आगरा में अब होटल, हास्पिटल, कोल्ड स्टोरेज को भी राहत की उम्मीद, लागू होंगे नए नियम
सुप्रीम कोर्ट के बाद टीटीजेड में नए होटल हास्पिटल व कोल्ड स्टोरेज को भी राहत मिलने की उम्मीद बंधी है। जल प्रदूषण की वजह से व्हाइट कैटेगरी में नहीं हैं शामिल। जल प्रदूषण नियंत्रण के उचित इंतजाम करने पर हो सकेगी स्थापना।

आगरा, जागरण संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद टीटीजेड में होटल, हास्पिटल व कोल्ड स्टोरेज को भी राहत मिलने की उम्मीद बंधी है। सीपीसीबी द्वारा होटलों व हास्पिटल को कमरों व बेड की संख्या व उनके द्वारा किए जाने वाले जल प्रदूषण के आधार पर कैटेगरी में बांटा गया था। व्हाइट कैटेगरी में होटल व हास्पिटल शामिल नहीं हैं। जल प्रदूषण से संबंधित उद्योगों के लिए आदेश में कोई जिक्र नहीं किया गया है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इससे अब जल प्रदूषण के निवारण के उचित इंतजाम होने पर होटल व हास्पिटल को भी अनुमति मिल सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने गैर-प्रदूषणकारी उद्योगों को लगाने की गाइडलाइन तय कर दी है। इससे टीटीजेड में कई वर्षों से रुका हुआ विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल के प्रयासों से सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी कोर्ट में मौजूद रहे।
-राकेश गर्ग, उपाध्यक्ष लघु उद्योग निगम
सुप्रीम कोर्ट द्वारा वायु प्रदूषण के स्काेर पर आधारित आदेश दिए जाने से उद्योगों के लगने का रास्ता साफ हो गई। नीरी की सिफारिशों व गाइडलाइन का पालन करते हुए उद्योग लग सकेंगे। टीटीजेड में केवल वायु प्रदूषण का ही मामला है, यहां जल प्रदूषण का मामला नहीं है।
-उमेश शर्मा, सदस्य, टीटीजेड अथारिटी
टीटीजेड में व्हाइट कैटेगरी के अलावा अब ऐसे उद्योग भी लग सकेंगे, जिनका वायु प्रदूषण स्काेर 20 से कम है। वायु प्रदूषण 0-10 तक वाले उद्योगों के लिए नीरी की अनुमति आवश्यक नहीं होगी। 11-20 स्कोर वाले उद्योगों की स्थापना को नीरी गाइडलाइन जारी करेगी।
-विश्वनाथ शर्मा, प्रभारी क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी
आदेश के बाद जल प्रदूषण नियंत्रण को प्रभावी उपाय करने वाले उद्योगों की स्थापना की राह टीटीजेड में आसान होगी। 0-10 वायु प्रदूषण स्काेर वाले उद्योगों की स्थापना संबंधित विभागों की अनुमति से ही हो सकेगी। 20 से अधिक वायु प्रदूषण स्काेर वाले उद्योगों को ही नीरी की अनुमति प्राप्त करनी होगी।
-कमल कुमार, प्रभारी अधिकारी, सीपीसीबी
सीपीसीबी ने उद्योगों को वायु व जल प्रदूषण के स्कोर के आधार पर कैटेगरी में बांटा था। होटल व हास्पिटल व्हाइट कैटेगरी में शामिल नहीं किए गए थे। आदेश में कैटेगरी परिवर्तन का कोई जिक्र नहीं किया गया है।
-डा. शरद गुप्ता, पर्यावरणविद
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