TB Preventive Therapy: टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले परिजनों को दी जाएगी टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी
TB Preventive Therapy पल्मोनरी टीबी रोगियों के संपर्क में आए लोगों को टीपीटी दी जाएगी। इसके तहत क्षय रोगी के परिवार के लोगों को छह महीने तक क्षय रोग की प्रतिरोधी दवाएं मौजूद परिवार के सदस्यों के आयु के हिसाब से दी जाती है।

आगरा, जागरण संवाददाता। टीबी रोगी के संपर्क में आने वाले परिवार के लोगों को भी टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) दी जा रही है। सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि इसके लिए टीपीटी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें मरीज के परिवारजनों को भी यह दवा दी जाएगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. संत कुमार ने बताया कि टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु से होता है। इसके दो प्रकार हैं। पहला, पल्मोनरी टीबी, दूसरा एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी। पल्मोनरी टीबी में फेफड़े संक्रमित होते हैं। इसकी फैलने की आशंका रहती है। एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी में फेफड़ों के बजाय शरीर के अन्य अंगों पर असर होता है। यह नहीं फैलती है। पल्मोनरी टीबी रोगियों के संपर्क में आए लोगों को टीपीटी दी जाएगी। इसके तहत क्षय रोगी के परिवार के लोगों को छह महीने तक क्षय रोग की प्रतिरोधी दवाएं मौजूद परिवार के सदस्यों के आयु के हिसाब से दी जाती है।
जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह का कहना है कि यदि किसी आदमी को फेफड़े की टीबी है तो वह कम से कम 15 व्यक्तियों को टीबी फैलाता है। इसलिए टीबी मरीजों के परिवार के लोगों के उपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है ।
जिला पीपीएम समन्वयक अरविंद कुमार यादव ने बताया कि इससे पहले पांच वर्ष से कम आयु तक के सक्रिय टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले मरीजों को यह थेरेपी दी जाती थी लेकिन अब टीबी मरीज के प्रत्येक संपर्क वाले व्यक्ति को स्क्रीनिंग उपरांत टीपीटी दी जाएगी।
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