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    Sawan Ka Somwar: कैलाश महादेव मंदिर में उमड़ी आस्था, अकबर का मकबरा पर्यटकों के लिए फ्री

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 10:08 AM (IST)

    Sawan Ka Somwar कैलाश महादेव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। रात 12 बजे से ही जलाभिषेक शुरू हो गया और सुबह 5 बजे तक लगभग 800 कांवड़ अर्पित की गईं। भक्तों ने विशेष शिवलिंग का अभिषेक और पूजन किया। वहीं कैलाश मेले में झूलों और दुकानों पर भी खूब भीड़ रही साथ ही भंडारे का आयोजन किया गया। आज अकबर का मकबरा पर्यटकों के लिए निशुल्क है।

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    तीसरे सोमवार को रात 12 बजाकर 25 मिनट पर सिकंदरा स्थित कैलाश महादेव पर कांवड़ चढ़ाते कांवड़िए। अमित शिवहरे

    जागरण संवाददाता, आगरा। श्रावण मास के तीसरे सोमवार पर सिकंदरा स्थित कैलाश महादेव मंदिर पर भव्य मेला लगा। इस में शामिल होकर श्रद्धालु रात्रि से ही भगवान का जलाभिषेक करने पहुंचने लगे थे। भीड़ को देखते हुए रात्रि 12 बजे से ही शिवलिंग पर कांवड़ अर्पित करना आरंभ हो गया। सुबह पांच बजे तक करीब 800 कांवड़ अर्पित की गई।

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    इसके साथ ही क्षेत्र के साथ दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने भी अपने आप में विशेष एक ही जलहरि में स्थापित दो शिवलिंग का अभिषेक और पूजन किया। वहीं मेले के लिए पूरे क्षेत्र मे लगाए गए झूले पर झूलने वालों और विभिन्न दुकानों खरीदारी करने वालों की भीड़ लगी रही। क्षेत्र मे कई जगह भंडारों का आयोजन किया गया।

    आज अकबर का मकबरा में प्रवेश निशुल्क

    सावन के तीसरे सोमवार को कैलाश मेले के अवसर पर अकबर के मकबरे (सिकंदरा) में पर्यटकों का प्रवेश निश्शुल्क है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक स्मारक में भारतीय व विदेशी पर्यटकों पर किसी तरह का टिकट लागू नहीं होगा। स्मारक की टिकट विंडों भी बंद की गई है। स्मारक के संरक्षण सहायक मुदस्सर अली ने बताया कि इसका आदेश अधीक्षण पुरातत्वविद द्वारा किया जा चुका है। सावन के चौथे सोमवार पर चार अगस्त को भी स्मारक में पर्यटकों को निश्शुल्क प्रवेश मिलेगा।

    मंदिर के पट 12 बजे ही खुले

    मंदिर के मुख्य महंत दिलीप गिरि ने बताया कि रात्रि 12 बजे से भगवान के जलाभिषेक का क्रम आरंभ हुआ। दो बजे मंगला आरती में बाबा का भांग से शृंगार कर उन्हें पेड़े, घेवर और बेलपत्र का भोग अर्पित किया गया। सुबह पांच बजे से श्रद्धालुओं ने पहुंचकर जलाभिषेक किया।

    • सोमवार शाम को बाबा का भव्य शृंगार कर भव्य फूल बंगला सजाया जाएगा।
    • रात्रि साढ़े आठ बजे उनकी महाआरती कर छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे।
    • रात्रि 10 बजे आरती के बाद मध्यरात्रि 12 बजे शयन आरती होगी, जिसके बाद पट बंद कर दिए जाएंगे।

    एक हजार से अधिक कांवड़ की अर्पित

    तृतीय सोमवार को कैलाश महादेव पर सर्वाधिक करीब एक हजार कांवड़ अर्पित की गई, जिन्हें क्षेत्र के निवासी गंगा से लेकर आए थे। उनके कांवड़ लेकर पहुंचने का क्रम रविवार रात्रि से ही आरंभ हो गया था। रात्रि 12 बजे तक उनकी संख्या बहुत हो गई। उन्होंने अपने हाथों से कैलाश महादेव का अभिषेक कर कांवड़ को अर्पित किया।

    भीड़ को देखते मंदिर के पांच द्वार में से सिर्फ तीन से ही प्रवेश की व्यवस्था रही। एक द्वार से सिर्फ कांवड़ियों को प्रवेश दिया गया। दूसरे द्वार से महिलाओं और तीसरे द्वार से पुरुषों को प्रवेश दिया गया। शेष दो द्वार से निकासी व्यवस्था रही। मेले में छाई रौकन मेले को लेकर सिकंदरा से लेकर मंदिर तक मार्ग में विभिन्न सामानों की दुकानें और छोटे-बडे झूले पहले ही लग चुके थे।

    मेला शुरू होते ही रौन छाई

    मेला उद्घाटन होने के साथ ही मेले में रौनक छाना आरंभ हो गई। युवा, महिलाएं, युवतियां और बच्चे टोलियों में मेले में पहुंचें और उन्होंने सिकंदरा स्मारक के पास प्लाट व सिकंदरा थाने के बराबर वाले मैदान में लगे बड़े झूलों के साथ मार्ग में लगे छोटे झूलों को झूलकर व चाट-पकौड़ी व नान-खाताई, घेवर आदि खरीदकर मेले का खूब लुत्फ उठाया।

    सज गए भंडारे

    कैलाश मेला भले रविवार को आरंभ हो गया, लेकिन सोमवार को सुबह से देर रात्रि तक मेले में श्रद्धालुओं की भीड उमड़ेगी। इसको लेकर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर भंडारे सज चुके हैं, जिन्होंने प्रसाद वितरण आरंभ कर दिया। वहीं जगह-जगह म्युजिक सिस्टम लगाकर भक्ति गीत बजाए जा रहे हैं, जो माहौल को भक्तिमय बना रहे हैं। 

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