बिना गुमशुदगी तीन माह से गुमशुदा को तलाश रही पुलिस
एसएन मेडिकल कालेज में मासूम को छोड़कर गायब हो गया था मुईन। तलाश का नाटक कर रही पुलिस हकीकत में अब तक नहीं लिखी गुमशुदगी। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पुलिस उसके माता-पिता के बारे में जानकारी करने को अपील कर सकती थी। वह भी पुलिस ने नहीं किया।

आगरा, जागरण संवाददाता। ये आगरा पुलिस है। गायब व्यक्ति की तलाश के लिए यहां अपने अलग कायदे कानून हैं। तभी तो तीन माह पहले मासूम को एसएन मेडिकल कालेज में छोड़कर गायब हुए मुईन की अभी तक पुलिस ने न गुमशुदगी दर्ज की और न ही उसके खिलाफ कोई मुकदमा। पुलिस कहने को तलाश कर रही है, लेकिन ये तलाश कहां हो रही है और इसका लेखा-जोखा कहां है? इसकी जानकारी खुद तलाश करने वालों को भी नहीं है।
एसएन मेडिकल कालेज में सात अगस्त को सिकंदरा के बाईंपुर निवासी मुईन नवजात को भर्ती कराके गायब हो गया था। चिकित्सकों ने एमएम गेट थाना पुलिस को सूचना दे दी। इसके बाद चाइल्ड लाइन संस्था ने बच्चे की देखरेख की। बाल कल्याण समिति के आदेश पर बच्चे को इलाज के बाद बाल गृह में शिफ्ट कर दिया गया। पुलिस ने चिकित्सकों के सूचना देने पर थाने की जीडी में तस्करा डाल लिया। बच्चे की मां के बारे में पता करने के लिए मुईन का पता करना जरूरी है। क्योंकि वही बच्चे के माता-पिता के रहस्य से पर्दाप उठा सकता है। मुईन के घर न पहुंचने पर स्वजन ने थाने में तहरीर दी। यह भी आशंका जताई कि मुईन के गलत लोगों के संपर्क में होने की आशंका है। इसके बाद भी कई बार उन्होंने थाने में चक्कर लगाए। तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज नहीं की। कहने को पुलिस तीन माह से मुईन की तलाश कर रही है। मगर, हकीकत में पुलिस ने कुछ नहीं किया। मुईन के स्वजन ही अपने स्तर से उसकी तलाश में लगे हैं। मुईन के भाई मुवीन का कहना है कि पुलिस ने तीन माह में गुमशुदगी दर्ज नहीं की है। भाई की तलाश के बाद पुलिस उल्टा परिवार वालों को ही शक के दायरे में खड़ा कर रही है। मुवीन का कहना है कि पुलिस उनके भाई को ढूंढ़ ले। अगर उसने कुछ गलत किया होगा तो उसको जेल भेज दे। यह बात वे पुलिस अधिकारियों से भी कह चुके हैं, लेकिन कोई नहीं सुन रहा।
पुलिस ने यह भी नहीं किया
- एसएन इमरजेंसी में मुईन जिस नवजात को छोड़कर गया था उसके बारे में जानकारी करने के लिए पुलिस ने आसपास के थानों में भी सूचना नहीं दी।
- इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पुलिस उसके माता-पिता के बारे में जानकारी करने को अपील कर सकती थी। वह भी पुलिस ने नहीं किया।
- बच्चे के माता-पिता की जानकारी करने के लिए पुलिस ने संचार माध्यमों का भी उपयोग नहीं किया।
- आसपास के जिलों में पुलिस डीसीआरबी के माध्यम से सूचना दे सकती थी। इससे यह पता चल सकता था कि किसी जिले से कोई नवजात तो गायब नहीं हुआ? पुलिस ने ऐसा भी नहीं किया।
तीन माह में हुए बर्बाद
मुईन के पिता मुकीम टैक्सी चालक हैं। उसका भाई मुवीन प्राइवेट फैक्ट्री में नौकरी करता है। परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है। मुकीम का कहना है तीन माह में उन्होंने मुईन की तलाश में काफी रुपये खर्च कर दिए हैं। अब उनके पास रुपये नहीं हैं। रोज कमाकर खाने वाला परिवार है।
केस में अब तक पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी। इसमें लापरवाही की भी जांच कराई जाएगी। बालक के माता-पिता की तलाश करने का प्रयास करेंगे।
सुधीर कुमार सिंह, एसएसपी
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