मिग-21 की जगह लेगा तेजस: एडीआरडीई ने तैयार किया एमके-1 ए का ब्रेक पैराशूट, ऐसे करता है काम
भारतीय वायुसेना के मिग-21 विमान के रिटायर होने के बाद अब स्वदेशी तेजस एमके-1ए उसकी जगह लेगा। इस विमान के लिए ब्रेक पैराशूट एडीआरडीई ने विकसित किया है। यह पैराशूट नायलॉन 66 फैब्रिक से बना है और विमान को तेजी से रोकने में मदद करता है। इसके परीक्षण सफल रहे हैं और यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। Agra News में यह एक महत्वपूर्ण खबर है।

जागरण संवाददाता, आगरा। भारतीय वायुसेना के पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमान मिग-21 हो या फिर मिग-29। हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) ने दोनों ही लड़ाकू विमानों का स्वदेशी ब्रेक पैराशूट विकसित किया है। 26 सितंबर को मिग-21 विमान वायुसेना से 62 साल के बाद रिटायर हो गया।
अब इस विमान की जगह लाइट काम्बैट एयरक्रॉफ्ट (एलसीए) तेजस एमके-1ए लेगा। जल्द ही वायुसेना ने यह विमान मिलना चालू हो जाएंगे। यह विमान पूरी तरह से स्वदेशी है। इस विमान में ब्रेक पैराशूट को एडीआरडीई ने तैयार किया है। पैराशूट के सभी प्रारंभिक परीक्षण मलपुरा ड्रापिंग जोन में हुए हैं। इसके बाद राजस्थान सहित कई और राज्यों में भी ब्रेक पैराशूट के सफल परीक्षण हुए हैं।
भारतीय वायुसेना में मिग-21 विमान की ले रहे हैं जगह
देश में एडीआरडीई एक मात्र संस्था है जो स्वदेशी पैराशूट की डिजाइन को तैयार करता है। प्रारंभिक डिजाइन बनाने के बाद उत्पादन के लिए फैक्ट्री में भेज जाता है। ढाई से तीन साल पूर्व एडीआरडीई ने एमके-1ए के ब्रेक पैराशूट में काम चालू किया था। मलपुरा ड्रापिंग जोन में प्रारंभिक परीक्षण के बाद पैराशूट में कई बदलाव किए गए। इसे बेहतर बनाया गया। इसकी मजबूती और आकार में इसे छोटा बनाने पर ध्यान दिया गया। इसका प्रयोग एक से अधिक बार भी किया जा सकता है।
बदलाव के बाद हुए परीक्षण के परिणाम अच्छे रहे
बदलाव के बाद हुए परीक्षण के परिणाम अच्छे रहे। आगे के परीक्षण राजस्थान सहित अन्य जगहों पर हुए। प्रत्येक परीक्षण में पैराशूट सफल रहा है। यह नायलान 66 फैब्रिक और टेप से बना है। खास तरीके के मैटेरियल का प्रयोग किया गया है। पैराशूट का वजन 24 किग्रा है।
मलपुरा ड्रापिंग जोन में हुए ब्रेक पैराशूट के सभी प्रारंभिक परीक्षण
पूर्व निदेशक डॉ. एके सक्सेना का कहना है कि एडीआरडीई आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा दे रहा है। तेजस इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
सेवानिवृत्त विंग कमांडर बीके वर्मा का कहना है कि तेजस विमान हल्का लड़ाकू विमान है। इसका अधिकतम टेकआफ भार 13.5 टन है। यह 2205 किमी प्रति घंटा की गति से हवा में उड़ सकता है। यह छह तरीके की मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है। यह चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है।
क्या है ब्रेक पैराशूट
लड़ाकू विमान के पिछले हिस्से में ब्रेक पैराशूट लगा होता है। छोटे रनवे या फिर जल्द विमान को रोकने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। पायलट द्वारा ब्रेक पैराशूट के बटन को दबा दिया जाता है। एक साथ दो पैराशूट खुलते हैं। यह पैराशूट तेजी से भागते विमान की गति को न सिर्फ नियंत्रित करते हैं बल्कि उसकी दिशा को भी सही रखने में मदद करते हैं। इससे विमान की सफल लैंडिंग आसानी से हो जाती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।