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    झूठी शान के लिए बेटी की हत्या, आगरा में रिटायर्ड दारोगा ने कैसे किया कत्ल? दो महीने बाद खुला राज

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 05:19 PM (IST)

    आगरा में, एक रिटायर्ड दारोगा ने अपनी बेटी की दुपट्टे से गला घोटकर हत्या कर दी, क्योंकि वह उसके प्रेमी के साथ शादी करने पर अड़ी थी। पुलिस ने आरोपी दारो ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, आगरा। गांव के नाते बेवजह का रिश्ता जोड़े बैठे रिटायर्ड दारोगा ने प्रेमी के एलान के बाद बेटी का दुपट्टे से गला घोटकर हत्या की थी। प्रेमी पर मध्यस्थों के माध्यम से लगातार मामले में शांत करने का दबाव बनाने पर उसे शक हो गया।

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    पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया ताे इलाहाबाद हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दी। जिसके बाद पुलिस सक्रिय हुई तो झूठी शान के लिए बेटी की हत्या का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने हत्यारोपित रिटायर्ड दारोगा, उसके बेटे और भतीजे को सोमवार को जेल भेज दिया।

    मलपुरा के ग्वालियर हाईवे स्थित विनायक गार्डन कालोनी निवासी रिटायर्ड दारोगा रणवीर यादव की 25 अक्टूबर से लापता 33 वर्ष की बेटी अंशू यादव का शव रविवार को पुलिस ने इटावा से बरामद किया था। रिटायर्ड दारोगा ने झूठी शान की खातिर पत्नी, बेटे और रिश्तेदारों के साथ मिलकर बेटी अंशू यादव की हत्या करने के बाद शव को बड़पुरा में यमुना नदी किनारे झाड़ियों में फेंक दिया था।

    रिटायर्ड दारोगा ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह प्रेमी अनुराग द्वारा 30 अक्टूबर को शादी के एलान से क्रुद्ध था। उसने 25 अक्टूबर की सुबह प्रेमी के एलान के बारे में पूछा तो वह शादी की बात पर अड़ी रही। जिससे क्रुद्ध होकर बेटी के दुपट्टे से उसका गला घोट दिया था। हत्या के बाद कई घंटे शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाते रहे।

    दोपहर में वह बेटी के शव को कार की डिग्गी में डालकर पत्नी के साथ ससुराल इटावा ले गया। जसवंत नगर निवासी साले के बेटे सतीश को फोन किया। सतीश उसकी पत्नी किरन की मदद से बेटी के शव को ठिकाने लगाया था।

    डीसीपी पश्चिमी जोन अतुल शर्मा ने बताया कि हत्याकांड में रणवीर सिंह, उसका बेटा गौरव, भतीजे सतीश को जेल भेजा है। हत्याकांड में शामिल अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।

    प्रेमी को इसलिए हुआ शक

    प्रेमी अनुराग यादव ने पुलिस को बताया कि अंशू यादव उससे नियमित बात करती थी। उसने 24 अक्टूबर को वीडियो भेजा था। जिसमें अपनी और उसकी हत्या की आशंका जताई थी।

    रिटायर्ड दारोगा हत्या के बाद उस पर मामले में लगातार चुप रहने का दबाव बना रहा था। उसका कहना था कि बेटी को शांत कर दिया है, वह न तो बात करेगी और ना ही उसे कॉल करेगी। अंशू लगातार बात करती थी। अचानक बात करना बंद करने से उसे शक हुआ था।

    'पापा आप मुझे मार डालो'

    पुलिस पूछताछ में सामने आया कि बेटी अंशू ने पिता से कहा था कि आप उसे मार डालो। जिससे क्रुद्ध होकर पिता ने दुपट्टा गले पर कसता चला गया। बेटी जमीन पर गिर गई, इसके बाद भी वह नहीं रुका। तब तक गला दुपट्टा गले पर कसता रहा, जब तक बेटी की सांसें नहीं रुंक गई। बेटी ने बीच में जान बचाने के लिए छोटे भाई लकी को आवाज दी थी। वह बहन को बचाने पहुंचा, तब तक काफी देर हाे चुकी थी।

    कपड़े से हुई पहचान, कंकाल का होगा डीएनए टेस्ट

    अंशू यादव की पहचान पुलिस ने कपड़ों से की। पुलिस को एक फोटो मिला था, जिसमें वह वही कपड़े पहने थी। जो घटनास्थल पर मिले। पुलिस घटनास्थल से मिले कंकाल को डीएन टेस्ट के लिए फोरेंसिक लैब भेजेगी।