Taj Mahal Update: ताजमहल से जुड़ी ये सच्चाई आपके उड़ा देगी होश, धीरे-धीरे निकल रहे हैं पत्थर
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ताज महल से सर्वाधिक कमाई होती है फिर भी रख-रखाव में कमी दिखती है। पूर्वी दीवार के कई पत्थर खराब हैं कंगूरों की पच्चीकारी के पत्थर निकल रहे हैं जिससे विश्व धरोहर स्थल की छवि खराब हो रही है। वर्ष 2023-24 में लगभग 100 करोड़ रुपये की आय हुई लेकिन संरक्षण पर कम खर्च हुआ।

जागरण संवाददाता, आगरा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को ताजमहल से सर्वाधिक कमाई भले होती हो, लेकिन स्मारक का रखरखाव उस स्तर का नजर नहीं आता। स्मारक की पूर्वी दीवार के बाहर की तरफ के कई पत्थर खराब हो गए हैं। दीवार के ऊपर बने कंगूरों में हो रही पच्चीकारी के पत्थर भी निकल गए हैं। इससे विश्व धरोहर स्थल की छवि खराब होती है, लेकिन किसी को इसकी चिंता नहीं है।
ताजमहल को यूनेस्को ने वर्ष 1983 में विश्व धरोहर घोषित किया था। एएसआइ द्वारा संरक्षित स्मारकों में ताजमहल सर्वाधिक पर्यटकों को आकर्षित करने और टिकट बिक्री से सर्वाधिक आय प्राप्त करने वाला स्मारक है। ताजमहल की टिकटों की बिक्री से जितनी आय होती है, उतनी धनराशि उसे संरक्षण कार्यों के लिए नहीं मिलती है।
ताजमहल की पूर्वी दीवार की दशा ठीक नहीं है। एक दशक पूर्व यहां पूर्वी गेट से गोशाला के गेट तक संरक्षण का काम कराया गया था। गोशाला से दशहरा घाट की तरफ जाने वाली पूर्वी दीवार बाहर से ठीक स्थिति में नहीं है। कई पत्थर लोनी लगने से खराब हो चुके हैं।
दीवार के ऊपर बने कंगूरों में हो रहे इनले वर्क के पत्थर निकले हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ताजमहल को टिकट बिक्री व शूटिंग आदि से 99.54 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जबकि इस अवधि में संरक्षण कार्यों पर महज 3.17 करोड़ रुपये व्यय हुए थे।
ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने बताया कि ताजमहल की पूर्वी दीवार के संरक्षण का प्रस्ताव दिल्ली मुख्यालय से स्वीकृत हो चुका है। करीब 40 लाख रुपये की लागत से दीवार का संरक्षण किया जाएगा।
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