Taj Mahotsav 2023 : 10 दिवसीय महाेत्सव में 300 शिल्पी और 1500 कलाकार देंगे प्रस्तुति
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने शिल्पग्राम के गेट पर फीता काटने के बाद मुख्य मंच पर दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का शुभारंभ किया। योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने महोत्सव की शुरुआत और वर्तमान स्थिति को देखा है।
जागरण संवाददाता, आगरा : शिल्पग्राम में सजे कला, शिल्प, संस्कृति व व्यंजनों के उत्सव ताज महोत्सव में लघु भारत साकार हो रहा है। यहां देश के कोने-कोने से शिल्पी अपने हुनर और कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। 10 दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ सोमवार शाम मुख्य अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने फीता काटकर और दीप प्रज्वलन कर किया। उन्होंने कहा कि ताज महोत्सव शिल्प, कला, संस्कृति और व्यंजन का संगम है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने शिल्पग्राम के गेट पर फीता काटने के बाद मुख्य मंच पर दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का शुभारंभ किया। योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने महोत्सव की शुरुआत और वर्तमान स्थिति को देखा है। धीरे-धीरे महोत्सव की शोहरत देश और दुनिया में फैली है। ताज महोत्सव कला, संस्कृति, शिल्पकारी और व्यंजनों का संगम है और जहां संगम होता है वह अपने आप तीर्थ बन जाता है। ताज महाेत्सव पर्यटकों व पर्यटन व्यवसायियों के लिए तीर्थ बन गया है।
आगरा में हुई जी-20 की बैठक से आगरा को नया कलेवर मिला है। महोत्सव की थीम विश्व बंधुत्व है। यही हमारा चिंतन है। हम विभाजन की राजनीति नहीं करते हैं। ताज महोत्सव चिंतन, समन्वय और एकात्मकता का संदेश देता है। यहां आगरावासियों के साथ ही देश के कोने-कोने से शिल्पी और कलाकार आए हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि ताज महोत्सव भविष्य में भी यूं ही चलता रहेगा। विश्व के लोग यहां आकर लाभान्वित होंगे। अतिथि देवो भव हमारा आदर्श वाक्य है। मंडलायुक्त अमित गुप्ता, डीएम नवनीत सिंह चहल, नगरायुक्त निखिल टीकाराम, एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़, सीडीओ ए. मनिकंडन, संयुक्त निदेशक पर्यटन अविनाश चंद्र मिश्र मौजूद रहे। महोत्सव में करीब 1500 कलाकार प्रस्तुतियां देंगे और 300 शिल्पी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
हमने फूल शांति और सद्भाव के बिखराए हैं...
ताज महोत्सव की विश्व बंधुत्व पर आधारित थीम पर सुशील सरित द्वारा रचित गीत "लेकर मन में भाव विश्व बंधुत्व का, हमने प्रेम के सदा तराने गाए हैं, जहां-जहां रखा है कदम वहीं हमने फूल शांति और सद्भाव के बिखराए हैं...' की प्रस्तुति मुख्य मंच पर हुई।
गीत को गजल गायक सुधीर नारायन ने राग यमन में संगीतबद्ध किया था। प्रस्तुति देने वालों में दिनेश श्रीवास्तव, देशदीप शर्मा, हर्षित पाठक, मुकुल, सोनू, अंकिता श्रीवास्तव, श्रेया शर्मा, गौरव गोस्वामी, रिंकू, ध्रुव, शिवम पचौरी, अमन गोपाल, स्वाति मिश्रा, नैंसी, कीर्तिका, वंदना, प्रेरणा, वंदना वरुण, नेहा पाल, अंजली, आर्ची आदि शामिल थे।
संस्कृति समाज का प्राण
डीएम नवनीत सिंह चहल ने कहा कि पर्यटन अग्रणी उद्याेग के रूप में उभरा है। लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष आगरा आते हैं। इससे विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है और स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। संस्कृति किसी भी समाज का प्राण है, इसे अक्षुण्ण बनाकर रखना हमारा कर्तव्य है। महोत्सव में पूरे देश के शिल्प और कला को संजोया गया है।
यह रहे मौजूद
राकेश चौहान, रमेश वाधवा, संदीप अरोड़ा, शम्सुद्दीन, शांतिस्वरूप, सुरेश खन्ना, दीपक दान, संजय अरोड़ा, अवनीश शिरोमणि, अशोक चौबे आदि मौजूद रहे।
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