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ई-श्रम कार्ड के फायदे तमाम, कैसे बनवाएं और किस तरह मिलेगा लाभ, जानिए इसके बारे में ए टू जेड

e shram Card आगरा के उप श्रमायुक्त दीप्तिमान भट्ट ने दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में ई-श्रम कार्ड की प्रक्रिया और लाभ गिनाए। पात्र श्रमिकों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए संचालित योजनाओं की दी जानकारी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 11:42 AM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 11:42 AM (IST)
ई-श्रम कार्ड के फायदे तमाम, कैसे बनवाएं और किस तरह मिलेगा लाभ, जानिए इसके बारे में ए टू जेड
ई-श्रम कार्ड बनवाने के लिए श्रम विभाग द्वारा समय समय पर कैंप भी लगाए जा रहे हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों, संगठित व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की कई योजनाएं संचालित हैं, जिनका लाभ लेने के लिए विभाग में ई-पंजीकरण करना अनिवार्य है। ई-श्रम कार्ड के तमाम फायदे हैं, धारकों को दो लाख का दुर्घटना बीमा व आयुष्मान कार्ड के माध्यम से पांच लाख तक की कैशलेश चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।

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दैनिक जागरण के प्रश्न-पहर में मंडलीय उप श्रमायुक्त दीप्तिमान भट्ट ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग प्राथमिकता से आयुष्मान गोल्ड कार्ड बनवा रहा है। ई-श्रम कार्ड धारक और निर्माण श्रमिकों को इसका लाभ मिलेगा। धारक को मुख्यमंत्री जन आरोग्य बीमा योजना अंतर्गत आयुष्मान कार्ड बनवाकर पांच लाख तक की निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा, साथ में दुर्घटना में मृत्यु होने पर प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना अंतर्गत आश्रित को दो लाख की सहायता राशि दी जाएगी। इन्हें जनसेवा व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रोजगार सेवकों व आरोग्य मित्र आदि द्वारा बनवा सकते हैं। इसके लिए ई-श्रम कार्ड नंबर व राशन कार्ड होना जरूरी है, सत्यापन के बाद लाभ मिलेगा।

संगठित क्षेत्र के श्रमिकों की कई योजनाएं

कारखानों व वाणिज्यिक संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों के लिए विभाग में आठ योजनाएं संचालित हैं। ज्योतिबा फुले श्रमिक कन्यादान योजना में पंजीकृत श्रमिक की दो बेटियों की शादी में 51 हजार की सहायता राशि। डा. एपीजे अब्दुल कलाम श्रमिक प्राविधिक शिक्षा सहायता योजना व गणेश शंकर विद्यार्थी श्रमिक पुरस्कार राशि योजना में श्रमिकों के बच्चों को आर्थिक सहायता, दत्तोंपंत ठेंगड़ी मृतक आर्थिक सहायता योजना में मृतक श्रमिक की विधवा को एक लाख की आर्थिक सहायता।

राजा हरिशचंद्र मृतक श्रमिक अंत्येष्टि सहायता योजना में अंतिम संस्कार के लिए 10 हजार रुपये, चेतन चौहान श्रमिक क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना में खेलों में चयन पर आर्थिक सहायता और श्रवण कुमार श्रमिक परिवार तीर्थ यात्रा योजना में तीर्थयात्रा के लिए 12 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

प्रश्न: आयुष्मान कार्ड और श्रमिक कार्ड बनवाना है, क्या करूं।

पवन कुमार, पुरागोवर्धन। विजय सिंह, बिचपुरी।

उत्तर: आयुष्मान कार्ड के लिए आपके पास ई-श्रम कार्ड होना जरूरी है। इसके बाद जनसुविधा केंद्र पर अपना राशन कार्ड लेकर जाएं, सूची में नाम होने पर कार्ड बन जाएगा।

प्रश्न: ई-श्रम कार्ड बनवाना चाहता हूं। इससे क्या लाभ है?

अमन चाहर, अकोला। राधेश्याम, सैंया।

उत्तर: ई-श्रम कार्ड धारकों को शासन ने कोविड राहत की चार किश्तें भेजी थी, जो उनके खातों में आ गई हैं। अब उन्हें दो लाख का दुर्घटना बीमा व पांच लाख का आरोग्य कार्ड लाभ मिलेगा।

प्रश्न: हमारे क्षेत्र मजदूर बाहुल्य है, लेकिन यहां श्रम विभाग की योजनाओं का प्रसार प्रसार नहीं होता, शिविर भी नहीं लगा।

दिलीप कुमार, धनौली।

उत्तर: आनलाइन ई-श्रम कार्ड बनवाने के लिए नजदीकी जनसुविधा केंद्र की सहायता लें। अधिकारी भेजकर लोगों को जागरूक करेंगे।

प्रश्न- ई-श्रम कार्ड योजना में कई लोग ऐसे हैं, जिनके खाते में अब तक एक भी किश्त नहीं आई है।

गजेंद्र शर्मा, धनौली। रामबाबू, राजपुर चुंगी। राजवीर सिंह, सैंया।

उत्तर: योजना लाभ सिर्फ उन्हीं पात्रों को मिला, जिन्होंने 31 अक्टूबर तक अपना पंजीयन करा लिया था। इसके बाद धारकों को बीमा व आयुष्मान कार्ड की सुविधा दी जा रही है।

प्रश्न- आयुष्मान कार्ड बनवाने गया, तो ई-श्रम कार्ड बनवाने की अनिवार्यता बताकर लौटा दिया।

प्रिंस चाहर, अकोला।

उत्तर: आयुष्मान कार्ड बनवाने से पहल ई-श्रम कार्ड व राशनकार्ड होना जरूरी है। राशन कार्ड न होने पर आनलाइन डाटा दिखाई नहीं देगा।सूचनाएं अपडेट कराकर कार्ड बनवाएं।

प्रश्न: फैक्ट्रियों में लगातार बाल श्रम हो रहा है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही।

संजय सिंह, टेढ़ी बगिया।

उत्तर: यदि बाल श्रम की शिकायत है, तो हमें स्थान की जानकारी दें। पेंसिल पोर्टल पर आनलाइन शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। विभाग प्रत्येक तीन महीने में बालश्रम उन्मूलन अभियान चलाता है।

प्रश्न- श्रमिक वर्ग के लिए विभाग में कौन सी योजनाएं संचालित हैं।

तेज कपूर, मलपुरा।

उत्तर: साल में 100 दिन काम करने वाली महिलाओं और श्रमिकों को विभागीय योजना में पंजीकृत किया जा सकता है। उनके कार्य के अनुरूप अलग-अलग श्रेणी में पंजीकरण कराया जा सकता है।


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