Sawan 2021: कान्हा की नगरी में कैलाशपति नीलकंठ महादेव, जहां होती है हर मनोकामना पूरी
Sawan 2021 नीलकंठ महादेव का मंदिर करीब तीन सौ वर्ष पुराना है। मंदिर का निर्माण लाला पीतांबर दास व छौनामल ने कराया था। जीर्णोद्धार लाला हरस्वरूप और उनके स्वजन ने कराया था। यह मंदिर नीलकंठ महादेव के नाम से जाना जाता है।

आगरा, जेएनएन। कान्हा की नगरी में कैलाशवासी नीलकंठ महादेव। जी हां, मथुरा के महावन में गौड़ीय मठ के पीछे नीलकंठ महादेव विराजमान हैं। नीलकंठ महादेव का भव्य मंदिर है। निजी वाहनों, आटो से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। महादेव हमेशा भक्तों पर कृपा बनाकर रखते हैं। महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करने को भक्तों का तांता लगा रहता है।
मंदिर का इतिहास
नीलकंठ महादेव का मंदिर करीब तीन सौ वर्ष पुराना है। मंदिर का निर्माण लाला पीतांबर दास व छौनामल ने कराया था। जीर्णोद्धार लाला हरस्वरूप और उनके स्वजन ने कराया था। यह मंदिर नीलकंठ महादेव के नाम से जाना जाता है। मंदिर के अंदर शिव परिवार की प्रतिमाएं स्थापित हैं। मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं।
मंदिर की विशेषताएं
मंदिर में शिवलिंग अलौकिक है। सच्ची मन से प्रार्थना करने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनां पूरी करते हैं। महादेव भक्तों की सभी चिंताएं दूर करते हैं। सावन के प्रत्येक सोमवार को मेला का आयोजन किया जाता है। भक्तों द्वारा महाभिषेक किया जाता है। पूजा करने को श्रद्धालुओं की कतार लगती है।
नीलकंठ महादेव में अलौकिक शक्ति है। जिस श्रद्धालु ने श्रृद्धाभाव से जो मांगा, भोलेनाथ ने उस को वह दिया। यह महादेव की महानता है। महादेव कभी भक्तों को निराश नहीं करते हैं।
मूर्ति देवी-सेवायत
नीलकंठ महादेव पर आने वाले भक्तों की चिंताएं दूर होती हैं। महादेव की शरण में बीस वर्ष से आ रहे हैं। दर्शन करने से मन को शांति मिलती है।
सतीश कुमार अग्रवाल- श्रद्धालु
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