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    पीएम मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री को दिया अनूठा तोहफा, आगरा में बना टेबल टॉप था भी खास

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Wed, 29 Jun 2022 12:47 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर दी जानकारी। आगरा के स्टोनमैन क्राफ्ट में छह माह में बनकर हुआ था तैयार। मुगलकालीन और इटली की कला के समावेश से तै ...और पढ़ें

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली के प्रधानमंत्री के साथ। वीडियो से लिया गया चित्र।

    आगरा, जागरण संवाददाता। जर्मनी में आयोजित जी-7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी को मार्बल इनले टेबल टॉप उपहार में दी। यह टेबल टॉप स्टोनमैन क्राफ्ट में बनाई गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर यह जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री ने जी-7 समिट में जर्मनी प्रवास के दौरान इटली के प्रधानमंत्री को आगरा में बना मार्बल इनले टेबल टॉप उपहार में भेंट कर उप्र की समृद्ध कारीगरी को वैश्विकता प्रदान की है। आपका हृदय से आभार प्रधानमंत्री जी। मुख्यमंत्री के इस ट्वीट के बाद टेबल टॉप बनाने वाले कारीगरों में खुशी की लहर दौड़ गई। स्टोनमैन क्राफ्ट के रजत अस्थाना ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इटली के प्रधानमंत्री मारियाे द्राघी को भेंट किया गया मार्बल टेबल टॉप उनकी शास्त्रीपुरम स्थित फैक्ट्री में बनाया गया है। 36 इंच के टेबल टॉप को तैयार करने में करीब छह माह का समय लगा था।

    लखनऊ में प्रदर्शनी में किया था पसंद

    लखनऊ में दो व तीन जून को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हस्तशिल्प कला की प्रदर्शनी देखी थी। इसमें स्टोनमैन क्राफ्ट ने मार्बल टेबल टॉप प्रदर्शित किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने स्टाल पर रुककर इसके बारे में जानकारी की थी। टेबल टॉप पर इटली की आर्ट वाली थीम पर उनका विशेष ध्यान रहा। 10 जून को मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्टोनमैन क्राफ्ट से संपर्क कर टेबल टॉप मंगवाया था।

    इटली व आगरा के हस्तशिल्प का है संगम

    इटली के प्रधानमंत्री को भेंट किए गए मार्बल टेबल टॉप का डिजाइन हिमांका सेतिया ने तैयार किया था। इसकी डिजाइनिंग में मुगल और इटली की कला का समावेश किया गया है। मुगलिया जाली वर्क, कर्व और इटली की कला में प्रयोग होने वाले पक्षियों को इस डिजाइन का हिस्सा बनाया गया। पक्षियों के रंगों के लिए ब्राजील, इटली व भारत में मिलने वाले पत्थरों का उपयोग किया गया है। ताजमहल की पच्चीकारी का भी कुछ हिस्सा इसमें दिखाया गया है। आगरा और इटली में होने वाले काम में इतना अंतर है कि आगरा में पच्चीकारी का काम हाथ से होता है, जबकि इटली में यह काम मशीनों से होता है।

    पच्चीकारी

    पच्चीकारी की कला मुगल काल में प्रश्रय मिलने से काफी विकसित हुई। इसमें सफेद संगमरमर में रंग-बिरंगे कीमती पत्थरों को लगाकर डिजाइन बनाए जाते हैं। ताजमहल, एत्माद्दौला, आगरा किला स्थित मुसम्मन बुर्ज में पच्चीकारी के काम को देखकर पर्यटक आश्चर्यचकित रह जाते हैं। यहां आने वाले भारतीय और विदेशी पर्यटक अपने साथ यादगार के तौर पर मार्बल हैंडीक्राफ्ट के आइटम ले जाना पसंद करते हैं।