Raju Srivastav Death News: याद आ गई राजू श्रीवास्तव की मिमिक्री, ताज महोत्सव में गुदगुदाते रहे थे आगरा के लोगों को
Raju Srivastav Death News रुलाकर चला गया लोगों को हंसाने वाला। आगरा के ताज महोत्सव में वर्ष 2016 में राजू श्रीवास्तव ने दी थी प्रस्तुति। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लालू प्रसाद यादव की मिमिक्री कर लोगों को गुदगुदाया था।

आगरा, निर्लोष कुमार। हास्य के नाम पर अश्लीलता से भरी कामेडी के दौर में अपने अंदाज-ए-बयां से लोगों को गुदगुदाने वाले हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव का निधन बुधवार सुबह हो गया। उनके यूं चले जाने से ताजनगरी स्तब्ध है। वर्ष 2016 में ताज महोत्सव में प्रस्तुति देने आए राजू श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लालू प्रसाद यादव की मिमिक्री कर लोगों को जमकर गुदगुदाया था।
ताज महोत्सव में प्रस्तुति के दौरान राजू श्रीवास्तव गजल गायक सुधीर नारायण के साथ।
वर्ष 2016 में 26 फरवरी की शाम शिल्पग्राम के मुख्य मंच पर राजू श्रीवास्तव ने प्रस्तुति दी थी। एक के बाद एक हंसी की फुलझड़ियां छोड़कर उन्होंने दर्शकों को जमकर ठहाके लगाने को मजबूर कर दिया था। देर रात तक श्रोता उनके अंदाज-ए-बयां पर गुदगुदाते रहे थे। राजू श्रीवास्तव ताजनगरी में आखिरी बार 28 मई 2022 को आए थे। उन्होंने शिल्पग्राम में आयोजित हुनर हाट में अपने अंदाज में लोगों को गुदगुदाया। अपने चिर परिचित अंदाज में बॉलीवुड फिल्मों के तमाम गीतों पर चुटकी ली। इसके साथ ही उन्होंने जेल में बंद आसाराम बापू पर भी तंज कसा। उन्होंने अपनी कॉमेडी से महफिल लूट ली थी। गजल गायक सुधीर नारायण ने बताया कि ताज महोत्सव में प्रस्तुति के दौरान उनको मैंने कहा था की आप अपनी विधा में सर्वश्रेष्ठ इसलिए हैं कि आपके व्यंगों में मौलिकता है। मंच संचालन भी मैंने किया था। इसके इलावा 2007 में भी वे ताज महोत्सव में आए थे।
फरीदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान राजू श्रीवास्तव, कवि कुमार विश्वास और हास्य कवि पवन आगरी के साथ।
हास्य कवि पवन आगरी ने बताया कि उन्हें राजू श्रीवास्तव के साथ दिल्ली में छह-सात वर्ष पूर्व एक शो करने का मौका मिला था। उस शो में कवि कुमार विश्वास भी थे। इसके बाद फरीदाबाद में हुए एक कार्यक्रम में अतिथि के रूप में राजू श्रीवास्तव उनसे मिले। पवन आगरी ने कहा कि राजू श्रीवास्तव जमीन से जुड़ी चीजों को उठाते थे। अपने फन की अजीम शख्सियत का इतनी जल्दी चला जाना बड़े दु:ख की बात है। हास्य कवि रमेश मुस्कान ने कहा कि यह उनका दुर्भाग्य रहा कि जब राजू श्रीवास्तव ताज महोत्सव में प्रस्तुति देने आए तब वह शहर से बाहर थे। उनसे उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। लोगों को हमेशा हंसाने वाला, आज रुलाकर चला गया है।
बचपन से देखा
साहित्यकार सुशील सरित ने बताया कि वह कानपुर के मूल निवासी हैं। वर्ष 1970-72 में मधु श्रीवास्तव और चौधरी चाकलेट के यहां राजू श्रीवास्तव आया करते थे। तब वह बहुत छोटे थे। तब वह भी वहां जाते थे। राजू श्रीवास्तव को दो से ढाई मिनट का समय परफार्मेंस के लिए मिलता था। राजू श्रीवास्तव जब ताज महोत्सव में प्रस्तुति देने आगरा आए, तब उन्होंने इसका जिक्र किया था। उन्होंने विनम्रतापूर्वक याद होने से इन्कार कर दिया था, लेकिन इसके बाद उनकी एक बांडिंग उनसे बन गई थी।
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