सर इतना ही लिख पाए.. 63 नंबर दे देना, बोर्ड परीक्षा की कॉपी में छात्रों ने लिखे ऐसे उत्तर… हैरत में पड़ गए टीचर
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कार्य चार केंद्रों पर प्रारंभ हो चुका है। इस दौरान विद्यार्थियों ने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं में रोचक संदेश लिखकर पास करने की गुहार लगाई है। एक विद्यार्थी ने अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखा है कि वह मलेरिया से ग्रस्त हैं और बुखार के कारण वह अधिक लिख नहीं पा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। सर हम मलेरिया से ग्रस्त हैं। बुखार के कारण इतना ही उत्तर लिख पाएं है। कृपया हमें 63 नंबर दे दीजिए… यह करुण प्रार्थना यूपी बोर्ड हाईस्कूल के विद्यार्थी ने अपनी उत्तर पुस्तिका में की थी, जिसे पढ़कर मूल्यांकन कर रहे शिक्षक कभी मुस्कुराए तो कभी विद्यार्थी के बहाने पर हैरान होते दिखे।
दरअसल, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कार्य चार केंद्रों पर प्रारंभ हो चुका है। उत्तर पुस्तिका में विद्यार्थियों ने रोचक संदेश लिखकर पास करने की गुहार लगाई है। एक अन्य उत्तर पुस्तिका में एक छात्रा ने टूटी-फूटी हिंदी में अपनी समस्या पूरे एक पृष्ठ पर लिखी है।
पत्र में लिखा था, सर पेज को पूरा पढ़ लेना। आपसे सिर्फ इतना कहना है कि यह न्याय है या अन्याय? हमारे विषय छुड़ा दिए। हमारे पास गृह विज्ञान और कला नहीं थी, फिर भी हमें दिला दिए। जब हम शिकायत लेकर प्रधानाचार्य के पास गए, तो हमारी बात ही नहीं सुनी।
मजबूरी में परीक्षा देनी पड़ी। अब हम फेल हो गए, तो हमें कोई नहीं पढ़ाएगा। किसी तरह से पढ़ते हैं, काम करके फीस भरते हैं। मम्मी-पापा नहीं चाहते थे कि मैं पढ़ाई करूं, मैं किसी तरह से हाईस्कूल तक आई। आपसे प्रार्थना है कि मैं आगे भी पढ़ना चाहती हूं और कोई मेरी सहायता नहीं कर रहा।
इस तरह के संदेश परीक्षकों के बीच चर्चा का विषय बन जाते हैं और वह इन्हें पढ़कर अपना मनोरंजन करते हुए मूल्यांकन को आगे बढ़ा रहे हैं। नहीं पहुंच रहे परीक्षक मूल्यांकन के प्रति परीक्षकों की उदासीनता लगातार दूसरे दिन भी बनी रही और करीब 60 प्रतिशत परीक्षक मूल्यांकन करने पहुंचे ही नहीं। जो पहुंचे, वह भी व्यवस्थाओं की कमी से परेशान दिखे।
वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षक परेशान
मूल्यांकन कार्य करने पहुंच रहे वित्तविहीन स्कूलों की शिक्षक परेशान हैं। उन्होंने बताया कि शाहगंज स्थित राजकीय इंटर कालेज में उनसे मूल्यांकन कराने से पूर्व उनके मूल प्रमाणपत्रों को मंगवाया जा रहा है।
केंद्र प्रभारी ने गुरुवार को काफी मिन्नतों के बाद मूल्यांकन करने दिया, लेकिन चेतावनी दे दी कि शुक्रवार को यदि प्रमाणपत्र नहीं लाए, तो मूल्यांकन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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