जीएसटी कमिश्नर से मिले जूता कारोबारी
एक हजार रुपये तक के जूते पर जीएसटी को पांच से बढ़ाकर 12 फीसद किए जाने का विरोध जीएसटी वृद्धि से हुई असुविधा से कराया अवगत

आगरा, जागरण संवाददाता । एक हजार रुपये तक के जूते पर जीएसटी को पांच से बढ़ाकर 12 फीसद किए जाने के विरोध में जूता कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर ललन कुमार से मिला। जीएसटी वृद्धि से हुई असुविधा से अवगत कराते हुए कहा कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन की 40 लाख रुपये की थ्रेशहोल्ड लिमिट होने से आधे से अधिक जूता कारोबारी आइटीसी नहीं ले पाते हैं। यह सीधे-सीधे सरकार को फायदा है। जूता कारोबारी सरकार को अच्छा-खासा राजस्व देते हैं। सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर ने कारोबारियों की बात को सुनने के बाद आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आगरा शू फैक्टर्स फेडरेशन के महामंत्री दिलीप खूबचंदानी और जूता मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उपेंद्र लवली ने किया। कुलदीप सिंह, रोहित ग्रोवर, संजय मगन, दिलप्रीत सिंह सचदेवा, रोहित महाजन, चंद्रवीर सिंह आदि मौजूद रहे। बढ़ा टैक्स वापस नहीं हुआ तो दम तोड़ देगा जूता उद्योग
आगरा : आगरा आनलाइन ट्रेडर्स एसोसिएशन की शुक्रवार को हुई बैठक में जूते पर जीएसटी को पांच से बढ़ाकर 12 फीसद करने का विरोध किया गया। संस्था के अध्यक्ष सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से व्यापार पहले से ही बुरी परिस्थितियों से गुजर रहा है। जीएसटी में वृद्धि से भविष्य में बहुत ही समस्या आने वाली है। छोटे व्यापारी पहले से ही घाटे में व्यापार कर रहे हैं। अगर, बढ़ी हुई जीएसटी दर को वापस नहीं लिया गया तो आगरा का जूता उद्योग दम तोड़ने की स्थिति में आ जाएगा। जीएसटी को दोबारा पांच फीसद नहीं किया गया तो एसोसिएशन अनशन करेगी। हर्ष कुमार सिंह, हरीश धर्मदासानी, रवि कुमार अग्रवाल, राहुल गलानी, मोहनदास, नितिन परवानी, विजय आनंद, सादिक खान आदि मौजूद रहे।
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