बेटे को दुलार कर पिता से कहा, साइकिल याद रखना
फतेहाबाद सीट से सपा प्रत्याशी रूपाली दीक्षित ने कई गांवों में पहुंच सुनीं समस्याएं कहा जीतने के बाद कराएंगे काम ...और पढ़ें

जागरण टीम, आगरा। फतेहाबाद में ढोल की थाप और समर्थकों का शोर सुन बड़ा गांव, सिकतरा निवासी अजीत सिकरवार ने दरवाजा खोला और एक साल के बेटे डीजे को गोद में लिए बाहर आ गए। जिंदाबाद के नारे और कार्यकर्ताओं की भीड़ के बीच से निकलकर आई सपा प्रत्याशी रूपाली दीक्षित, अजीत के पास पहुंच गई। बड़े दुलार से बच्चे के सिर पर हाथ फेरा। हैरान अजीत कुछ बोल पाते, इससे पहले ही कहा, साइकिल को याद रखना। चेहरे पर चमक लिए हाथ जोड़कर अजीत बोले, जी जरूर..। मेरा परिवार सपा का ही है।
सोमवार सुबह 10:30 बजे सपा प्रत्याशी का काफिला शमसाबाद के मुरली वाले कुआं पर पहुंचा। कार्यकर्ता जोश में नारेबाजी करते हुए उनके आगे-आगे बढ़ चले। पहले से मौजूद महिलाओं ने रूपाली के गले में फूलमालाएं डाल दीं। रूपाली की नजर कुछ दूर स्कूल के बाहर बैठे दिव्यांग मुन्नालाल पर गई और वह उनके पास पहुंच गई। आशीर्वाद लिया और वोटिंग की अपील की। 10 गज आगे बढ़ीं। कुछ याद आते ही फिर लौटीं और पुराने गंज में राजेंद्र प्रसाद जैन और अजब सिंह के घर में प्रवेश कर गई। महिलाओं को दौड़कर गले लगा लिया। बोलीं, मुझे पहचाना। इस बार साइकिल का ध्यान रखना। 11:15 बजे गांव गुलबापुरा में राम सिंह के दरवाजे पर गर्म पानी से गला तर किया और साइकिल पर बटन दबाने का आग्रह करती हुई बढ़ गई। रास्ते में खड़ी रामरानी पास खड़ी महिलाओं से फुसफुसा रही थीं। जेई लाली जा बेर चुनाव में खड़ी भई ऐ। नगला भिक्की, बड़ागांव में गली-गली घूमीं। यहां भीमसेन सिकरवार ने आशीर्वाद देकर कहा, बिटिया मेहनत जरूरी है। कामयाबी मिलेगी। नगला सूरजभान फिर गढ़ी सूरजभान में पहुंचीं। महिलाओं ने नमकीन का पैकेट उन्हें थमा दिया। कहा, बिटिया खाय लेओ, थक गई होंगी। इसके बाद उनका काफिला धिमश्री के लिए बढ़ गया।

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