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    40 वर्ष बाद 'सौभाग्य' मिला तो दौड़ा खुशी का 'करंट', पढ़ें कैसे साकार हुई योजना

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Mon, 11 Mar 2019 02:07 PM (IST)

    योजना के तहत डीवीवीएनएल ने बांटे 15 लाख से अधिक कनेक्शन। आगरा के पांच मजरों में पहली बार पहुंची बिजली। ...और पढ़ें

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    40 वर्ष बाद 'सौभाग्य' मिला तो दौड़ा खुशी का 'करंट', पढ़ें कैसे साकार हुई योजना

    आजादी के बाद से देश तरक्‍की की राह पर लगातार आगे बढ़ रहा था। शहर हर दिन विकास की नई इबारत लिख रहे थे। रोशनी से बड़े शहर जगमगा रहे थे। विकास के इस उजाले के पीछे स्‍याहा अंधेरा भी छाया था। जहां से देश तरक्‍की के पायदान चढ़ रहा था देश के वो ही क्षेत्र अंधेरे में डूबे थे। जब तब मांग उठती तो कुछ हिस्‍सों में खंभे लगा तो दिए गए लेकिन बिजली नहीं पहुंची ।सितंबर 2017 से शुरू हुई सौभाग्‍य योजना ने अंधेरे में डूबी जिंदगियों को सौभाग्‍य का आशीर्वाद देना शुरू किया तो असल भारत यानि गांवों की तस्‍वीर बदलनी शुरु हो  गई...। 

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    केस-1

    निबोहरा के गढ़ी जहान में काफी समय से बिजली के खंभे खड़े थे। सौभाग्य योजना में लाइन डाली गई। यहां 80 से अधिक घरेलू कनेक्शन जारी हुए हैं। अभी बिजली की सप्लाई शुरू नहीं हुई है।

    केस-2

    खंदौली के नगला लोधा बरी में 20 परिवार रहते हैं। यहां दो माह पूर्व विद्युतीकरण हुआ है। घरों में बिजली पहुंचने पर खुशी की लहर दौड़ गई।

    आगरा, जेएनएन। दशकों से रात के अंधेर में वक्त गुजारने वालों के घर रोशन हुए तो चेहरे चमक उठे। मजरे तरक्की की राह पर चले तो बच्‍चों की पढ़ाई भी सुगम हुई। ग्र्रामीणों को यह 'सौभाग्य' प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर (सौभाग्य) योजना से मिला है। डीवीवीएनएल के कार्यक्षेत्र के 21 जिलों में योजना के तहत 15.37 लाख कनेक्शन जारी किए हैं। वहीं, आगरा में 58193 कनेक्शन दिए गए हैं।

    इन मजरों का किया विद्युतीकरण

    आगरा के पांच ब्लॉकों के पांच मजरों को विद्युतीकरण कर रोशन किया गया है। इनमें जगनेर के सरवनपुरा, जैतपुर के पुराजैम, खंदौली के थार बघेल व नगला लोधा बरी और सैंया के पोखनपुरा शामिल हैं।

    लक्ष्य पूरा करने में जुटे अधिकारी

    डीवीवीएनएल के अधिकारी सौभाग्य योजना का लक्ष्य पूरा करने को ताकत झोंके हुए हैं। अधिकारियों ने पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्र्राम ज्योति योजना में होने वाले विद्युतीकरण को भी सौभाग्य से ही जोड़ दिया है।

    क्या है सौभाग्य योजना

    प्रधानमंत्री सहज हर घर बिजली योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन देना है। बीपीएल कार्ड धारकों को निश्शुल्क और एपीएल कार्ड धारकों से पांच सौ रुपये प्रति कनेक्शन शुल्क लिया जाना है। यह राशि पचास रुपये प्रतिमाह बिजली बिल में समायोजित होकर आएगी।

    कहां कितने कनेक्शन

    जिला, प्राप्त लक्ष्य

    आगरा, 58193

    अलीगढ़, 110243

    फीरोजाबाद, 76500

    मथुरा, 79134

    मैनपुरी, 75523

    एटा, 51876

    आगरा में कितना काम

    - 243 करोड़ का बजट योजना के तहत मिला।

    - 2641 राजस्वग्र्राम व मजरे शामिल हैं आगरा जनपद के।

    - 663 एलटी पोल लगे हैं उक्त गांवों व मजरों में।

    - 741 एलटी व ट्रांसफार्मर अब तक लगाए गए हैं योजना के तहत।

    - 940 ट्रांसफार्मरों में से 861 लग चुके हैं अब तक।

    - 1091 किलोमीटर एबी कंडक्टर केबल डाली जानी थी

    - 81 किलोमीटर मात्र एबी कंडक्टर केबल ही डाली जा सकी है

    - 25 सितंबर 2017 को योजना की शुरुआत हुई

    - 31 मार्च 2019 को समापन होना है योजना का।

    मथुरा में 'सौभाग्य' से जीवनशैली में होने लगा उजाला

    बिजली विभाग की 'सौभाग्य' योजना लोगों की जीवनशैली में उजाला करने लगी है। शाम होते ही घर में रोशनी हो जाती है। बिजली की रोशनी में बच्‍चे पढ़ते हैं। अब टीवी देख मनोरंजन करते हैं। सूरज ढलते ही घुप अंधेरे में रहने वाली गलियां और बस्तियां जगमगा उठती हैं।

    सौंख रोड पर नगला अंबेडकर निवासी कृष्णा ने तो सबमर्सिबल पंप लगवा ली है। नलकूप से होने वाले घरेलू कार्यों के लिए अब सबमर्सिबल पंप चालू कर लेते हैं। खेत में सिंचाई में भी अब दिक्कत नहीं होती। इस गांव में पिछले वर्ष नवंबर में पहली बार बिजली पहुंची थी।

    तमाम गांव और मजरे तो ऐसे थे जहां के लिए बिजली एक सपना बनी हुई थी। कोई ग्रामीण मनोरंजन के लिए टीवी खरीद कर ले आया तो किसी ने पानी की व्यवस्था के लिए सबमर्सिबल पंप लगा ली। नगला अंबेडकर निवासी निरंजन और वीरी सिंह कहते हैं कि जब बिजली आ गई तो सुख-सुविधा के संसाधन भी खरीदे जाएंगे। वृंदावन के समीपवर्ती गांव सकराया के परशुराम कहते हैं कि पहले कनेक्शन नहीं था। चोरी छिपे बिजली का उपभोग करते थे। चेकिंग का डर बना रहता था। सुबह होते ही कटिया को उतार लेते थे। जब से सौभग्य में निश्शुल्क कनेक्शन मिला है, तब से बिजली चोरी के मामले में पकड़े जाने का भय ही दूर हो गया है। इस गांव में डेढ़ सौ से अधिक सौभाग्य में कनेक्शन दिए गए।

    - 83 हजार उपभोक्ताओं को सौभाग्य में मिले नए कनेक्शन

    - 1536 करोड़ रुपये में बिजली व्यवस्था की जा रही दुरुस्त

    - 856.79 करोड़ रुपये से अधिक के अब तक कराए गए कार्य

    - 220 केवी का उपकेंद्र मांट के गांव मढुआका में बनाया

    - 33/11 केवी के उपकेंद्र निर्माण की महावन और लालपुर कोसीकलां में रखी नींव

    - 29 परिवारों को सौभाग्य योजना में सोलर लाइट देने का प्रस्ताव

    - नगला कोल्हूपोखर, भवानी, छत्ती, चौधरी, सपेरा, माली, अंबेडकर, अस्तल पहली बार हुए रोशन

    'सौभाग्‍य' रथ अभी घूम रहा है

    भाजपा की सरकार को प्रदेश में 23 महीने हो गए। तब से लेकर अब तक 98.23 हजार बिजली के नए कनेक्शन दिए गए। सौभाग्य योजना के तहत 31 दिसंबर 2018 तक 76.65 लाख कनेक्शन दिए हैं। 'सौभाग्य रथ' अभी घूम रहा है।

    श्रीकांत शर्मा, उर्जा मंत्री उत्तर प्रदेश

    मैनपुरी में 'सौभाग्य' ने 81183 घरों को किया जगमग

    केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना ने जिले के ग्रामीण इलाकों की सूरत ही बदल दी। वर्षों से ढिबरी के सहारे ङ्क्षजदगी गुजारते आ रहे हजारों परिवारों को मुफ्त बिजली की सुविधा मुहैया कराई गई। अब तक 81183 घरों को रोशन कर चुका बिजली विभाग अन्य पांच हजार मकानों तक पहुंचने की तैयारियां भी पूरी कर चुका है। 

    17 दिसंबर 2017 को शुरू हुई सौभाग्य योजना ने जिले में अपना बड़ा असर दिखाया है। अधीक्षण अभियंता उमेश चंद्र वर्मा का कहना है कि मैनपुरी को 1,10,877 कनेक्शनों का लक्ष्य दिया गया है, जिसे 31 मार्च तक पूरा करना है। विभागीय अभियान में अलग-अलग गांवों में कैंप लगाने का फायदा मिला। 2744 मजरा जो आज तक अंधेरे में डूबे हुए थे, वहां हर घर में बिजली पहुंचा दी गई है। लगभग पांच हजार कनेक्शन प्रक्रिया में हैं। जिन्हें जल्द ही विभागीय पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा। आधा दर्जन से ज्यादा गांवों को पूरी तरह से सौभाग्यशाली घोषित किया जा चुका है।

    सात कंपनियों को सौंपी है जिम्मेदारी

    जिले में योजना के तहत हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए सात अलग-अलग कंपनियों को जिम्मेदारी दी गई है। इनमें अमित इंजीनियङ्क्षरग, मैसर्स अनुराग मिश्रा, विभु इंटरप्राइजेज, मां विशारी देवी इंटरप्राइजेज, मनु इलेक्ट्रिकल्स, केईआइ इंडस्ट्री दिल्ली और एलएनटी शामिल हैं।

    बदली दुनिया तो बदल गई जिंदगी

    वर्षों बाद दुर्जनपुर गांव में बिजली पहुंची तो लोगों का लाइफ स्टाइल ही बदल गया। अवध बिहारी (85) का कहना है कि उनकी उम्र का एक पूरा पड़ाव बीत गया। घर में सिर्फ मिट्टी के तेल की ढिबरी से ही रोशनी होती थी। लेकिन, अब तो सब कुछ बदल गया है। रामकली (45) का कहना है कि वे जब से आई हैं तब से ऐसे ही गुजारा हो रहा था। पहले कनेक्शन दिया फिर रोशनी के लिए मुफ्त बल्ब भी मिल गया। अब तो सुविधा हो गई है। बिजली आने की खुशी में टीवी भी खरीद ली। अब तो देश दुनिया की हर हलचल देखने को मिलती है।

    युवाओं की पहल से रोशन हो गया गांव

    गांवों की सूरत बदलने के लिए युवाओं की पहल भी सराहनीय रही। विकास खंड सुल्तानगंज के गांव दुर्जनपुर निवासी छात्र शरद मिश्रा ने अकेले ही गांव के लोगों से संपर्क कर उनके सहयोग से कैंप लगवाया। पहल ऐसी रही कि जिले का पहला सौभाग्यशाली गांव घोषित किया गया। विकास खंड किशनी के गांव मनिगांव निवासी विजय सिंह की पहल भी रंग लाई। उनकी कोशिशों की वजह से ही पूरे गांव में निश्शुल्क कनेक्शन दिए गए।

    कासगंज में 'सौभाग्य' नहीं, चाहिए चोरी का उजाला

    कासगंज जिले में बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैैं जिन्हें सौभाग्य के स्थान पर चोरी का उजाला भा रहा है। पहले दर्जनों गांवों में शाम होते ही अंधेरा छा जाता था। वहां केंद्र की सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण किया गया लेकिन यहां के निवासी कनेक्शन लेने के स्थान पर चोरी की बिजली जलाने में रुचि दिखा रहे हैैं। आलम यह है कि नई खींची गई विद्युत लाइन तक को उक्त ग्रामीणों ने बंद कर दिया है।

    पटियाली के प्यारमपुर निवासी अजय कुमार कहते हैं, सौभाग्य के तहत चार ट्रांसफारमर लगने के बाद अब बिजली कम जाती है। गंजडुंडवारा के बरा, जलालपुर एवं बस्तर के ग्रामीण भी खुश हैं। हरपाल ङ्क्षसह व सतीश चंद्र कहते हैं कि पहले कई बार मांग की थी, लेकिन विद्युतीकरण नहीं हुआ था। सहावर के नॉक मद्रासी में मोबाइल चार्ज करने के लिए कुछ लोगों ने सोलर सिस्टम तक लगवा लिया था। अब राहत है।

    कई गांवों में नहीं लिए कनेक्शन

    दरियावगंज क्षेत्र में नगला चाहे, अजीमगंज, खुर्द बहादुर, नगला चेता, नगला स्वर्गदारी, बिजौरा सहित कई गांवों में विद्युतीकरण हो चुका है। इन गांवों के लोग कनेक्शन नहीं लेते। वे एटा की लाइन से चोरी की बिजली जला रहे हैं।

    भुजपुरा में विद्युत लाइन है बंद

    गांव भुजपुरा में सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकरण किया गया। नई लाइन बंद है। लोग पुरानी लाइन में कटिया डाल कर बिजली जला रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कई शिकायतों के बाद भी लाइन चालू नहीं हुई है।