हो सकती है गंभीर बीमारियां

    फिजिशियन डा. मनीष बंसल ने कहा कि मिलावटी खाद्य पदार्थ के सेवन से गुर्दे और जिगर की बीमारियां हो सकती हैं। त्वचा में संक्रमण भी हो सकता है। गंभीर स्थिति में कैंसर की भी आशंका रहती हैं। कई अन्य बीमारियों का कारण खाद्य पदार्थों में मिलावट भी होती है। लोगों को मिलावटी खाद्य सामग्री से बचना चाहिए।

    नमूनों के परीक्षण का ये रहा रिजल्ट

    वित्तीय वर्ष 2022-23

    • 997 नमूने कुल एकत्र
    • 506 अधोमानक
    • 163 असुरक्षित (फेल)
    • 168 मिथ्या छाप
    • 22 नियमों की अनदेखी निर्णय संबंधित
    • 684 प्रकरण न्यायालय में दायर (एडीएम सिटी कोर्ट में)
    • 429 प्रकरण निस्तारित (एडीएम सिटी कोर्ट से)
    • 58.05 लाख जुर्माना वसूला गया 165 प्रकरण एसीजेएम कोर्ट में विचाराधीन (ये सभी फेल नमूने हैं)

    वित्तीय वर्ष 2023-24 (अब तक)

    • 21 नमूने कुल एकत्र
    • 4 अधोमानक
    • 1 असुरक्षित (फेल)
    • 14 मिथ्या छाप
    • 3 नियमों की अनदेखी निर्णय संबंधित
    • 47 प्रकरण न्यायालय में दायर (एडीएम सिटी कोर्ट में)
    • 2 प्रकरण निस्तारित (एडीएम सिटी कोर्ट से)
    • 10 हजार जुर्माना वसूला गया
    • 8 प्रकरण एसीजेएम कोर्ट में विचाराधीन (ये सभी फेल नमूने हैं)