हाथरस मामला: SIT ने शासन को भेजी रिपोर्ट, 5 दिन में क्या-क्या हुआ? इन सवालों के जवाब ढूंढने में हुई देरी
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में सूरज पाल सिंह (नारायण साकार विश्वहरि) के सत्संग में बीती दो जुलाई को मची भगदड़ की घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। हाथरस सत्संग हादसे को पांच दिन बीत चुके हैं अब जाकर शासन को रिपोर्ट सौंपी गई है। एसआईटी ने इस मामले में पांच दिन की गहन जांच की है।
जागरण संवाददाता, आगरा। Hathras Stampede Update: हाथरस के सिकंदराराऊ में सूरज पाल सिंह (नारायण साकार विश्वहरि) के सत्संग में भगदड़ से 121 अनुयायियों की मृत्यु के मामले में पांच दिन की गहन जांच के बाद सोमवार को स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी।
एसआइटी ने दुर्घटना से जुड़े सभी पक्षों के बयान दर्ज करने के साथ ही घटनास्थल व अन्य स्थान से साक्ष्य संकलन किया है। साथ ही सभी सवालों के जवाब तलाशते हुए दोषियों को भी बेपर्दा किया है। एसआइटी की अध्यक्ष एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ ने रिपोर्ट भेजे जाने की पुष्टि की है।
दो जुलाई को सूरज पाल के सत्संग में भगदड़ से 121 की हुई थी मौत
सिकंदराराऊ के फुलरई गांव में दो जुलाई को सूरज पाल सिंह (नारायण साकार विश्वहरि) के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 अनुयायियों की मृत्यु हुई थी। दुर्घटना के बाद प्रशासनिक और पुलिस के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना के दूसरे दिन ही एसआइटी गठित कर दी थी। इसकी अध्यक्ष एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ बनाई गईं। अलीगढ़ की मंडलायुक्त चैत्रा वी. भी एसआइटी में शामिल थीं। दोनों वरिष्ठ महिला अधिकारियों दुर्घटना के बाद से ही हाथरस में कैंप कर लिया।
घटना से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही सेवादार, घायल और मृत अनुयायियों के स्वजन से भी बयान लिए। सौ से अधिक लोगों के बयान दर्ज करने के साथ ही एसआइटी ने हाथरस के डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल के भी बयान दर्ज किए। दुर्घटना से जुड़े हर साक्ष्य को जुटाया गया। इसके बाद बयान और साक्ष्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाला गया।
जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी गई रिपोर्ट
सोमवार शाम को जांच रिपोर्ट तैयार कर एसआइटी ने शासन को भेज दी। इसके दोषियों को भी बेपर्दा किया गया है। रिपोर्ट 300 से अधिक पेज की बताई गई है। एसआइटी ने स्पाइरल बाइंडिंग कराने के बाद यह रिपोर्ट भेजी है।
एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ के अनुसार, प्रकरण से जुड़े सभी पक्षों के लोगों के बयान दर्ज किए गए। सभी पक्षों के बयान और साक्ष्यों का गहन परीक्षण करने के बाद रिपोर्ट तैयार करने के बाद यह मुख्यालय को भेज दी गई है।यह परमगोपनीय है। रिपोर्ट में क्या है? यह मुख्यालय स्तर से ही जानकारी दी जाएगी।
इन प्रश्नों के जवाब ढूढ़ रही थी एसआइटी
स्वास्थ्य विभाग:
- इतने बड़े कार्यक्रम के लिए पहले से क्या तैयारी की गई थी?
- विभाग द्वारा मौके पर कितनी एंबुलेंस भेजी गईं थीं?
- हादसे की सूचना मिलने के बाद अस्पतालों में क्या इंतजाम किए गए थे
- हादसे वाले दिन जिला अस्पताल और सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किन चिकित्सकों और स्टाफ की ड्यूटी थी, क्या इनमें कितने चिकित्सक और कर्मचारी गैर हाजिर थे।
- घायलों को अस्पताल लेकर कौन-कौन से एंबुलेंस चालक लेकर गए थे?
- घायलों को कितने समय बाद उपचार मिला?
- पोस्टमार्टम किन चिकित्सकों द्वारा किया गया, अनुयाइयों की मृत्यु का क्या कारण रहा।
पुलिस और राजस्व विभाग:
- थाना स्तर पर आयोजन स्थल पर जाकर किसने रिपोर्ट तैयार की थी?
- सत्संग स्थल पर आने वाली अनुमानित भीड़ काे लेकर क्या आंकलन किया था?
- आयोजन स्थल पर आपात स्थिति में वहां से निकलने की व्यवस्थाओं को देखा था, यदि हां तो थाने से भेजी गई अपनी रिपोर्ट में क्या इसका उल्लेख किया था?
- अग्निशमन की व्यवस्थाओं को लेकर अपनी क्या रिपोर्ट दी थी?
- आयोजन को लेकर क्या एलआइयू ने अपनी रिपोर्ट दी थी? यह रिपोर्ट क्या थी और किसने दी थी?
- मौके पर सबसे पहले कौन पुलिसकर्मी पहुंचे थे?
- पुलिसकर्मियों ने अपने अधिकारियों को कितने बजे सूचना दी?
- अधिकारी कितने बजे मौके पर पहुंचे और भगदड़ में घायलों को पहुंचाने के लिए क्या किया
प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ित:
- भगदड़ कब और कैसे मची?
- भीड़ को काबू करने के लिए सत्संग में मौजूद आयोजकों और सेवादारों ने क्या प्रयास किया?
- क्या आयोजकों और सेवादारों द्वारा उनके साथ धक्का मुक्की की गई थी, ऐसा करने वालों में वह किसी को पहचानते हैं?
- अनुयायियों अपने स्वजन को अस्पताल लेकर गए तो उन्हें कितनी देर में उपचार मिला?
कब क्या हुआ?
- दो जुलाईः सत्संग के बाद भगदड़ में हर तरफ बिछ गईं लाशें, 121 की हुई मृत्यु, मुख्य सचिव और डीजीपी हाथरस आए, एसआइटी जांच के आदेश
- तीन जुलाईः सीएम हाथरस आए, अफसरों संग मंथन, घटनास्थल का भ्रमण, घटना के पीछे साजिश का अंदेशा, एसआइटी का गठन
- चार जुलाईः छह सेवादार गिरफ्तार, मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर पर एक लाख का इनाम, षड्यंत्र की बात आई सामने
- पांच जुलाईः कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी हाथरस में पीड़ित परिवारों मिले, मुआवजा बढ़ाने की मां रखी, मुख्य सेवादार दिल्ली से हुआ गिरफ्तार, राजनीतिक दलों से संबंध और फंडिंग की जांच शुरू
- छह जुलाईः न्यायिक आयोग की टीम पहुंची, अफसरों से वार्ता, एसआइटी से बातचीत, घटनास्थल का निरीक्षण किया, अस्पताल में मरीजों से बात की। सूरजपाल का पहला वीडियो आया सामने।
- सात जुलाईः न्यायिक आयोग की टीम ने दर्ज किए 34 लोगों के बयान, टीप वापस गई, दाे और लोग गिरफ्तार
- आठ जुलाई: किसान नेता राकेश टिकैत, सांसद चंद्रशेखर आजाद पीड़ित परिवारों से मिले
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