Sawan 2022: आगरा के पास है ये शिव मंदिर, यहां शिवलिंग की गहराई जान नहीं पाया अभी तक कोई
Sawan 2022 खंदाैली में बना टेढ़ेश्वर महादेव मंदिर लगभाग 200 साल पुराना बताया जाता है। एक तरफ झुके हुए शिवलिंग की वजह से नाम पड़ गया टेढ़ेश्वर महादेव। ...और पढ़ें

आगरा, गजेंद्र शर्मा। सावन का महीना है। आगरा शहर ही नहीं बल्कि आसपास में भी प्राचीन मंदिर हैं, जिनको लेकर गहरी आस्थाएं, मान्यताएं और पुरानी किवदंतियां हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं आगरा के पास खंदौली में बने प्राचीन टेढ़ेश्वर महादेव मंदिर के बारे में। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की गहराई का जानकार आज भी कोई नहीं है।
मंदिर का इतिहास
यह प्राचीन मंदिर 200 साल पुराना बताया जाता है। कहा जाता है कि यहां शिवलिंग प्राकृतिक रूप से प्रकट हुए हैं। शिवलिंग एक तरफ को झुका हुआ है, इसलिए इसे टेढ़ेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। सालों तक यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप में ही रहा था।
धीरे-धीरे लोगों में मान्यता हुई तो भक्त पहुंचना शुरू हुए। सावन के महीने में यहां भक्तों की लंबी लाइनें लगती हैं। मंदिर में बाद में शिव परिवार को स्थापित किया गया। बताया जाता है कि शिवलिंग की गहराई आज तक कोई जान नहीं पाया है। फर्श बनने की वजह से अब शिवलिंग का सिर्फ ऊपर का हिस्सा ही दिखता है।
मंदिर की विशेषता
यहां हर मनोकामना पूरी होती है। मनोकामना पूरी करवाने और महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्त यहां घंटा चढ़ाते हैं, दंडवत प्रणाम करते हैं। परिक्रमा भी लगाई जाती है। सावन में यहां मेला लगता है, जहां दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं।
प्राचीन मंदिर सिद्ध स्थान है। यहां शिव का अपने भक्तों पर खास आशीर्वाद रहता है। सच्चे दिल से जो मांगो वो इच्छा शिव पूरी करते हैं। सालों से देख रहा हूं कि जो भक्त एक बार आता है, वो बार-बार दर्शन करने आता है।
- घंट बाबा, महंत, टेढ़ेश्वर महादेव मंदिर
महादेव की लीला अपरंपार है। परिक्रमा करने, घंटा चढ़ाने से भोले नाथ खुश हो जाते हैं। यहां किसी के लिए गंदी इच्छा रखकर आने वालों को सजा भी मिलती है।
- सत्यप्रकाश पारस, भक्त

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