Street Dogs: अस्पतालों में घूम रहे आवारा कुत्ते, डरे सहमे रहते हैं मरीज और तीमारदार
आगरा के सरकारी अस्पतालों में आवारा कुत्तों के घूमने से मरीज और तीमारदार परेशान हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में कुत्ते वार्डों तक में घुस जाते हैं। अस्पताल प्रशासन ने नगर निगम को कई बार पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों से आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया है, जिसके लिए आठ सप्ताह का समय दिया गया है।

प्रतीकात्मक चित्र।
जागरण संवाददाता, आगरा। सरकारी अस्पतालों में आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं, इससे मरीज और तीमारदार भी डरे सहमे रहते हैं। एसएन मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल और लेडी लायल परिसर में आवारा कुत्ते परिसर में घूमते रहते हैं।
मौका मिलते ही वार्ड और इमरजेंसी में भी पहुंच जाते हैं। अस्पताल प्रशासन द्वारा आवारा कुत्तों को परिसर से हटाने के लिए कई बार पत्र लिखे गए। मगर, नगर निगम द्वारा अस्पतालों से कुत्तों को हटाया नहीं गया है।
नसबंदी करने के बाद अस्पताल परिसर में ही कुत्ते छोड़ दिए जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों, बस स्टैंडों, खेल परिसरों और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों और अन्य ऐसे मवेशियों को तुरंत हटाए जाने और उन्हें आश्रय गृह भेजने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए आठ सप्ताह का समय दिया है। शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे लेडी लायल जिला महिला चिकित्सालय में प्रवेश द्वार बगल में कुत्ते बैठे हुए थे, इसके पास ही मरीज और तीमारदार बैठे थे।
एसएन मेडिकल कालेज में बाल रोग विभाग के बाहर कुत्तों का झुंड लगा हुआ था। रेडियोडायग्नोस्टिक विभाग के बाहर कुत्ते बैठे हुए थे, यहां गंभीर हालत में मरीज जांच के लिए आते हैं। वहीं, जिला अस्पताल में इमरजेंसी के बाहर भी कुत्ते बैठे हुए थे।
सरकारी अस्पतालों के परिसर में कुत्ते घूमते रहते हैं, मौका लगते ही वार्ड में भी कुत्ते पहुंच जाते हैं। कुत्तों को हटाने के लिए एसएन, जिला अस्पताल और लेडी लायल प्रशासन द्वारा नगर निगम को पत्र लिखे गए।
नगर निगम की टीम ने कुत्तों को अस्पताल परिसर से ले जाकर नसबंदी कराने के बाद दोबारा अस्पताल में ही छोड़ दिया। इसलिए अस्पताल परिसर से कुत्ते कम नहीं हो रहे हैं, अस्पतालों में तीमारदार खाना भी फेंक देते हैं इसलिए आस पास के क्षेत्र से भी कुत्ते अस्पताल परिसर में आ जाते हैं।
एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता का कहना है
नगर निगम काे कई बार पत्र लिखा गया, 20 कुत्तों को पकड़ कर भी ले गए। कुत्तों की नसबंदी करने के बाद अस्पताल परिसर में ही छोड़ देते हैं इससे कुत्ते कम नहीं हो रहे हैं। सुरक्षा कर्मी कुत्तों को अस्पताल परिसर से भगा देते हैं लेकिन कुछ देर बाद दोबारा आ जाते हैं।

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