Agra Metro के अधिकारियों को लगी फटकार, पेड़ काटने पर बोले झूठ; DFO ने दिए सबूत तो नहीं देते बना जवाब
आगरा मेट्रो के अधिकारियों को पेड़ काटने के मामले में झूठ बोलने पर फटकार लगी। वन विभाग के अधिकारियों ने सबूत पेश किए जिससे मेट्रो अधिकारियों के झूठ का ...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया।
जागरण संवाददाता, आगरा। Supreme Court की रोक के बावजूद शहर में पेड़ों के अवैध कटान से संबंधित मामलों पर सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी (CEC) ने शुक्रवार को सुनवाई की।
अनुमति के बिना 528 पेड़ काटने पर सुनवाई के दौरान Agra Metro के अधिकारियों ने पेड़ काटने से इन्कार कर दिया, डीएफओ ने पेड़ काटने के साक्ष्य प्रस्तुति किए। इस पर मेट्रो के अधिकारियों को फटकार लगाई।
वहीं, रायपुर रहनकलां में पेड़ काटने के मामले में आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) उपाध्यक्ष ने दलील दी कि पेड़ किसानों ने काटे हैं। सीईसी ने फील्ड विजिट करने का निर्णय लिया है।
ताज ट्रेपेजियम जोन में पेड़ काटने व ट्रांसलोकेट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व अनुमति आवश्यक है।
पिछले महीनों में अवैध कटान की शिकायतों को लेकर सीईसी के चेयरमैन सिद्धांत दास, और जेआर भट्ट ने सुनवाई की। मेट्रो को 1800 पेड़ काटने की अनुमति मिली थी, ऐसे में वन विभाग ने सीईसी को मेट्रो द्वारा बिना अनुमति के 528 पेड़ काटने की रिपोर्ट भेजी है।
वहीं, शिकायतकर्ता पर्यावरण कार्यकर्ता डा. शरद गुप्ता ने एमजी रोड व माल रोड के डिवाइडर पर 15 फीट तक ऊंचे पेड़ लगे की पहले बैरिकेडिंग करने और उसके बाद उन्हें काटने के साक्ष्य उपलब्ध कराए हैं।
सुनवाई के दौरान मेट्रो के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार राय ने दलील दी कि जितने पेड़ काटने की अनुमति मिली थी उतने ही काटे गए हैं।
इस पर प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी (डीएफओ) राजेश कुमार ने बिना अनुमति के पेड़ काटने के मामले में की गई कार्रवाई और पत्राचार के दस्तावेज उपलब्ध कराए। इस पर सीईसी ने फील्ड विजिट करने के कहा, जिससे हकीकत पता चल सके।
डा. शरद गुप्ता की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अंशुल गुप्ता व आदित्य पैंगोरिया ने की।
ADA VC ने कहा किसानों ने रहनकलां में काटे पेड़
रायपुर व रहनकलां में टाउनशिप के भूमि अधिग्रहण को पेड़ों को क्षति पहुंचाए जाने की शिकायत पर वन विभाग ने जेसीबी चालक के विरुद्ध वाद दर्ज किया था।
सीईसी चेयरमैन ने प्रोजेक्ट से संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई के निर्देश देते हुए एडीए वीसी को तलब किया था, एडीए वीसी एडीए वीसी एम. अरुन्नमोली ने कहा कि भूमि का अधिग्रहण होने के बाद भी भूमि पर किसान खेती कर रहे हैं, पेड़ एडीए द्वारा न हीं काटे गए हैं।
किसानों ने पेड़ काटे थे, एडीए की जेसीबी ने कटे हुए पेड़ों को हटाया था। इस मामले में सीईसी ने फील्ड विजिट करने का निर्णय लिया है।
आगरा कालेज के प्राचार्य नहीं हुए उपस्थित
आगरा कालेज में प्राचार्य आवास परिसर और उसके समीप स्थित रिक्त भूमि पर चहारदीवारी कराने की आड़ में पेड़ काटे जाने और साक्ष्य मिटाए जाने को अवैध खनन कराने की शिकायत अपूर्व शर्मा ने की थी।
वन विभाग ने मजदूर तोताराम के विरुद्ध वाद दर्ज किया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान आगरा कालेज प्राचार्य उपस्थित नहीं हुए । सुनवाई के दौरान जब आवाज लगी तो बताया कि प्राचार्य सुनवाई शुरू होने से पहले ही यह बोल कर चले गए कि परिवार में किसी की तबीयत खराब हो गई है ।
70 वर्ष पुराने पेड़ को काटने की नहीं दी अनुमति
सीईसी में एडीए द्वारा बाग फरजाना में आवंटित की गई भूमि पर लगे 70 वर्ष पुराने पेड़ काे काटने पर सुनवाई होई, सीईसी ने कहा कि पेड़ इतना पुराना है, इसे काटा नहीं जा सकता है। एडीए वीसी को निर्देश दिए कि भूमि का आवंटन निरस्त किया जाए। पेड़ नहीं काटा जाएगा।

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