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    बड़े सिंडिकेट के शक में आगरा में भी छापेमारी, एक फर्म से तीन लाख कराए सरेंडर

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 23 Dec 2020 06:30 AM (IST)

    वाणिज्य कर विभाग मुख्यालय के निर्देश पर प्रदेशभर में एक साथ हुई छापेमारी आगरा की चार में से तीन फर्म नहीं मिली धरातल पर कपूर चंद जैन एंटरप्राइजेज की ह ...और पढ़ें

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    बड़े सिंडिकेट के शक में आगरा में भी छापेमारी, एक फर्म से तीन लाख कराए सरेंडर

    आगरा, जागरण संवाददाता। प्रदेशभर में स्क्रैप का बड़ा सिडिकेट सक्रिय है, जो बोगस फर्म बनाकर फर्जी खरीद-बिक्री करके सरकार को राजस्व का चूना लगा रहा था। वाणिज्य कर विभाग ने जांच में रडार पर आयी करीब साढ़े चार सौ फर्मों पर एकसाथ छापामार कार्रवाई की। आगरा की भी चार फर्मों की जांच की गई, जिनमें से तीन धरातल पर ही नहीं मिलीं, जबकि ट्रांसपोर्ट नगर स्थित कपूर चंद जैन इंटरप्राइजेज के स्टाक में टीम का काफी अंतर मिला है।

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    यह कार्रवाई वाणिज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) की दो टीमों ने अंजाम दी, जिसमें आठ अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। दरअसल मुख्यालय कई दिनों से सिडिकेट की जांच कर रहा था। लिक सर्वे के बाद प्रदेशभर में करीब साढ़े चार सौ से अधिक फर्मों के बीच खरीद-बिक्री का ब्योरा मिला। जांच के बाद विभाग ने प्रदेशभर में छापामार कार्रवाई को एक साथ अंजाम दिया। इनमें आगरा की चार फर्में संदेह के घेरे में थीं। अधिकारियों की टीमें फर्मों के पंजीकृत पतों पर पहुंचीं, तो तीन फर्म धरातल पर ही नहीं मिली। सिर्फ एक फर्म कपूर चंद जैन इंटरप्राइजेज ट्रांसपोर्ट नगर में मिली, जो स्क्रैप और हार्डवेयर का काम करती है। फर्म का मुख्य काम यूपी परिवहन की पुरानी गाड़ियां खरीद कर स्क्रैप में बेचने का है।

    स्टाक में मिला अंतर, तीन लाख कराए जमा

    वाणिज्य कर विभाग के अपर आयुक्त ग्रेड टू डीएन सिंह ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर प्रदेशभर में सैकड़ों फर्मों पर एकसाथ जांच की गई, जिसमें आगरा की कपूर चंद जैन एंटरप्राइजेज भी शामिल थी। फर्म के स्टाक की जांच में टीम को काफी अंतर मिला है। फर्म संचालक ने अपनी गलती मानते हुए तीन लाख का राजस्व जमा कराया है। बाकी जानकारी विभाग मुख्यालय को भेज दी गई है।