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संतों का आह्वानः राममंदिर तो झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है

काशी विद्वत परिषद ब्रज मंडल शाखा के संयोजन में संतों ने की बैठक। संतों ने दिया ब मथुरा और काशी का नारा दिया है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 02:07 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 05:05 PM (IST)
संतों का आह्वानः राममंदिर तो झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है
संतों का आह्वानः राममंदिर तो झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है

आगरा, जेएनएन। अयोध्या में भगवान श्रीराम के दिव्य और भव्य मंदिर के निर्माण कार्य शुरू होने के बाद अब संतों ने काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्ति के लिए आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है। काशी विद्वत परिषद की ब्रजमंडल शाखा ने सोमवार को बैठक आयोजित कर अब मथुरा और काशी का नारा दिया है।

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सदियों के विभिन्न आंदाेलन के बाद अयोध्या राम मंदिर अब मूर्त रूप ले रहा है। इससे उत्साहित होकर अब संत समाज में काशी एवं मथुरा के लिए आवाज उठने लगी है। संतों को अब उम्मीद जोर पकड़ रही है कि केंद्र सरकार इन दाेनों तीर्थाें के लिए भी प्रयास शुरु करेगी। इस संदर्भ में वृंदावन के वंशीवट स्थित सुदामा कुटी में सोमवार को काशी विद्वत परिषद ब्रजमंडल शाखा ने संतों की बैठक आयोजित की थी। संतों ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम मंदिर का भूमि व शिला पूजन कर दिया। जिससे संतों में उत्साह है। महंत सुतीक्ष्ण दास ने कहा मोदी और योगी दोनों महापुरुष हैं और इन के सानिध्य में हमारा सनातन धर्म सुरक्षित है और हम सबको इन दोनों के हाथ मजबूत करनी चाहिए। महामंडलेश्वर चित्प्रकाशानंद ने कहा काशी विश्वनाथ और मथुरा कृष्ण जन्मभूमि के लिए हमें आगे बढऩा है। महामंडलेश्वर नवल गिरी ने कहा अभी मोदी-योगी की सरकार है। अभी नहीं तो कभी नहीं इसलिए हम सब को जागरूक होना चाहिए। डॉ. मनोज मोहन शास्त्री ने कहा राम जन्मभूमि के बाद अब सभी मंदिरों का संरक्षण होगा। अनुराग कृष्ण शास्त्री ने कहा अब काशी विश्वनाथ और कृष्ण जन्मभूमि का मंदिर भव्य बनना चाहिए। संजीवकृष्ण ठाकुर ने कहा काशी और विश्वनाथ मंदिर के लिए हमें एकजुट होना चाहिए। काष्र्णि नागेंद्र महाराज ने कहा यह आवाज ब्रजमंडल से उठी है। अयोध्या तो झांकी थी मथुरा और काशी अभी बाकी है। मुकुंद शर्मा, विश्वास शर्मा, श्यामसुंदर बृजवासी, रामशरण शर्मा, महेश भारद्वाज समेत अनेक संत, महंत व महामंडलेश्वर मौजूद रहे।


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