Updated: Fri, 31 May 2024 09:02 AM (IST)
मुंबई का एयरपोर्ट ताज होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) को बम को उड़ाने की धमकी के मामले में गुरुवार को नया मोड़ आ गया। दो आरोपितों को हिरासत में लिए जाने के बाद भी धमकी वाले मोबाइल का इस्तेमाल नहीं रुका है। इसका प्रयोग आगरा में हो रहा है। मोबाइल की आगरा में लोकेशन मिलते ही मुंबई क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम आगरा पहुंच गई।
जागरण संवाददाता, हाथरस। मुंबई का एयरपोर्ट, ताज होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) को बम को उड़ाने की धमकी के मामले में गुरुवार को नया मोड़ आ गया। दो आरोपितों को हिरासत में लिए जाने के बाद भी धमकी वाले मोबाइल का इस्तेमाल नहीं रुका है। इसका प्रयोग आगरा में हो रहा है। मोबाइल की आगरा में लोकेशन मिलते ही मुंबई क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम आगरा पहुंच गई।
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धमकी के तार सीधे आगरा से जुड़े हो सकते हैं। मुंबई ट्रैफिक पुलिस के हेल्पलाइन नंबर पर 27 मई को धमकी भरा संदेश भेजा गया था। इसमें लिखा था कि पूरी मुंबई को बम से उड़ा दिया जाएगा। मुंबई के एयरपोर्ट, ताज होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर बम लगा है। यह सूचना मिलते ही मुंबई पुलिस में खलबली मच गई। नंबर की जांच की गई। मुंबई पुलिस ने शुरुआती छानबीन में आगरा पुलिस से संपर्क किया।
ट्रेस करने पर सामने आया कि यह नंबर हाथरस के सिकंदराराऊ के गांव देवर पनाखर के रत्नेश के नाम दर्ज है। पुलिस ने रत्नेश को गांव से पकड़ लिया। देर रात मुंबई की क्राइम ब्रांच और वर्ली थाने की टीम सिकंदराराऊ पहुंची। टीम के इंस्पेक्टर प्रशांत भाटी ने बताया कि धमकी के मामले में वर्ली में रिपोर्ट दर्ज की गई है। टीम ने रत्नेश से पूछताछ की तो बताया कि उसका मोबाइल रिश्ते के चाचा धर्मेंद्र ने लिया था।
उसने ही कोई मैसेज किया है। उसे धमकी वाले संदेश के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पुलिस ने धर्मेंद्र को भी पकड़ लिया। उससे पूछताछ के बाद पूरा मामला ही बदल गया। धर्मेंद्र ने बताया कि उसने मई की शुरुआत में सिकंदराराऊ से नया मोबाइल खरीदा था। 15 मई को वह बागेश्वर धाम जा रहा था, तभी मथुरा जंक्शन पर उसका मोबाइल गिर गया।
बागेश्वर धाम से लौटने के बाद उसने सिकंदराराऊ कोतवाली में 23 मई को मोबाइल खोने की सूचना दी। इसकी रिसीविंग भी उसके पास है। इधर, सर्विलांस से जानकारी मिली है कि मोबाइल का प्रयोग आगरा में कोई कर रहा है। अब मोबाइल में नई सिम डाली गई है जो कि आगरा के लोहामंडी से खरीदी गई है। इस जानकारी के बाद पुलिस में खलबली मच गई है।
आगरा के नंबरों पर हुई बात
मुंबई पुलिस ने सिकंदराराऊ के उस मोबाइल विक्रेता से भी जानकारी की, जहां से धर्मेंद्र ने मोबाइल खरीदा था। मोबाइल खरीदने के बाद एक्टिवेशन के दौरान धर्मेंद्र ने रत्नेश की सिम डाल दी थी, इसलिए मोबाइल के आइईएमआइ नंबर पर रत्नेश का नंबर दर्ज हो गया। इसी मोबाइल से धमकी के बाद पुलिस सिकंदराराऊ पहुंच गई।
सर्विलांस से जानकारी के अनुसार अब तक मोबाइल में तीन-चार सिम का प्रयोग किया जा चुका है। हाल ही में लोहामंडी से खरीदी गई सिम में आगरा के कई नंबरों पर बात हुई है। पुलिस को आशंका है कि एयरपोर्ट तथा ताज होटल उड़ाने की धमकी देने वाले मामले में आगरा के ही शातिरों की साजिश हो सकती है। प्रथम दृष्टया सिकंदराराऊ के दोनों युवक निर्दोष दिखाई दे रहे हैं।
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