AAP: चुनाव से पहले संगठन जुटाने की चुनौती, ये कमजोरी बन सकती है परेशानी
AAP संगठनात्मक कमजोरी बन सकती है परेशानी। जिला इकाई का नहीं पता महानगर कार्यकारिणी भी तय नहीं। आगरा शहर में पार्टी के खड़ा करने वाले पदाधिकारी कोई ब़ड़ी जिम्मेदारी न मिलने के कारण वर्तमान में शांत बैठे हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। आम आदमी पार्टी स्थानीय निकाय चुनाव में भले दमदारी से उतरने का दावा करे, योजना प्रत्येक वार्ड में दमदार प्रत्याशी उतारकर विपक्षियों को कड़ी टक्कर देने की हो, लेकिन पार्टी संगठनात्मक कमियों से जूझ रही है, जिसे दूर करे बिना जीतना किसी चुनौती से कम नहीं।
ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी की जिला इकाई अब तक घोषित नहीं हुई है, कोई जिलाध्यक्ष भी नहीं है। वहीं महानगर कमेटी में अध्यक्ष के साथ अब तक सिर्फ गिने-चुने चेहरे ही सक्रिय हैं। शहर में पार्टी के खड़ा करने वाले पदाधिकारी कोई ब़ड़ी जिम्मेदारी न मिलने के कारण वर्तमान में शांत हैं और प्रांत व मंडलीय टीम में जिम्मेदारी पाने के इंतजार में हैं। ऐसे में नगर निगम चुनाव में सभी वार्ड में सिर्फ प्रत्याशी तलाशना ही नहीं, बल्कि उन्हें लड़ाने को संगठन खड़ा करना पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
महानगर कार्यकारिणी भी तय नहीं
महानगर अध्यक्ष दिलीप बंसल का कहना है कि महानगर इकाई की घोषणा दो चरण में करने जा रहे हैं। पहले चरण में संभवत: सोमवार को आधे पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी, शेष नाम दूसरे चरण में तय होंगे।
व्यापार और महिला मोर्चा में जिम्मेदारी तय
आम आदमी पार्टी ने व्यापार प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी तय कर दी है। प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष डा. छवि यादव ने जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी विजय कपूर को सौंपी है। वहीं महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष नीलम यादव ने सपना गुप्ता को जिलाध्यक्ष और राजकुमार चौधरी को महानगर अध्यक्ष बनाया गया है।
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