Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण आज, गर्भवति महिलाओं सहित हर किसी के लिए जरूरी हैं ये सावधानियां
Surya Grahan 2022 आज लगने जा रहा है साल का दूसरा सूर्य ग्रहण। खगोलीय घटना में इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है। ग्रहण के दौरान न करें भाेजन। गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर आज न निकलने की सलाह।
आगरा, तनु गुप्ता। साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण आज शाम 4 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 30 मिनट तक यानी लगभग 01 घंटा 14 मिनट घटित होगा। यह भी बताया जा रहा है कि सूर्यास्त के साथ यह ग्रहण 5 बजकर 43 मिनट पर पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। आधुनिक वास्तु एवं एस्ट्रो विशेषज्ञ दीप्ति जैन के अनुसार यह ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण है। ग्रहण की दृश्यता मुख्य रूप से यूरोप, उत्तर-पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से रहेगी। भारत में यह ग्रहण नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी, मथुरा में दिखाई देगा, यह भी बताया जा रहा है कि पूर्वी भारत को छोड़कर सारे भारत में इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकता है।
सूतक काल के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। सूतक काल एक अशुभ समय है इसलिए इस दौरान कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए।
बरतें ये सावधानियां
- किसी नये कार्य का शुभारंभ न करें।
- भोजन बनाना और खाना वर्जित है। मल-मूत्र और शौच जाने से बचें।
- देवी-देवताओं की मूर्ति और तुलसी के पौधे का स्पर्श न करें।
- दांतों की सफ़ाई, बालों में कंघी आदि न करें।
गर्भवती महिलाएं विशेष ध्यान दें
- घर से बाहर न निकलें।
- ग्रहण को न देखें।
- सिलाई एवं कढ़ाई का काम न करें।
- सब्जी काटने और छीलने से बचें।
- सुई व चाकू का प्रयोग न करें।
- ग्रहण के समय न सोएं क्योंकि इससे शिशु को नुकसान हो सकता है।
सूतक के दौरान करें ये
- संध्या, भजन, ईश्वर की आराधना और व्यायाम करें।
- सूर्य संबंधित मंत्रों का उच्चारण करें।
- ग्रहण के पश्चात घर की शुद्धि हेतु गंगाजल से छिड़काव करें।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें। देवी-देवताओं की मूर्तियों पर गंगा जल छिड़के और उनकी पूजा करें।
- सूतक काल समाप्त होने के पश्चात ही भोजन पकायें और ग्रहण करें।
- सूर्य ग्रहण के समय इस मंत्र का जाप अवश्य करें:
।।ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्।।
क्या होता है ग्रहण काल के दौरान
जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के मध्य से होकर गुजरता है तो इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं। इस स्थिति में चंद्रमा की छाया सूर्य पर पड़ती है। जब सूर्य का कुछ भाग चंद्रमा की छाया से ढक जाता है तो इस स्थिति को आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है। ग्रहण के दौरान मनुष्य की पाचन शक्ति कमज़ोर हो जाती है इसलिए इस दौरान खाया गया भोजन आसानी से नहीं पचता है और व्यक्ति अपच का शिकार होता है।
सूर्य ग्रहण के लिए दान
पूजा के अनुष्ठानों के वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए, गरीब लोगों, जानवरों और पक्षियों के लिए दान करना आवश्यक है। हिंदू शास्त्रों में सत्कर्म करने के लिए कहा गया हैए जहां एक व्यक्ति को कुछ वस्तुओं को गरीब लोगों को दान करना चाहिए। कुछ मंदिर में अर्पित करना चाहिए और कुछ वस्तुओं को पशु और पक्षियों को अर्पित करना चाहिए। दान के रूप में किया गया सत्कर्म, पूजा अनुष्ठान की शक्ति को बढ़ाता है और जातक के लिए अनुकूल परिणाम लाता है। दान की वस्तुओं में भोजन, कपड़े, धन, धातु, रत्न आदि शामिल होते हैं।
आधुनिक वास्तु एवं एस्ट्रो विशेषज्ञ दीप्ति जैन
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