प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस ने घेरा अकोला का मिनी स्टेडियम
पोस्टर चस्पा कर किया था विरोध प्रदर्शन का एलान पुलिस ने बनाया छावनी दिन भर चकरघिन्नी बनी रही पुलिस ...और पढ़ें

जागरण टीम, आगरा। अग्निपथ योजना के चौतरफा विरोध के बीच पुलिस और प्रशासन चकरघिन्नी बना रहा। शनिवार को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जगह-जगह पेट्रोलिंग करते रहे। कई जगह लोगों को समझाया भी गया।
अकोला: कस्बे में शनिवार को मिनी स्टेडियम में विरोध प्रदर्शन का एलान किया था। इसके पोस्टर कस्बे में चस्पा किए गए थे। इसकी जानकारी पर शनिवार सुबह ही एडीएम प्रशासन अजय कुमार, एसडीएम सदर निधि डोडवाल, एसपी पश्चिम सत्यजीत गुप्ता, सीओ राजीव सिरोही, तहसीलदार रजनीश वाजपेयी समेत कई थानों का पुलिस फोर्स पहुंच गया। पुलिस ने स्टेडियम को घेर लिया। हालांकि यहां कोई नहीं पहुंचा। उधर, विकास खंड अधिकारी सुष्मिता यादव, एडीओ टीसी गुप्ता ग्राम विकास अधिकारियों व ग्राम प्रधानों के साथ तैनात रहे।
बाह: नायब तहसीलदार गौरव कुमार अग्रवाल पुलिस के साथ बाह-इटावा मार्ग पर सेना में भर्ती की तैयारी में लगे युवाओं के पास पहुंचे और उन्हें समझाया। कहा कि किसी के बहकावे में न आएं और विरोध प्रदर्शन से दूर रहें। एसडीएम रतन वर्मा, सीओ रविद्र प्रताप सिंह शहीदों के गांव रुदमुली पहुंचे। जहां चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक किया।
किरावली: एसडीएम अनिल कुमार सिंह और एसपी पश्चिम सत्यजीत गुप्ता के निर्देशन में पुलिस कर्मियों ने फ्लैग मार्च किया। आगरा-कोटा रेल लाइन पर अभैदोंपुरा के गेट नंबर 54 पर अधिकारियों व पुलिस को देख युवा भाग निकले।
पिनाहट: पुलिस व प्रशासन की टीमें सभी चौराहों, ब्लाक कार्यालय, आंबेडकर तिराहा पर तैनात रहीं। अधिकारियों ने गली-मुहल्लों में जाकर लोगों को अग्निपथ योजना के बारे में जागरूक किया। कहा कि विरोध प्रदर्शन से दूर रहें।
फतेहपुर सीकरी: एसपी पश्चिम सत्यजीत गुप्ता, एसडीएम अनिल कुमार सिंह, सीओ राजीव सिरोही, एएसपी श्रुति श्रीवास्तव ने फतेहपुर सीकरी रेलवे स्टेशन की सुरक्षा का जायजा लिया और मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। जगनेर में ग्वाल वाटिका में आग, लाखों का नुकसान
जागरण टीम, आगरा। शुक्रवार रात जगनेर की ग्वाल वाटिका में आग लग गई। इससे वहां रखा सामान जलकर राख हो गया। कस्बे के बसेड़ी रोड स्थित ग्वाल वाटिका में आग से टेंट, कुर्सी, मेज व पर्दे जल गए। संचालक बच्चू उपाध्याय ने बताया कि वह पास ही पानी के प्लांट पर सो रहे थे। मजदूर भी वहीं सो रहे थे। रात को लपटें उठते देख शोर मचाने पर लोग एकत्रित हुए और पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की गई लेकिन लपटें विकराल रूप ले चुकी थीं। जब तक आग पर काबू पाया, सारा सामान जल गया। उन्होंने आग से पांच लाख रुपये के नुकसान की बात कही है।

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