GST: जीएसटी में कई मामलों में कारोबारियों को राहत, ये हुए हैं अब बदलाव
GST पांच करोड़ से टर्नओवर वाले व्यापारियों को मासिक रिटर्न दाखिल करने में मिली छूट। तिमाही रिटर्न ही होगा अनुमन्य। हालांकि चालान का भुगतान करना होगा हर महीने। वह भी प्रक्रिया हो गई अब आसान। बिना एक्सपर्ट और खातों की डिटेल भी इन चालानों का पैसा जमा कराया जा सकेगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) काउंसिल की 42वीं बैठक में सोमवार को कारोबारियों को कई मोर्चों पर राहत दी गई है। इसके तहत अब पांच करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को मासिक रिटर्न से छूट दी गई है। सीए प्रार्थना जालान ने बताया कि जिन करदाताओं का टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से कम है, उन्हें एक जनवरी के मासिक रिटर्न दायर करने की जरूरत नहीं होगी, अब उन्हें सिर्फ जीएसटी का तिमाही रिटर्न ही भरना होगा। लेकिन उन्हें चालान का भुगतान हर महीने करना होगा। हालांकि राहत की बात यह है कि इस चालान में बहुत ज्यादा जानकारी देने की जरूरत नहीं होगी। बिना एक्सपर्ट और खातों की डिटेल भी इन चालानों का पैसा जमा कराया जा सकेगा। नई राहत के तहत करदाता को पहली तिमाही के कुल टैक्स का महज 35 फीसदी ही जमा करना होगा और तीसरे महीने वह टैक्स की वास्तविक रकम जमा कर सकते हैं। अभी तक एक करदाता को एक साल में 24 रिटर्न दाखिल करने होते थे, राहत के बाद उसे अब सिर्फ आठ रिटर्न दाखिल करने होंगे।
एचएसएन कोड का उल्लेख अनिवार्य
सीए सौरभ अग्रवाल ने बताया कि जिन करदाताओं का टर्नओवर पांच करोड़ रुपये सालाना से अधिक है, उन्हें अप्रैल 2021 से छह अंकों वाले हार्मोनाईस्ड सिस्टम आफ नामेनक्लेचर (एचएसएन) कोड का उल्लेख करना अनिवार्य होगा। जबकि जिनका टर्नओवर पांच करोड़ रुपये सालाना से कम है, उन्हें एचएसएन कोड के चार अंकों को बताना होगा।
रिटर्न फाइल में आधार जरूरी
एक जनवरी 2021 से सिर्फ उन्हीं कंपनियों को जीएसटी रिफंड दिया जाएगा, जिनका बैंक खाता, पैन व आधार नंबर से जुड़ा होगा। जीएसटी काउंसिल ने रिफंड एप्लीकेशन को आधार से जोड़ने का फैसला लिया है। अब कोई करदाता जीएसटी रिटर्न फाइल में आधार नंबर का उल्लेख करेगा, एक ओटीपी उसके पंजीकृत फोन नंबर पर आएगा, जिससे दर्ज करने के बाद रिटर्न फाइल हो जाएगा।