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    shyama Prasad Mukherjee Rurban Mission Scheme: कूड़े से कमाई करेंगे समूह, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन योजना महिलाओं को करेगी सशक्त

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 14 May 2022 05:13 PM (IST)

    shyama Prasad Mukherjee Rurban Mission Scheme रूर्बन योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को दिए जाएंगे रोजगार के अवसर। मिढ़ाकुर क्लस्टर से जुड़े कुछ गांवों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाएगा। डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रित करने का काम ग्राम पंचायत के माध्यम से कराया जाएगा।

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    shyama Prasad Mukherjee Rurban Mission Scheme: महिलाओं के रोजगार का साधन बनेगी योजना।

    आगरा, जागरण संवाददाता। श्याम प्रसाद मुखर्जी रूर्बन योजना के तहत महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी कदम आगे बढ़ाए जा रहे हैं। इस योजना के तहत चिह्नित मिढ़ाकुर क्लस्टर में महिलाओं को कूड़े से कमाई के अवसर दिए जाएंगे। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को ये अवसर दिया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी ए. मनिकंडन के निर्देश पर इस रूपरेखा तैयार की जा रही है।

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    योजना के तहत मिढ़ाकुर क्लस्टर से जुड़े कुछ गांवों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाएगा। इस कूड़े को एकत्रित करने के लिए गांव में एक स्थान चिह्नित किया जाएगा। इस स्थल को टीनशेड के जरिये ढका जाएगा। यहां कूड़े को अलग-अलग करने की व्यवस्था होगी। यह काम स्वयं सहायता समूहों को दी जाएगी। डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रित करने का काम ग्राम पंचायत के माध्यम से कराया जाएगा।

    कूड़ा अलग-अलग कर इसे निस्तारित करने का काम स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा। समूह से जुड़ी महिलाएं कूड़े में निकलने वाली सामग्री को बेच सकेंगी। इससे वह धन अर्जित करेंगी। ग्राम पंचायत को इसके बदले कुछ नहीं देना होगा। हालांकि काम का कूड़ा निकालने के बाद बाकी कूड़े का निस्तारण उन्हें करना होगा। सीडीओ ए. मनिकंडन का कहना है कि इसके जरिये कूड़े का तो बेहतर निस्तारण होगा ही, स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे।

    रूर्बन योजना से गांवों का विकास

    रूर्बन योजना के तहत मिढ़ाकुर के कुछ गांवों को चिह्नित किया गया है। इन गांवों में पेयजल, स्ट्रीट लाइट, कौशल विकास आदि के क्षेत्र में कार्य कराए जा रहे हैं।