Taj Mahal Controversy: ताजमहल पर राजकुमारी दीया की दावेदारी को लेकर पलटवार, मुगल शहंशाह के वंशज भी आए अब सामने
जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य व सांसद दीया कुमारी की दावेदारी पर पर हैदराबाद के प्रिंस तूसी का पलटवार। तूसी ने कहा कि अपनी बात को साबित कर दिखाएं। प्रिंस तूसी ने गुरुवार को वीडियो जारी किए। इसमें तूसी कह रहे हैं कि राजकुमारी का बयान बेबुनियाद है।

आगरा, जागरण संवाददाता। दुनियाभर में अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध ताजमहल अब विवादों के साये हैं। इस इमारत की खूबसूरती पर कसीदे कसने वाले भी पसोपेश में हैं कि आखिर माजरा क्या है। एक विवाद शांत हो रहा है तो दूसरा उठ खड़ा हो रहा है। जयपुर के पूर्व राजघराने से ताल्लुक रखने वालीं सांसद दीया कुमारी के बयान के बाद अब मुगल शहंशाह शाहजहां के वंशज भी मैदान में आ गए हैं। ताजमहल के विवाद में स्वयं को मुगल वंशज बताने वाले प्रिंस याकुबउद्दीन हबीब तूसी ने भी मोर्चा खोल दिया है। जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य व सांसद दीया कुमारी के बयान पर उन्होंने पलटवार किया है। तूसी ने दीया कुमारी को अपनी बात को साबित कर दिखाने की चुनौती दी है।
जयपुर घराने की राजकुमारी एवं सांसद दीया कुमारी।
जयपुर की राजकुमारी का ये था दावा
ताजमहल का बंद तहखाना खुलवाने के मामले में बुधवार को दीया कुमारी ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ताजमहल मुगलों की नहीं, उनके पुरखों की निशानी है। जिस जगह ताजमहल बना है, वह जमीन राजा जयसिंह की थी। शाहजहां ने यह जमीन उनसे ली थी। उन्होंने इसके दस्तावेज जयपुर सिटी पैलेस के पोथीखाने में होने की बात कही थी। इस पर पलटवार करते हुए प्रिंस तूसी ने गुरुवार को वीडियो जारी किए। इसमें तूसी कह रहे हैं कि राजकुमारी का बयान बेबुनियाद है। उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है। वह राजपूत घराने व मुगलों को बदनाम कराना बंद करें। वह अपनी बात को साबित कर दिखाएं।
मुगल शहंशाह के आखिरी वंशज प्रिंस तूसी।
आगरा आते रहे हैं प्रिंस तूसी
मुगल शहंशाहों का खुद को आखिरी वंशज बताने वाले हैदराबाद के प्रिंस तूसी आगरा आते रहे हैं। मुगल शहंशाह के शाहजहां के उर्स के दौरान चादरपोशी करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया जाता रहा है। पिछले कुछ सालों से उनका आगरा आना नहीं हुआ है। ताजमहल को लेकर दिए गए उनके बयान भी सुर्खियों में रहे हैं।
दावे को लेकर दीया केंद्र व उप्र सरकार के पास भेजेंगी दस्तावेज
हमारे जयपुर संवाददाता के अनुसार, आगरा के ताजमहल के स्थान पर जयपुर की तत्कालीन रियासत का महल होने का दावा करने वाली पूर्व राजपरिवार की सदस्य और सांसद दीया कुमारी इस संबंध में केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार को दस्तावेज भेजेंगी। इनमें इस बात का उल्लेख होगा कि जयपुर की तत्कालीन रियासत के महल के स्थान पर शाहजहां ने ताजमहल बनवाया था। जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित पोथी खाने से दस्तावेज निकलवाए गए हैं। इनका वकील परीक्षण कर रहे हैं। गौरतलब है कि गत बुधवार को जयपुर स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में दीया कुमारी ने प्रेसवार्ता कर उक्त दावा किया था।
उधर, बीकानेर में राज्य सरकार के अभिलेखागार में ऐसे दस्तावेज भी उपलब्ध हैं, जिनसे प्रमाणित होता है कि जयपुर रियासत के तत्कालीन महाराजा जय सिंह को फरमान जारी कर आमेर, मकराना और राजनगर की खदानों (खान) से संगमरमर भेजने के लिए कहा गया था । नौ सितंबर,1632 में शाहजहां की ओर से जय सिंह को आमेर की नई खान से संगमरमर निकालने के लिए मुलूकशाह को भेजने के लिए कहा गया था। फरमान में पूर्व राजपरिवार को ताजमहल निर्माण के लिए मजदूर और वाहन उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा गया था। शाहजहां ने फरमान की अवहेलना नहीं होने के निर्देश भी दिए थे । 21 जून,1637 को लिखे फरमान में शाहजहां ने जय सिंह को निर्देश दिए थे कि आमेर और राजनगर में पत्थर काटने वालों को बिल्कुल ही नहीं रोका जाए। जानकारी के अनुसार, ताजमहल को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच राजस्थान सरकर में पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी दस्तावेज खंगालने में जुट गए हैैं।
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