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कीठम के ईको सेंसिटिव जोन के निर्धारण में नया पेच

सीईसी कीठम के क्षेत्र का निर्धारण करने पर कर रही है विचार सुप्रीम कोर्ट में जमा की जानी है रिपोर्ट मांगे गए थे पुराने नक्शे

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 09:00 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 09:00 PM (IST)
कीठम के ईको सेंसिटिव जोन के निर्धारण में नया पेच
कीठम के ईको सेंसिटिव जोन के निर्धारण में नया पेच

आगरा,जागरण संवाददाता। सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम) के ईको सेंसिटिव जोन के निर्धारण में नया पेच फंस गया है। सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) ईको सेंसिटिव जोन से पहले कीठम के ही क्षेत्र का निर्धारण वर्ष 1991 के गजट नोटिफिकेशन के आधार कराने पर विचार कर रही है। सीईसी संबंधित दस्तावेज, नक्शे और राजस्व रिकार्ड पुन: संकलित करने के साथ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए निर्देशों और विभिन्न समितियों की रिपोर्ट को भी इसका आधार बनाएगी।

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सीईसी के चाणक्यपुरी, दिल्ली स्थित कार्यालय में बुधवार को कीठम के ईको सेंसिटिव जोन के निर्धारण को बैठक हुई। सीईसी को आगरा के डा. शरद गुप्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कीठम का ईको सेंसिटिव जोन निर्धारित करते हुए रिपोर्ट दाखिल करनी है। बैठक में मौजूद रहे डा. शरद गुप्ता ने बताया कि सीईसी के सदस्यों ने कीठम के ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण करने से पूर्व कीठम के क्षेत्र का सही निर्धारण करने पर जोर दिया। उन्होंने वन एवं वन्य जीव विभाग के अफसरों से झील व जंगल का क्षेत्रफल 800 एकड़ निर्धारित करने के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि कीठम का क्षेत्र रुनकता, सींगना और अरसैना तक करीब 1865 एकड़ है। कीठम के क्षेत्र का निर्धारण होने के बाद ही ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण हो सकेगा। यह है मामला

कीठम के ईको सेंसिटिव जोन के संबंध में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 24 अप्रैल, 2018 को नोटिफिकेशन जारी किया था। डा. शरद गुप्ता ने कीठम के ईको सेंसिटिव जोन को घटाकर नोटिफिकेशन करने पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मंत्रालय ने नोटिफिकेशन रद कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 18 फरवरी को सुनवाई करते हुए सीईसी को कीठम के ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण करते हुए अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिए थे। सीईसी ने मांगे पुराने नक्शे व एफीडेबिट

छह अगस्त को सीईसी की टीम आगरा आई थी। उसने सूर सरोवर पक्षी विहार का निरीक्षण करने के साथ वन एवं वन्य जीव विभाग के अफसरों के साथ बैठक की थी। सीईसी ने कीठम का वर्ष 1991 का नक्शा और वन विभाग द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल किए गए एफीडेबिट की प्रतियां मांगी है।


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