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    Death in Lift: मेंटेनेंस के नाम पर शुल्क की वसूली, लिफ्ट की नहीं कराई मरम्मत, आगरा की इमारत में इसलिए हुआ हादसा

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 04 Sep 2021 10:46 AM (IST)

    आगरा के संजय प्‍लेस की सात मंजिला इमारत प्रतीक सेंटर में हैं 40 फ्लैट अधिकतर हैं आफिस। दो लिफ्ट से हर दिन करीब 1200 लोगों का रहता है मूवमेंट। हादसे में जान गंवाने वाले राजू के स्वजन अब सोसाइटी पर खुलकर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं।

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    संजय प्‍लेस में प्रतीक सेंटर की इसी लिफ्ट में शुक्रवार को एक युवक की मौत हो गई थी।

    आगरा, जागरण संवाददाता। सात मंजिला इमारत प्रतीक सेंटर में करीब 40 फ्लैट हैं। इनमें से अधिकांश में आफिस खुल चुके हैं। फाइनेंस कंपनी और बैंक और एक बिजली बिल जनरेट करने वाली कंपनी का आफिस भी यहां है। हर दिन करीब एक हजार से 1200 लोगों को इमारत में आना-जाना रहता है। इनके लिए दो लिफ्ट हैं। इनमें से एक लिफ्ट का दरवाजा खराब था। इसके बाद भी सोसाइटी की जिम्मेदारी निभा रहे लोग बेपरवाह बने रहे। शुक्रवार को हादसे में युवक की जान जाने के बाद ये कठघरे में आ गए।

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    संजय प्लेस में स्थित सात मंजिला इमारत प्रतीक सेंटर में जिस लिफ्ट में हादसा हुआ, वह पांच- छह वर्ष पुरानी बताई जा रही है। इसका दरवाजा कुछ दिनों से खराब था। हादसे में जान गंवाने वाले राजू के स्वजन अब सोसाइटी पर खुलकर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने मुकदमे में लिखाया है कि मुक्तेश गुप्ता सोसाइटी संचालित कर रहे हैं। उन्होंने गार्ड कोमल सिंह को सुपरवाइजर बना रखा है। दोनों इमारत में रहने वाले लोगों से 2400 रुपये मेंटेनेंस के नाम पर लेते हैं। मगर, अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई। लिफ्ट का गेट काफी समय से खराब पड़ा था। इससे करीब 1200 लोग रोज आते-जाते हैं। इनकी जान को जोखिम में डाली गई। इनकी लापरवाही के कारण ही राजू की जान चली गई।

    सीसीटीवी फुटेज आया सामने

    राजू की मौत से ठीक पहले का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें राजू पांचवें तल पर खड़ा दिख रहा है। हाथ में हेलमेट लेकर मोबाइल से वह बात करते हुए वह लिफ्ट आने का इंतजार कर रहा था। इसी बीच एक व्यक्ति लिफ्ट से बाहर निकलता है।राजू फोन को जेब में रखकर लिफ्ट की ओर बढ़ता है। दरवाजा खुल जाता है।वह अंदर घुसता भी दिखाई दे रहा है। इसके बाद ही वह नीचे गिर गया और जान चली गई। राजू की मौत से पहले लिफ्ट पर कोई चेतावनी नहीं लिखी थी।मगर, उसकी जान जाने के बाद मार्कर से लिफ्ट पर पांचवीं मंजिल पर लिफ्ट बंद होने की चेतावनी लिख दी गई।

    राजू की लाकडाउन में नौकरी चली गई थी। वह काफी समय से नौकरी के लिए परेशान था। अब एक माह पहले ही उसे गार्गी रेफ्रीजरेशन में चालक की नौकरी मिली थी। वह रोज बाइक से घर से आता था। बाइक आफिस के नीचे खड़ी करके वह दिनभर गाड़ी चलाता था।परिवार में उसके दो छोटे भाई हैं। इनमें से अजीत मानसिक रोगी है।सबसे छोटा भाई संजय अभी पढ़ रहा है। पिता भगवान को टीवी है। राजू के दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा पांच वर्षीय दिव्यांशु है। एक 11 माह की बेटी दिव्या है। राजू की नौकरी से ही पूरे परिवार का खर्च चलता था। अब उसकी मौत के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है।

    पिछले वर्ष लिफ्ट गिरने से गई थी व्यापारी की जान

    कमला नगर की प्रोफेसर कालोनी निवासी व्यापारी राजेश गुप्ता 18 फरवरी 2020 को अपने गोदाम की तीन मंजिला लिफ्ट से नीचे आ रहे थे। तभी अचानक लिफ्ट की चेन टूट गई। लिफ्ट तीसरी मंजिल से नीचे गिरने पर व्यापारी गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। आगरा में लिफ्ट गिरने से मौत का यह पहला मामला था। लिफ्ट खराब होने पर उसमें परिवारों के अंदर फंसने की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं।

    हर वर्ष 25 नई लिफ्ट

    शहर की इमारतों में हर वर्ष 25 नई लिफ्ट लगाई जाती हैं। इनमें से कुछ पुरानी लिफ्ट बदलकर नई लगाई जाती हैं तो कुछ नई इमारतों में लगाई जाती हैं। इनमें रिपेयरिंग की डिमांड अधिक रहती है। लिफ्ट की रिपेयरिंग से जुड़े एक व्यापारी ने बताया कि उनके पास अधिकर शिकायतें लिफ्ट फंसने की आती हैं।

    लिफ्ट में घुसते समय रखें ध्यान

    - लिफ्ट में घुसते समय ध्यान रखें। गेट खुलने के बाद लिफ्ट में रोशनी दिखने लगती है। इसको पहले ठीक से देख लें, तभी कदम आगे रखें।

    - लिफ्ट में अगर अकेले हैं और लिफ्ट बीच में फंस गई है तो घबराएं नहीं। टोल फ्री नंबर या सोसाइटी के नंबर पर काल करके सूचना दें।

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