Taj Mahal Controversy: ताजमहल के तहखाना पर हकीकत में ताला, वेबसाइट पर सब खुला, अपलोड है पूरी जानकारी
Taj Mahal Controversy एएसआइ के जनवरी के न्यूज लैटर में तहखाने के संरक्षण की जानकारी।संरक्षण से पहले और बाद के चार चित्रों को किया गया है शामिल। अयोध्या निवासी डा. रजनीश कुमार ने ताजमहल के बंद तहखाने को खुलवाने के लिए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी।

आगरा, निर्लोष कुमार। ताजमहल के बंद तहखाने का रहस्य सामने लाने को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर याचिका खारिज भले कर दी गई हो, लेकिन तहखाने की हकीकत जानने को हर कोई उत्सुक है। पुराने फोटो में तहखाना देखने वाले लोग उनकी वर्तमान स्थिति को देखना चाहते हैं। जानना चाहते हैं कि तहखाने कैसे हैं? उनकी स्थिति क्या है? उनके अंदर क्या है? तीन माह पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने तहखाना को संरक्षण के लिए खोला था। हकीकत में तहखाना पर ताला भले ही लगा हो, लेकिन एएसआइ की वेबसाइट पर यह सभी के लिए खुले हैं।
अयोध्या निवासी डा. रजनीश कुमार सिंह ने ताजमहल के बंद तहखाने को खुलवाने के लिए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी। गुरुवार को पहली सुनवाई में ही कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था। इन दिनों ताजमहल का तहखाना चर्चा का विषय बना हुआ है। ताजमहल देखने आने वाले पर्यटक गाइडों से उसके बारे में सवाल कर रहे हैं। दैनिक जागरण ने गुरुवार के अंक में तहखाने को तीन माह पूर्व संरक्षण के लिए खोले जाने की खबर प्रकाशित की थी। अब तहखाने के संरक्षण से पूर्व और बाद के चित्र सामने आए हैं। एएसआइ की वेबसाइट www.asi.nic.in पर पांच मई को रिलीज आफ एएसआइ न्यूज लेटर-जनवरी, 2022 अपलोड किया गया है। इसके पृष्ठ संख्या 20 पर ताजमहल के तहखाने के संरक्षण का जिक्र किया गया है। इसमें चार चित्र दिए गए हैं, जिनमें दो संरक्षण से पूर्व और दो संरक्षण के बाद के हैं।
संरक्षण से पूर्व के पहले चित्र में तहखाना की दीवार का खराब हो चुका चूने का प्लास्टर, दीवार में बने आले और लाखौरी ईंटों से बंद किया दरवाजा नजर आ रहा है। दूसरे चित्र में तहखाना की छत पर हो रहे डायमंड कटिंग, खराब हो चुका चूने का प्लास्टर व आर्च नजर आ रही है। संरक्षण के बाद के पहले चित्र में तहखाना की दीवार व आलों पर किया गया सफेद चूने का प्लास्टर व लाखौरी ईंटों पर किया गया प्वाइंटिंग (टीप) का काम देखा जा सकता है। दूसरे चित्र में संरक्षण के बाद तहखाना की छत पर हो रहे डायमंड कटिंग का काम निखरा हुआ नजर आ रहा है।अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल ने बताया कि एएसआइ पर स्मारकों को बंद रखकर तथ्यों को छुपाने का आरोप लगाया जाता है। यह आरोप सही नहीं है। सुरक्षा कारणों से तहखाना पूर्व में बंद किया गया था। जनवरी, 2022 के एएसआइ के न्यूज लैटर में ताजमहल के तहखाने के संरक्षण की जानकारी के साथ पुराने व नए चित्र शामिल किए गए हैं।
छह लाख रुपये से हुआ था काम
एएसआइ ने जनवरी-फरवरी में ताजमहल में यमुना किनारा की तरफ चमेली फर्श के नीचे स्थित तहखाने में संरक्षण का काम किया था। इस काम पर छह लाख रुपये व्यय हुए थे। तहखाने में दीवार के खराब हो चुके चूने का प्लास्टर हटाने के बाद दोबारा प्लास्टर किया गया। लाइम पनिंग (चूने का पतला प्लास्टर) पूरे तहखाने में की गई। दरारों को भरने के साथ वेंटीलेटर्स पर जाली लगाने का काम भी किया गया था।लाइम पनिंग में होता है इनका इस्तेमाललाइम पनिंग में चूना, गुड़, दाल, बताशे आदि मिलाकर मिश्रण तैयार किया जाता है। दीवार, छत, मेहराब आदि पर इसकी पतली परत चढ़ाई जाती है। इसे गुनिया से घिसकर चिकना कर दिया जाता है। इससे अंदर का प्लास्टर आदि सही रहते हैं।
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