Agra News: मुफ्त शिक्षा को बने 'गरीब', बच्चा लाता है 40 हजार का मोबाइल, कार से छोड़ते हैं पिता
Agra News आरटीई में सेंधमारी के मामले सामने आ रहे हैं। कुछ अभिभावकों ने फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे बच्चों को प्रवेश दिलाया है। फ्लैट में रहने वाले एक अ ...और पढ़ें

आगरा, जागरण संवाददाता। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में सेंधमारी हो रही है। पब्लिक और कान्वेंट स्कूलों में निश्शुल्क प्रवेश के लालच में तमाम अभिभावकों ने फर्जी आय प्रमाणपत्र बनवाकर योजना लाभ ले लिया। लेकिन उनकी जीवनशैली उनके गड़बड़झाले की चुगली कर रहे हैं, स्कूलों ने बेसिक शिक्षा विभाग में इसकी शिकायत की है। करीब करीब डेढ़ दर्जन शिकायतें मिलने के बाद विभाग ने ऐसे मामलों की जांच शुरू करा दी है।
केस एक बिचपुरी रोड स्थित एक स्कूल ने विभाग में शिकायत की है कि उनके यहां आरटीई में प्रवेश पाने वाले बच्चे के अभिभावकों का फ्लैट पास की सोसायटी में है।
केस दो हरीपर्वत क्षेत्र स्थित एक कान्वेंट स्कूल के प्रधानाचार्य ने शिकायत की है कि आरटीई से प्रवेश पाने वाले एक विद्यार्थी के अभिभावक उसे कार से लेने-छोड़ने आते हैं।
केस तीन शास्त्रीपुरम स्थित पब्लिक स्कूल ने शिकायत की है कि आरटीई में प्रवेश पाने वाला विद्यार्थी 40 हजार कीमत का मोबाइल लेकर आता है। शिकायत पर अभिभावक कार्रवाई की धमकी देते हैं।
25 फीसद सीटें भरने के हैं निर्देश
कमजोर आर्थिक वर्ग के विद्यार्थियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार ने पब्लिक स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटें आरटीई से भरने का निर्णय लिया। योजना सफल हुई, तो अच्छे पब्लिक स्कूलों में निश्शुल्क प्रवेश के लिए प्रक्रिया में सेंधमारी शुरू हो गई। फर्जी आय प्रमाणपत्र तैयार कराकर फर्जी पात्र बनकर आवेदन किए गए और विभाग की प्रथम, द्वितीय और तृतीय लाटरी में चयनित होकर प्रवेश प्राप्त कर लिया।
यह हो रही गड़बड़
नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल आफ आगरा (नप्सा) अध्यक्ष संजय तोमर ने बताया कि आरटीई में कई अपात्रों ने पात्र बनकर चयन पा लिया है। विभाग को इन मामलों की शिकायत की गई है, ताकि पात्रों का हक न मारा जाए।
यह है नियम
ऐसे अभिभावक जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है, वह योजना अंतर्गत छह से 14 वर्ष तक के अपने बच्चों का प्रवेश आरटीई में करा सकते हैं। उन्हें तहसील से एक लाख रुपये का आय प्रमाणपत्र बनवाकर पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होता है। कुछ स्कूलों ने आरोप लगाया है कि आरटीई में प्रवेश पाने वाले कुछ बच्चों की जीवनशैली उच्च है। आशंका है कि उनके अभिभावकों ने फर्जी आय प्रमाणपत्र लगाकर प्रवेश पाया है। ऐसे मामलों को चिह्नित कर सत्यता की जांच की जा रही है। उसके बाद आवेदन रद करने की कार्रवाई की जाएगी। महेश चंद, उप निदेशक बेसिक।

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