मथुरा में बरसेगी महालक्ष्मी जी की कृपा, पढ़ें ब्रज के इस मंदिर की परंपरा का महत्व
गुरुवार से दर्शन को उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब। पौष माह के प्रत्येक गुरुवार को दर्शन के बेलवन में भारी भीड़ उमड़ती है। एक महीने तक चलने वाले बेलवन मेले की व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासन ने खाका तैयार कर लिया है।
आगरा, जागरण टीम। मथुरा के मांट के समीप गांव जहांगीरपुर में यमुना किनारे स्थित बेलवन में विराजमान मां महालक्ष्मीजी के दर्शन को गुरुवार से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा। पुलिस व प्रशासन ने मेले की व्यवस्था का खाका तैयार कर लिया है। मांट के पास गांव जहांगीरपुर में यमुना किनारे बेलवन में मां महालक्ष्मी का मंदिर है। यहां पौष माह में गुरुवार को मां लक्ष्मी जी दर्शन करने का महत्व है।
पौष माह के प्रत्येक गुरुवार को दर्शन के बेलवन में भारी भीड़ उमड़ती है। एक महीने तक चलने वाले बेलवन मेले की व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासन ने खाका तैयार कर लिया है। पौष माह में पांच गुरुवार हैं। पहला गुरुवार 23 दिसंबर को है। बेलवन स्थित मंदिर का संचालन कर रही महालक्ष्मी ग्राम विकास सेवा समिति के अध्यक्ष सत्यप्रकाश ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पौष माह के प्रत्येक गुरुवार को मां महालक्ष्मी के दर्शन की सुगम व्यवस्था होगी। थाना प्रभारी निरीक्षक प्रशांत त्यागी का कहना है कि प्रयास किया जा रहा कि बेलवन में दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े।
आज भी तपस्या कर रहीं मां लक्ष्मी
बृजनंदन श्रीकृष्ण के महारास को देखने की इच्छा को लेकर आज भी मां लक्ष्मी बेलवन में तपस्या कर रही है। एक बार नारदजी के मुख से बृजनंदन श्रीकृष्ण की मधुर रासलीला और गोपियों के सौभाग्य का वर्णन सुनकर श्रीलक्ष्मीजी के ह्रदय में भी रासलीला के दर्शन की उत्कंठा हुई, वह भी बेलवन में रासलीला (महारास) को देखने पहुंच गईं। वहां उनको बताया कि महारास में प्रवेश करने अधिकार अनन्य प्रेम की स्वरूपभूता विशुद्ध महाभाव स्वरूपा कृष्ण कांता शिरोमणि राधिका और उनकी स्वरूपभूता विशुद्ध प्रेम वाली गोपियों के अतिरिक्त किसी को नहीं है। उन्हें प्रसन्न करने को तपस्या करनी पड़ेगी। ये सुनकर मां लक्ष्मी महारास में प्रवेश के लिए बेलवन में तपस्या करने बैठ गईं। उनकी तपस्या देख बाल रूप में भगवान श्रीकृष्ण भी उनकी सेवा करने लगे।
मान्यता है कि महारास देखने की अभिलाषा में मां लक्ष्मीजी आज भी बेलवन में तपस्या कर रही हैं। जिनके दर्शन से भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है। दिव्यानंद महाराज व पुजारी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि जब लक्ष्मी जी तपस्या कर रही थीं, तब बाल गोपाल को भूख लगी थी। गोपाल ने लक्ष्मी जी से कहा कि मैया भूख लग रही है। जब लक्ष्मी मैया ने थोड़े से चावल देकर कहा कि खिचड़ी का भोग प्रसाद लगा लो। तभी से यहां खिचड़ी का भोग लगता है। तमाम श्रद्धालु खिचड़ी का भोग लगाकर भंडारा करते हैं।
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