चमकते नगीने देखकर पर्यटक कहते हैं 'वाह ताज', कब दिखेगा पूनम के चांद में ताजमहल की खूबसूरती का जलवा? नोट करें डेट
शरद पूर्णिमा पर ताजमहल के रात्रि दर्शन का पर्यटकों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार 5 से 9 अक्टूबर तक रात्रि दर्शन होगा जिसके लिए ऑनलाइन बुकिंग अनिवार्य है। प्रतिदिन केवल 400 पर्यटकों को ही प्रवेश मिलेगा। 1984 से पहले मुख्य मकबरे से दर्शन होते थे लेकिन सुरक्षा कारणों से अब दूर से ही दर्शन करने की अनुमति है।

जागरण संवाददाता, आगरा। पूनम का चांद और उसकी श्वेत रश्मियों में जगमगाते ताजमहल के धवल संगमरमरी हुस्न में जड़े कीमते नगीने (सेमी-प्रीसियस और प्रीसियस स्टोन)। ताजमहल के हुस्न में जड़े पत्थरों को जगमगाते देखकर पर्यटकों के मुंह से 'वाह ताज' के साथ ही 'चमकी' फिजां मे गूंज उठते हैं। माह में पांच दिन होने वाला ताज रात्रि दर्शन इस बार पांच से नौ अक्टूबर तक होगा। शरद पूर्णिमा पर चांदनी रात में ताजमहल के जगमगाते हुस्न को देखने के लिए पर्यटक सालभर इंतजार करते हैं।
शरद पूर्णिमा पर ताजमहल में चमकी देखने का इंतजार करते हैं पर्यटक
ताजमहल में माह में पूर्णिमा पर पांच दिन (पूर्णिमा से दो दिन पूर्व और दो दिन बाद तक) रात्रि दर्शन होता है। पांच दिन में शुक्रवार होने पर इसमें रात आठ से 12 बजे तक आधा-आधा घंटे के आठ स्लॉट में 50-50 के ग्रुप में पर्यटकों को प्रवेश दिया जाता है। एक दिन में अधिकतम 400 पर्यटक ही रात्रि दर्शन कर पाते हैं। ताज रात्रि दर्शन के टिकटों की केवल ऑनलाइन बुकिंग होती है।
केवल ऑनलाइन टिकट बुकिंग, एक दिन में 400 को मिलता है प्रवेश
- ताज रात्रि दर्शन की शुरुआत इस बार पांच अक्टूबर से होगी।
- पांच अक्टूबर के लिए 400 में से 397 टिकट बुधवार शाम तक बुक हो चुके थे, केवल रात 11:30 से 12 बजे के स्लॉट में तीन टिकट उपलब्ध थे।
- छह अक्टूबर के लिए 399 टिकट बुक हो चुके थे और रात 8:30 से नौ बजे की स्लाट में एक टिकट बचा है।
- सात अक्टूबर के लिए खबर लिखे जाने तक 91 टिकट उपलब्ध थे, जबकि 309 टिकट बुक हो चुकी थीं। आठ व नौ अक्टूबर की ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू नहीं हुई थी।
- सात दिन पूर्व ऑनलाइन टिकट बुक की जाती हैं।
ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने बताया कि ताज रात्रि दर्शन इस बार पांच से नौ अक्टूबर तक होगा। टिकट केवल आनलाइन बुक की जा सकती हैं।
ताज व्यू प्वाइंट से कर सकते हैं रात्रि दर्शन
यमुना पार मेहताब बाग के किनारे पर स्थित ताज व्यू प्वाइंट से भी रात्रि दर्शन किया जा सकता है। एडीए के व्यू प्वाइंट पर ताजमहल की तरह पर्यटकों की संख्या पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।
रहता था मेले जैसा नजारा, ताज की शान में गढ़े जाते थे कसीदे
शरद पूर्णिमा पर ताज रात्रि दर्शन होता तो जरूर है, लेकिन उसमें अब चार दशक पहले जैसी बात नहीं है। वर्ष 1984 से पहले पर्यटक मुख्य मकबरे से चांदनी रात में ताजमहल देखा करते थे। पूरी रात ताजमहल खुलता था और हजारों लोग उमड़ते थे। सुरक्षा बंदोबस्तों ने पर्यटकों की संख्या को सीमित करने के साथ ही उन्हें मुख्य मकबरे से करीब 300 मीटर दूर से चमकी देखने को मजबूर कर दिया है।
ताजमहल के ऊपर चांद रात 12 बजे के बाद आता है, तब तक पर्यटक स्मारक से बाहर निकल जाते हैं, जिससे असली चमकी नहीं देख पाते।
एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमसुद्दीन बताते हैं कि वर्ष 1984 से पहले ताजमहल में पर्यटक मुख्य मकबरे से चमकी देखते थे। मुख्य मकबरे पर पर्यटकों को प्रवेश सामने वाली सीढ़ियों से मिलता था। उनके उतरने को बल्लियां व स्लीपर लगाकर मेहमानखाने की तरफ सीढ़ियां बनाई जाती थीं। मुख्य मकबरे पर लगी संगमरमर की रैलिंग के कुछ पत्थरों को हटाया जाता था। बाद में उन्हें पुन: लगा दिया जाता था।
तब तीन दिन रात में खुलता था ताजमहल
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान बताते हैं कि वर्ष 1984 से पहले पूर्णिमा पर ताज रात्रि दर्शन तीन दिन होता था। पूर्णिमा से एक दिन पूर्व व एक दिन रात दो बजे तक और पूर्णिमा के दिन सुबह चार बजे तक ताजमहल खुलता था।
शरद पूर्णिमा पर पुलिस ताजमहल के अंदर फोरकोर्ट में कैंप लगाती थी। फोरकोर्ट में ही टिकट बिक्री के लिए अस्थायी काउंंटर लगते थे। ताजमहल में वनवे लागू किया जाता था। पूर्वी, पश्चिमी व दक्षिणी गेट से पर्यटकों को स्मारक में प्रवेश मिलता था और लेबर गेट से उन्हें बाहर निकाला जाता था। यहां बाहर दुकानें सजती थीं।
20 वर्ष तक बंद रहा रात्रि दर्शन
वर्ष 1984 में सुरक्षा कारणों से लगे प्रतिबंधों के चलते 20 वर्षों तक ताजमहल के दरवाजे पर्यटकों के लिए रात में बंद रहे। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर, 2004 में पर्यटन उद्यमियों की याचिका पर पूर्णिमा पर माह में पांच दिन ताज रात्रि दर्शन कराने का आदेश किया। रमजान के माह में और शुक्रवार को ताज रात्रि दर्शन नहीं होता है।
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