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    Road Safety: आगरा से बाहर निकलते ही टोल भरपूर, नेशनल हाईवे पर सुविधाएं हैं शून्य, होते हैं अक्सर हादसे

    By amit dixitEdited By: Prateek Gupta
    Updated: Thu, 17 Nov 2022 08:38 AM (IST)

    Road Safety नेशनल हाईवे अथॉरिटी की फाइलाें में कागजों में कैद हैं संरक्षा के उपाय। कई जगहों पर हाईवे पर हैं अवैध पार्किंग शिकायतों को किया जाता है नजरअंदाज। जगह जगह हैं ब्लैक स्पाट इंडियन रोड कांग्रेस की सिफारिशें दरकिनार।

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    Road Safety: नेशनल हाईवे 19 पर मोड़ पर संकेतक न लगा होने से पिछले दिनाें दुर्घटनाग्रस्त कार। फाइल फाेटो

    आगरा, अमित दीक्षित। साल दर साल। नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा की दरें दस से 15 प्रतिशत बढ़ रही हैं लेकिन जिस तरीके से शहरी क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट होनी चाहिए। अवैध कट बंद होने चाहिए। हाईवे पर शार्प मोड़ ठीक होने चाहिए। ब्लैक स्पाट्स का दाग मिटना चाहिए। इन सभी पर ध्यान देना जरूरी है। इंडियन रोड कांग्रेस की कुछ यही गाइड लाइन भी है। अफसोस भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) आगरा, मथुरा, ग्वालियर खंड के अधिकारियों को इन नियमों की कोई परवाह नहीं है। न ही कार्रवाई का डर है। इसी के चलते कागजों में संरक्षा के इंतजाम कैद हैं। अवैध पार्किंग पर अधिकारियों ने आंख मूंद रखी है। बड़ी दुर्घटनाओं के बाद अधिकारियों की नींद टूटती है। यही नहीं, शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।

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    नेशनल हाईवे-19

    यह हाईवे छह लेन का बन रहा है। वर्ष 2012 में चौड़ीकरण का कार्य शुरू हुआ। यह कार्य वर्ष 2017 में पूरा होना था लेकिन छह माह तक काम बंद रहा। अभी तक 92 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। वाटरवर्क्स से रुनकता तक हाईवे पर डेढ़ दर्जन ब्लैक स्पाट्स हैं। यह ब्लैक स्पाट्स वर्ष 2017 में चिन्हित हुए थे। पुलिस-प्रशासन, परिवहन विभाग और एनएचएआइ अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित हुई। इस टीम को ब्लैक स्पाट को दूर करने थे। इसका प्रस्ताव तैयार हुआ। तत्कालीन अधिकारियों की निगरानी में बैठकें हुईं लेकिन फिर इसमें रस्म अदायगी की गई। कुछ दिनों के लिए ब्लैक स्पाट्स पर होमगार्ड्स की तैनाती की गई। वाटरवर्क्स चौराहा, सुल्तानगंज की पुलिया, भगवान टाकीज चौराहा, खंदारी, आइएसबीटी, सिकंदरा अंडरपास। नियमानुसार इन सभी फ्लाईओवर से 200 मीटर की दूरी पर दोनों तरफ संकेतक बोर्ड होने चाहिए लेकिन यह गायब हैं। हाईवे के इस हिस्से में 80 स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हैं।

    जगह जगह ब्लैक स्पाट

    अरतौनी स्थित बिजली सब स्टेशन से 100 मीटर की दूरी पर सर्विस रोड का ढलान गलत तरीके से दिया गया है। यहां पर नाले को ढका नहीं गया है। सूर सरोवर पक्षी विहार के सामने रोड पटरी नहीं बनी है। न ही क्रैश बैरियर लगे हैं। हिंदुस्तान कालेज से 50 मीटर की दूरी पर ब्लैक स्पाट है। इसके बाद भी यहां पर कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है। कुछ यही हाल, वाटरवर्क्स से कुबेरपुर की तरफ के हाईवे का है। कई जगहों पर रेलिंग तोड़ अवैध कट बन गए हैं। इन्हें बंद नहीं किया जा रहा है। स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है।

    आगरा-हाथरस रोड

    यह हाईवे जल्द ही पेव्ड शोल्डर विद फोन लेन होने जा रहा है लेकिन एनएचएआइ आगरा खंड की टीम को जिस तरीके से इंतजाम करने चाहिए। वह नहीं किए गए हैं। टेढ़ी बगिया चौराहा के 200 मीटर में रोड और फुटपाथ पर दुकानें लगती हैं। यहां पर रोड की डिजाइन में खामी है। हाईवे पर स्ट्रीट लाइट कुछ हिस्से में लगी है। अधिकांश हिस्से की लाइटें बंद पड़ी हैं। रामबाग चौराहा से टेढ़ी बगिया तक की रेलिंग टूट गई है। रोड के दोनों तरफ की सफेद पट्टी मिट चुकी है जबकि क्रैश बैरियर नहीं लगाए गए हैं। न ही रेफ्लिक्टिव टेप लगे हैं। आधा दर्जन स्थल पर गलत तरीके से कट दिए गए हैं। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

    आगरा-छलेसर हाईवे

    इस हाईवे का जल्द चौड़ीकरण होने जा रहा है। यह पेव्ड शोल्टर विद फोन लेन बनेगा लेकिन टेढ़ी बगिया से आंवलखेड़ा रोड की तरफ संरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। नियमानुसार जिन गांवों के किनारे से होकर हाईवे गुजरा है। उन सभी में एनएचएआइ या फिर संबंधित नगर निकाय द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाई जानी चाहिए। इस रोड के अधिकांश हिस्से में लाइट नहीं लगी है।

    आगरा बाइपास

    नेशनल हाईवे-19 से ग्वालियर रोड तक की इस रोड की लंबाई 32 किमी है। इस रोड के निर्माण में खामी है। रोड में मिट्टी का भराव ठीक से नहीं किया गया है। यही वजह है कि 32 किमी रोड 40 स्थलों पर धंस गई है। इन स्थलों पर संकेतक नहीं लगे हैं। रैपुरा जाट से 500 मीटर की दूरी पर रोड पर क्रैक आ गया है। अधिकांश हिस्से में क्रैश बैरियर नहीं लगाए गए हैं। यहां तक टोल प्लाजा के पास ही रोड टूटी पड़ी है। जयपुर कट के पहले बोर्ड नहीं लगाया गया है।

    ग्वालियर हाईवे

    आगरा बाइपास की अप्रोच रोड के पास लाइट का पर्याप्त इंतजाम नहीं है। न ही बोर्ड लगे हुए हैं। 200 मीटर के हिस्से में रेलिंग टूट चुकी है। क्रैश बैरियर नहीं लगे हैं। हाल यह है कि 300 मीटर में चार अवैध कट हैं। जिस तरीके से इस रोड पर संकेतक लगे होने चाहिए। वह नहीं लगाए गए हैं।

    कमियों को सुधारें, हर इंतजाम जरूरी

    सेवानिवृत्त इंजीनियर बीके चौहान का कहना है कि इंडियन रोड कांग्रेस के आदेश पर नियमित अंतराल में नेशनल हाईवे का संरक्षा आडिट कराया जाता है। आडिट में जो कमियां बताई जाती हैं। उन्हें तुरंत सुधारने की जरूरत है। खासकर शहरी क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट लगी होनी चाहिए। रोड या फिर सर्विस रोड का ढलान ठीक से होना चाहिए। ढलान गलत होने से दुर्घटना की संभावना बनती रहती है। ढलान को समय रहते ठीक कराया जाना चाहिए। ब्लैक स्पाट्स को पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए। इसके लिए संकेतक बोर्ड लगाए जाने चाहिए। इससे वाहन चालकों को इसकी जानकारी हो सकेगी। क्रैश बैरियर की मदद से अवैध कट को बंद किया जा सकता है। इससे गलत तरीके से वाहन सीधे हाईवे पर नहीं आएंगे। साथ ही हाईवे पर सफेद पट्टी और डिवाइडर की रंगाई-पुताई नियमित अंतराल में होनी चाहिए।