Ramadan 2022 का तीसरा असरा शुरू, हजारों रोतों से बेहतर होती है शब-ए-कद्र की रात, नेक राह दिखाने की मांगी दुआ
Ramadan 2022 रमजान माह के जुमे जन्नत के दरवाजे खुलते हैं और जहन्नुम के दरबाजे बंद हो जाते हैं। हर मुसलमान के लिए रमजान माह का प्रत्येक दिन विशेष है। मुस्लिम समाज के लोगों ने सुबह से ही सहरी के बाद दिन भर भूखे प्यासे रखकर रोजा रखा।

आगरा, जागरण टीम। शनिवार को रमजान माह का तीसरा असरा शुरू हो गया। जन्नत से आजादी के इस असरे में मुस्लिम समाज के लोगाें ने मस्जिदों में जाकर अल्लाह की इबादत की। नमाज अदा कर गुनाहों की माफी मांगी। मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ रही। शनिवार को सुबह सहरी के बाद मुस्लिम समाज के बड़े, बूढे एवं बच्चों ने बिना कुछ खाए-पिए दिन भर रोजा रखा। पांचों वक्त की नमाज अदा की।
कासगंज में रोजेदारों ने की नमाज
कासगंज में शहर की एक मीनार मस्जिद के इमाम कारे मुहब्बे अली ने कहा कि रमजान माह का तीसरा असरा खास असरा होता है। पहला असरा रहमत और बरकत का जबकि दूसरा असरा मगफिरत का होता है। तीसरा असरा जहन्नुम से आजादी का होता है। तीसरे असरे में एक रात ऐसी होती है जो हजारों रातों से बेहतर होती है। इस रात को शब-ए-कद्र की रात कहते हैं।
इस असरे में अल्लाह के बंदे जो दुआ मांगते हैं अल्लाह उनकी मुराद पूरी करता है। शाम को रोजेदारों ने इफ्तार कर रोजा तोड़ा और मगरिब की नमाज अदा कर अल्लाह ताला से नेक राह दिखाने की दुआ की। शहर के अलावा सोरों, सहावर, अमांपुर, सिढ़पुरा, गंजडुंडवारा, पटियाली, मोहनपुर, भरगैन, नदरई, ढोलना, बिलराम में भी मुस्लिम समाज के लोगों ने रोजे रखकर अल्लाह ताला से इबादत की।
दस-दस दिन के असरे
शहर काजी हाजी इकराम अली ने बताया कि रमजान माह में 10-10 दिन के तीन असरे हाेते हैं। शनिवार से रमजान माह का तीसरा असरा शुरू हुआ है। तीसरा असरा जहन्नुम से आजादी का असरा होता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक मुसलमान को रोजे रखने चाहिए। गर्भवती महिला, रोगी और छोटे बच्चों के लिए रोजा रखना जरुरी नहीं है। केवल भूखे प्यासे रहने से ही रोजा पूरा नहीं हो जाता है। रोजेदार को कम से कम एक नेक काम करना चाहिए। झूठ, छल, कपट और बुराईयों से भी परहेज रखना चाहिए। तभी रोजे का माइना पूरा होता है।
फिरोजाबाद का समय
इफ्तार:-शनिवार शाम 6.49 बजे
सहरी:-रविवार सुबह 4.18 बजे
मथुरा का समय
इफ्तार-शनिवार - शाम 6.47 बजे
सहरी- रविवार - सुबह 4.25 बजे
मैनपुरी का समय
इफ्तार शनिवार- 6: 46 बजे।
सहरी रविवार सुबह- 4: 13 बजे।
कासगंज का समय
इफ्तार - शनिवार 06:46 बजे
सहरी - रविवार 04:15 बजे
आगरा का समय
इफ्तार- शनिवार शाम 6.49 बजे
सहरी- रविवार सुबह 4.18 बजे
शिया हजरात के लिए
इफ्तार- शनिवार शाम 7.01 बजे
सहरी- रविवार सुबह 4.28 बजे
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