Taj Mahal: ताजमहल के दाग साफ करने का काम हो गया शुरू, इस खास तकनीक का किया जा रहा इस्तेमाल
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ताजमहल के यमुना किनारे स्थित उत्तरी मेहराब में मडपैक ट्रीटमेंट कर रहा है। प्रदूषण के कारण पीले पड़े ताजमहल की सफाई के लिए नौ साल बाद यह ट्रीटमेंट हो रहा है। पर्यटकों का निकास बंद कर दिया गया है। मुल्तानी मिट्टी का लेप किया जा रहा है जिससे सतह की गंदगी साफ होगी। एएसआई के निदेशक ने निरीक्षण किया।

जागरण संवाददाता, आगरा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रसायन शाखा ताजमहल की यमुना किनारा की तरफ स्थित उत्तरी मेहराब में मडपैक ट्रीटमेंट कर रही है। नौ वर्षों के बाद उत्तरी मेहराब में नीचे से लेकर ऊपर तक मडपैक ट्रीटमेंट किया जा रह।
इसके लिए नीचे से ऊपर तक पाड़ बांधी जा रही है। मुख्य मकबरे के पिछले दरवाजे से पर्यटकों का निकास भी बंद कर दिया गया है। उन्हें सामने की तरफ स्थित दरवाजे से ही बाहर निकाला जा रहा है।
प्रदूषण की वजह से पीले पड़े ताजमहल की सफाई के लिए संसद की पर्यावरण संबंधी स्थायी समिति ने वर्ष 2015 में अपनी रिपोर्ट दी थी। इसमें पीले पड़े ताजमहल की सफाई के लिए मडपैक ट्रीटमेंट का सुझाव दिया गया था।
समिति की रिपोर्ट के आधार पर एएसआइ की रसायन शाखा ने पूरे ताजमहल पर मडपैक ट्रीटमेंट की योजना बनाई थी। इसकी शुरुआत वर्ष 2016 में मुख्य मकबरे पर उत्तरी दिशा की तरफ से की गई थी। धीरे-धीरे कर मुख्य मकबरे के चारों ओर मडपैक ट्रीटमेंट किया गया था।
केवल मुख्य मकबरे के गुंबद का मडपैक ट्रीटमेंट नहीं हो सका था। फरवरी, 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विजिट के समय मुख्य मकबरे के अंदर व बाहर हाथ की ऊंचाई तक मडपैक ट्रीटमेंट किया गया था। इसके बाद ताजमहल में मडपैक का नंबर नहीं आया।
अब ताजमहल में मुख्य मकबरे पर यमुना की तरफ स्थित उत्तरी मेहराब में नीचे से ऊपर तक मडपैक का काम शुरू किया गया है। विगत दिवस दिल्ली से आगरा आए एएसआइ की रसायन शाखा के निदेशक डा. एमके भटनागर ने ताजमहल का निरीक्षण कर अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए थे।
मुल्तानी मिट्टी का किया जाता है लेप
एएसआइ की रसायन शाखा मडपैक ट्रीटमेंट में मुल्तानी मिट्टी (फुलर अर्थ) का लेप ताजमहल की संगमरमरी दीवार पर करती है। इस लेप को सूखने दिया जाता है। लेप संगमरमर की सतह पर जमा गंदगी को सोख लेता है। इसके बाद इसे डिस्टिल वाटर से धोकर साफ कर दिया जाता है।
यमुना में पनपा कीड़ा छोड़ता है गंदगी
यमुना की गंदगी में पनपा कीड़ा गोल्डीकाइरोनोमस ताजमहल की तरफ आकर्षित होकर उसकी सतह पर गंदगी के दाग छोड़ता है। कीड़े द्वारा छोड़ी गई गंदगी के दाग मुख्य मकबरे की उत्तरी दिशा में स्थित मेहराब व दीवार पर अधिक पाए जाते रहे हैं। दीवार पर नीचे की तरफ लगे दागों को पानी से धाेकर साफ कर दिया जाता है, लेकिन अधिक ऊंचाई पर कीड़े द्वारा छोड़े गए दागों की सफाई संभव नहीं हो पाती है।
उत्तरी मेहराब में मडपैक ट्रीटमेंट की शुरुआत कर दी गई है। मौसम में नमी अधिक होने से करीब दो माह का समय मडपैक ट्रीटमेंट में लगेगा। -डा. एमके भटनागर, निदेशक रसायन शाखा, एएसआइ
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