चांदी पहुंचा ऑल टाईम हाई पर, नई कीमत सुनकर उड़ जाएंगे होश; आठ दिन देरी से मिल रही डिलीवरी
आगरा में चांदी के दामों में लगातार रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि हो रही है जिससे बाजार में खलबली मची है। कीमतों में वृद्धि के कारण हाजिर और एमसीएक्स के बीच का अंतर बढ़ गया है और डिलीवरी में देरी हो रही है। त्योहारी सीजन के चलते मांग में तेजी आई है जिससे आपूर्ति प्रभावित हो रही है। लोग शादी और निवेश के लिए चांदी खरीद रहे हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। चांदी के मूल्यों ने ऐसी रफ्तार पकड़ी है कि रोज अपने ही रिकार्ड तोड़ रही है। डेढ़ से ढाई हजार रुपये की लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे मूल्य रोज आल टाईम हाई हो रहे हैं। 1.52 लाख रुपये प्रति किलोगाम पहुंच चुकी चांदी ने बाजार को अस्थिर कर दिया है तो डिलीवरी नहीं मिल पा रही है।
इस कारण हाजिर और एमसीएक्स का अंतर काफी तेजी से बढ़ कर साढ़े तीन हजार से बढ़कर सात हजार रुपये हो गया है। एमसीएक्स पर मूल्य 145300 रुपये प्रति किलोग्राम है। वहीं हाजिर की उपलब्धता में भी 900 से 1400 रुपये प्रति किलोग्राम का अंतर आ रहा है। इससे बाजार थमा हुआ है और त्योहार की खरीदारी भी रूक गई है।
चांदी के मूल्य लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बुलियन बाजार में मांग बढ़ गई है, तो फुटकर बाजार में खरीदारी की भीड़ उमड़ रही है। मूल्य वृद्धि की संभावना बनी हुई है इस कारण हर कोई खरीद कर रखना चाहता है। नवरात्र के पहले दिन मूल्य 1.37 हजार रुपये हाजिर में था, जबकि एमसीएक्स पर 133200 रुपये प्रतिकिलोग्राम मूल्य था।
12 दिन में हाजिर में मूल्य 15 हजार रुपये की वृद्धि हो गई है। वहीं एमसीएक्स पर भी 12 हजार रुपये प्रति किलोग्राम का अंतर है। मूल्यों की रफ्तार से बाजार ने अलग-अलग कयास लगाने शुरू कर दिए हैं। अगले पांच वर्ष के मूल्य चार गुणा होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।
ऐसे में हर कोई चांदी खरीद कर रखना चाहता है। ऐसे लोग जिनके परिवार में हाल फिलहाल में शादी समारोह है वे आभूषण, सिक्के और दूसरे रूप में ले रहे हैं। वहीं जिनके यहां लंबी दूरी है वे सिल्ली के टुकड़े उठा रहे हैं।
मांग इतनी तेजी से बढ़ी है, जिससे आपूर्ति कम पड़ रही है। वहीं बीच में बैंक की छुट्टी रहने के कारण, त्योहारी मांग होने के कारण दूसरे राज्यों में भी मांग अधिक है। कारोबारी बता रहे हैं कि माइनिंग से ही चाल धीमी हुई है, जबकि खपत बढ़ने से आपूर्ति कम लगने लगी है।
इस कारण डिलीवरी में पहले दो दिन का अंतर आ रहा था, लेकिन अब सात से आठ दिन का हो गया है। इसके साथ ही हाजिर से एमसीएक्स में सात हजार रुपये का अंतर आ गया है। वहीं हाजिर मूल्य और उपलब्धता में भी 900 से 1400 रुपये का फर्क आ रहा है, ये खरीद पर बढ़कर और बेचने पर घटकर मिल रहे हैं।
टैरिफ के बाद पकड़ी थी रफ्तार
अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ प्रभावी होने के बाद चांदी ने सवा लाख रुपये प्रति किलोग्राम होने के लिए दौड़ लगानी शुरू की थी, जबकि लोग डेढ़ लाख रुपये प्रति किलोग्राम का कयास लगा रहे थे। दीपावली से पहले ही चांदी ने दोनों पड़ाव पा कर लिए हैं। टैरिफ के बाद 4300 रुपये की वृद्धि के साथ मूल्य 1.22250 प्रति किलोग्राम हुए थे, जिसके बाद लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।
करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली पर बढ़ती मांग
दीपावली का त्योहार नजदीक है और सहालग की भी बाजार तैयारी कर रहा है। आगरा की पायल देशभर में छन छन करती है और 90 प्रतिशत बाजार पर कब्जा है। वहीं यहां के चांदी के सिक्के देश, विदेश तक जाते हैं। छह टन चांदी प्रतिदिन का कारोबार होता है। करवा चौथ पर बिछिए, पायल की मांग होती है। वहीं धनतेरस पर सिक्के, मूर्तियां, बर्तन सहित दूसरी मांग होती है। दीपावली पर भी मूर्तियां और दूसरे सामान खरीदे जाते हैं।
गत वर्ष दीपावली पर एक लाख पहुंच गया था मूल्य
चांदी के मूल्यों ने ऐसी रफ्तार पकड़ी थी कि रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। गतवर्ष दीपावली पर मूल्य एक लाख एक हजार रुपये प्रति किलोग्राम पहुंचे थे, जिससे आल टाइम हाई हो गए थे। इसके बाद गिरावट आई और 90 हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक चांदी मूल्य घूमता रहा।
होली से ठीक एक दिन पहले मूल्यों ने तेजी से रफ्तार पकड़ी और 2150 रुपये की उछाल के साथ एमसीएक्स पर मूल्य एक लाख 1300 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गया। वहीं हाजिर का मूल्य एक लाख एक हजार रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गया था। इसके बाद से कुछ अंतर रहा है, लेकिन अब लगातार वृद्धि हो रही है।
चांदी मूल्यों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिस कारण बाजार में मांग तेजी से बढ़ी है। सहालग के लिए लोग खरीदारी कर रहे हैं, तो बढ़ते मूल्यों को देख लोग आगामी आयोजनों, इंवेस्ट के लिए खरीद कर रख रहे हैं। मांग बढ़ने से आपूर्ति प्रभावित हुई, जिस कारण देरी हो रही है। -मनोज गुप्ता, स्वामी, श्रीजी पायल
चांदी के मूल्य लगातार बढ़ रहे है। इस कारण अब लोग खरीदारी रोकना नहीं चाहते हैं। आगामी कार्यो के लिए भी खरीद कर रखा जा रहा है। इसके साथ ही मूल्य और बढ़ने की आशंका को ध्यान में रखते सिल्ली खरीदी जा रही हैं। मांग बढ़ती है तो आपूर्ति प्रभावित होती है। -राकेश अग्रवाल, एमआरजे सिल्वर हब, कमला नगर
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