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    School Fees Relief: ​​​अब स्‍कूल बोले, ​​अभिभावक दें प्रार्थना पत्र, मिलेगी राहत

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jul 2020 05:07 PM (IST)

    School Fees Relief नप्सा कार्यकारिणी ने यह फैसला लिया है कि छूट लेने के अभिभावक प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। उनकी जांच के बाद स्कूल फीस में राहत दे सकते हैं।

    School Fees Relief: ​​​अब स्‍कूल बोले, ​​अभिभावक दें प्रार्थना पत्र, मिलेगी राहत

    आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में कमजोर आर्थिक स्थिति से गुजर रहे अभिभावक परेशान न हों। पहली तिमाही की फीस में कुछ उन्हें राहत मिल सकती है। इसके लिए वह स्कूल में प्रार्थना पत्र दें। स्कूल अपनी क्षमतानुसार फीस में रियायत देंगे। यह फैसला मंगलवार को सिकंदरा स्थित होली पब्लिक स्कूल में हुई नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन (नप्सा) से जुडे स्कूलों ने लिया।

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    अध्यक्ष संजय तोमर ने बताया कि नप्सा कार्यकारिणी ने यह फैसला लिया है कि छूट लेने के अभिभावक प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। उनकी जांच के बाद स्कूल फीस में राहत दे सकते हैं। सचिव राजपाल सोलंकी ने बताया कि स्कूल अॉनलाइन माध्यम से ही शिक्षा देंगे। सितंबर में अॉनलाइन व मार्च में पैन-पेपर से परीक्षा लिए जाने की संभावना है। स्कूल सेशल को जीरो नहीं करें। सीबीएसई ने सिलेबस को 30 फीसद कम कर दिया है। अॉनलाइन टीचिंग पर सेमीनार भी किए जाएंगे। इस दौरान राजू डेनियल, मोहिल बंसल, स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह, संजय अग्रवाल, विनय गुप्ता, गरिमा यादव, एसएस यादव, डॉ. अभिनाश पोखरियाल, पृथ्वी चाहर, वीके यादव, सुमनलता, सीबी जदली आदि मौजूद रहे।

    पापा ने किया था फीस का विरोध

    स्कूल अपनी मर्जी सुप्रीम कोर्ट के फीस माफी खंडन का वर्णन कर रहे हैं। लिहाजा अभिभावक उनके झांसे में न आएं। अभी लड़ाई की शुरुआत है, जिसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए एकजुट होकर ही प्रयास करना होगा, तभी सफलता मिलेगी। शनिवार को प्रोग्रेसिव आगरा पेरेंट्स एसोसिएशन (पापा) ने वेबीनार मीट का आयोजन किया गया, जिसमें अभिभावकों के बीच यह चर्चा हुई थी। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंथन किया गया। सभी अभिभावकों ने एक स्वर में शिक्षण संस्थानों के बयानों की निंदा की है। कोर्ट ने याचिकर्ताओ को अपने-अपने राज्य के हाईकोर्ट में फीस माफी अपील करने के निर्देश दिए हैं, जबकि निजी स्कूलों के निदेशक इसे अपनी जीत करार दे फूले नहींं समा रहे। बैठक में यह भी रणनीति बनी कि संस्था सदस्य इलाहाबाद हाईकोर्ट में कुछ प्रभावी तथ्यों के साथ अपनी बात रखेंगे। साथ ही निजी स्कूलों की एक संस्था के इस उस व्यवहार की भी निंदा की गई, जिसमें एक तरफ वह डीएम को ज्ञापन सौंपकर ऑनलाइन पढ़ाई बन्द कराने बात कहती है और दूसरी तरफ अभिभावकों से ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर लगातार फीस की मांग की जा रही है।