Ambedkar University Agra: आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक का तबादला, अब आए नए ये
कुलसचिव डा. अंजनी कुमार मिश्र को कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का परीक्षा नियंत्रक नियुक्त किया गया है। वहीं यहां परीक्षा नियंत्रक डा. राजीव कुमार को बरेली के महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव के पद पर भेजा गया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में हफ्ते का पहला दिन ही काफी बदलाव लेकर आया है। कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक का शासन ने तबादला कर दिया है। कुलसचिव डा. अंजनी कुमार मिश्र को कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का परीक्षा नियंत्रक नियुक्त किया गया है। वहीं यहां परीक्षा नियंत्रक डा. राजीव कुमार को बरेली के महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव के पद पर भेजा गया है। दोनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से अपनी नई जिम्मेदारियां लेने के निर्देश प्राप्त हुए हैं।
परीक्षा नियंत्रक डा. राजीव कुमार को आंबेडकर विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक की जिम्मेदारी 2019 में दी गई थी। इससे पहले वे वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के स्थानान्तरणाधीन परीक्षा नियंत्रक थे। दो साल पहले भी उन्हें सहारनपुर राज्य विश्वविद्यालय का कुलसचिव बनाया जा रहा था। कुलसचिव डा. अंजनी कुमार मिश्र ने पिछले साल मई में ही आंबेडकर विश्वविद्यालय में कुलसचिव का पद संभाला था। महात्मा ज्योतिबा फुले विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार सिंह को अब आंबेडकर विश्वविद्यालय का कुलसचिव बनाया गया है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव आंबेडकर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक बने हैं।
कुलपति व कुलसचिव का मनभेद रहे विवादों में
कुलपति प्रो. अशोक मित्तल व कुलसचिव डा. अंजनी कुमार मिश्र के मनभेद इस एक साल में काफी चर्चाओं में रहे। कुलपति ने शासन से कुलसचिव के खिलाफ अनुशासनहीनता की शिकायत भी की थी। कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने इसी साल 25 फरवरी को कुलसचिव से आवासीय इकाई विभाग, शैक्षिक विभाग, संबद्धता विभाग एवं विधि विभाग के अधिकार ले लिए थे। यह भी निर्देश दिए थे कि फाइलें अब सहायक कुलसचिवों द्वारा सीधा कुलपति के पास अनुमोदन व आदेश के लिए भेजी जाएंगी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय शिक्षण संस्थानों से संबंधित निदेशकों व विभागाध्यक्षों द्वारा भी संस्थान व विभागों की शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित पत्रावलियां सहायक कुलसचिव के माध्यम से कुलपति के पास ही जाएंगी। इसके बाद कुलसचिव ने जवाबी पत्र छह मार्च को डाक द्वारा कुलपति को भेजा। इस पत्र में कुलसचिव ने कुलपति पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं किया। कुलपति द्वारा लिए गए कदम से कुलसचिव की गरिमा कम हुई है। कुलसचिव द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि कुलपति ने सहायक कुलसचिवों को जो जिम्मेदारी दी है, उसके लिए वो आधिकारिक ही नहीं हैं। कुलसचिव के अधिकार लेने से अधीनस्थ अनुशासनहीनता कर सकते हैं।
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