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    Kabir Das: कबीर के दोहे पार करेंगे सात समंदर, अब फ्रेंच में लोग जान सकेंगे ये 'दर्शन'

    केएमआइ के विदेशी भाषा विभाग के शिक्षक डा. प्रदीप वर्मा कर रहे कबीर के दोहों का अनुवाद। अब तक कर चुके हैं 10 से ज्यादा दोहों का अनुवाद 100 दोहों का अनुवाद करने का लक्ष्य है। यहां पढ़ा रहे छात्राें को फ्रेंच साहित्यकाराें का दर्शन।

    By Prateek GuptaEdited By: Updated: Tue, 06 Sep 2022 11:56 AM (IST)
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    आगरा विवि में प्रोफेसर प्रदीप वर्मा कबीर दास के दोहाें का फ्रेंच अनुवाद करने में जुटे हैं।

    आगरा, प्रभजोत कौर। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी हिंदी तथा भाषाविज्ञान विद्यापीठ के विदेशी भाषा विभाग में संचालित फ्रेंच विभाग के शिक्षक द्वारा कबीर के दोहों का फ्रेंच में अनुवाद किया जा रहा है। अब तक 10 से ज्यादा दोहों का अनुवाद वे कर चुके हैं। उनका लक्ष्य 100 दोहों का अनुवाद कर किताब प्रकाशित करने का है।

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    फ्रेंच शिक्षक डा. प्रदीप वर्मा ने लगभग तीन महीने पहले कबीर के दोहों का अनुवाद शुरू किया है। वे बताते हैं कि कबीर के दोहे आज के दौर में भी प्रासंगिक है। एेसे में इनका जितना महत्व हमारे देश में हैं, उतना ही विदेशों में भी है क्योंकि विदेशी भारतीय संस्कृति और परंपराओं से काफी जुड़ाव रखते हैं। वे बताते हैं कि कबीर के दर्शन और उनके दोहों में छिपी सीख से पूरी दुनिया जुड़े। कबीर के दोहों का अनुवाद अंग्रेजी में हुआ है, लेकिन फ्रेंच में अनुवाद मेरी जानकारी में नहीं हुआ है।

    डा. प्रदीप वर्मा। 

    इन दोहों का कर चुके हैं अनुवाद

    - बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय । जो मन देखा आपना, मुझ से बुरा न कोय ।

    - कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर,ना काहू से दोस्ती, न काहू से बैर।

    - काल करे सो आज कर, आज करे सो अब । पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब ।

    - ज्यों तिल माहि तेल है, ज्यों चकमक में आग । तेरा साईं तुझ ही में है, जाग सके तो जाग ।

    - जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होए । यह आपा तो डाल दे, दया करे सब कोए ।

    - गुरु गोविंद दोऊ खड़े ,काके लागू पाय । बलिहारी गुरु आपने , गोविंद दियो मिलाय ।।

    - सब धरती काजग करू, लेखनी सब वनराज । सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाए ।

    - बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय । जो मन देखा आपना, मुझ से बुरा न कोय ।

    - दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय । जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय ।

    फ्रेंच साहित्यकारों के दर्शन को पढ़ाते हैं

    केएमआइ में संचालित विदेशी भाषा विभाग में फ्रेंच के छात्रों को फ्रेंच साहित्यकार मुफासा, विक्टर हुगो, ओनोरे द बाल्जाक, वोल्टेयर, रूसो, फान्टेन की लिखी कहानियां, दर्शन आदि पढ़ाया जाता है। छात्रों को विक्टर हुगो और मुफासा का साहित्य सबसे ज्यादा पढ़ाया जाता है।