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    400 करोड़ की लागत से तैयार 14 KM लंबा उत्तरी बाईपास हुआ चालू, 15 मिनट में खंदौली और 25 मिनट में पहुंचेंगे हाथरस

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 05:30 AM (IST)

    सात माह के इंतजार के बाद मंगलवार को उत्तरी बाइपास 14 किमी लंबा बाइपास 400 करोड़ की लागत से चालू हो गया। पहले दिन ही इसमें एक हजार से अधिक वाहन ग ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, आगरा। सात माह के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मंगलवार को उत्तरी बाइपास चालू हो गया। पहले दिन एक हजार से अधिक वाहनों ने फर्राटा भरा। 14 किमी लंबे बाइपास का निर्माण 400 करोड़ की लागत से हुआ है। यह नेशनल हाईवे-19 के रैपुरा जाट को मिडावली हाथरस से जोड़ रहा है। इसके बनने से सिकंदरा चौराहा पर वाहनों का दबाव कम होगा। जाम की समस्या पर भी अंकुश लगेगा। रैपुरा जाट से खंदौली 15 मिनट में और हाथरस 25 मिनट पहुंच सकेंगे। अभी यह सफर तय करने में 30 मिनट और 45 मिनट का समय लगता है। इससे समय के साथ ईंधन की भी बचत होगी।

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    डेढ़ दशक पूर्व उत्तरी बाइपास का सपना देखा गया था। इसे लेकर तीन प्रस्ताव बने। पहले में आगरा से होकर इसे गुजरना था लेकिन दूसरे और तीसरे प्रस्ताव में बदलाव करते हुए इसे मथुरा से होकर गुजारा गया। बाइपास का दूसरा प्रस्ताव वर्ष 2019 में तैयार हुआ था।

    इससे सिकंदरा तिराहा पर वाहनों का दबाव कम होने से जाम की समस्या पर अंकुश लग सकता था। इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। वर्ष 2021 में तीसरी बार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) आगरा खंड ने सर्वे किया और नई दिल्ली कार्यालय प्रस्ताव भेजा गया।

    छह माह बाद मिली मंजूरी

    छह माह बाद इसे मंजूरी मिली और इसी साल टेंडर भी हो गया। वर्ष 2022 में एनएचएआइ ने नेशनल हाईवे-19 के रैपुरा जाट से मिडावली हाथरस तक बाइपास का निर्माण चालू किया। 400 करोड़ की लागत से 14 किमी लंबा बाइपास 31 मार्च तक पूरा होना था। कार्य की गति धीमी होने के चलते दो बार आखिरी तिथि बढ़ाई गई। 31 मई तक कार्य पूरा हो गया। मगर, दो जगहों पर हाईटेंशन लाइन की ऊंचाई कम होने से अड़चन आ गई।

    तीन माह पूर्व पहली लाइन ऊंची हो गई। दूसरी लाइन मथुरा रिफाइनरी को बिजली की आपूर्ति करती है। यह कार्य हाल ही में पूरा हुआ। लाइन को 11 मीटर ऊंचा किया गया। इसके बाद मंगलवार दोपहर 12 बजे से बाइपास को चालू कर दिया गया। हाईवे के चैनल नंबर 174 से यमुना एक्सप्रेसवे के चैनल नंबर 141 से बाइपास को जोड़ा गया है।



    लंबे इंतजार के बाद उत्तरी बाइपास चालू हो गया है। इससे सिकंदरा चौराहा पर जाम की समस्या कम होगी। आमजन को आंशिक राहत भी मिलेगी।
    धीरज बंसल, नूरी दरवाजा

    उत्तरी बाइपास के बाद अब इनर रिंग रोड को भी चालू कराना चाहिए। तीसरे चरण का कार्य धीमी गति से चल रहा है। जाम की समस्या कम होगी।
    गोपाल यादव, रावतपाड़ा

    हाईटेंशन लाइन के चलते सात माह तक बाइपास लटका रहा । अब जाकर इसे यह खोला गया है। इससे खंदौली और हाथरस पहुंचने में आसानी होगी।
    विभु सिंघल, संजय प्लेस

    नई दिल्ली से हाथरस जाने वाले वाहनों को रामबाग चौराहा नहीं जाना पड़ेगा। बाइपास से होकर सीधे वाहन जाएंगे। इससे समय और ईंधन की बचत होगी।
    आशीष गर्ग, जयपुर हाउस


    उत्तरी बाइपास चालू हो गया है। खंदौली और हाथरस जाने वाले वाहन सीधे पहुंच सकेंगे। बाइपास को यमुना एक्सप्रेस से भी जोड़ा गया है। अब इनर रिंग रोड के तीसरे चरण पर फोकस किया जा रहा है। रोड बनकर तैयार है। सिर्फ पुल का निर्माण होना शेष है। इसमें साढ़े तीन-चार माह का समय लगेगा।
    शैलेंद्र सिंह, मंडलायुक्त

    बाइपास से ये होंगे लाभ

    1. - सिकंदरा चौराहा पर वाहनों का दबाव कम होगा।
    2. - यात्रियों के समय बचेगा।
    3. - ईंधन की भी बचत होगी।
    4. - यमुना एक्सप्रेसवे सीधे पहुंच सकेंगे।
    5. - जिन गांवों से होकर बाइपास गुजरा है। उसके आसपास विकास होगा।

    यह हैं सुविधाएं :

    1. - बाइपास को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है।
    2. - चार अंडरपास और यमुना नदी पर एक पुल बनाया गया है।
    3. - बाइपास के दोनों ओर पांच से छह जगहों पर सर्विस रोड भी बनी है।
    4. - खंदौली पहुंचने में 15 मिनट और हाथरस पहुंचने में 25 मिनट लगेंगे।

    इनर रिंग रोड : डायमंड सर्किल बनकर होगा तैयार

     


    देवरी रोड से लेकर बाद गांव ग्वालियर हाईवे तक इनर रिंग रोड के तीसरे चरण का कार्य चल रहा है। आठ किमी लंबी रोड 350 करोड़ की लागत से बन रही है। रोड का निर्माण हो चुका है। पुल का निर्माण होना शेष है। यह कार्य चार माह में पूरा होगा। इससे यमुना एक्सप्रेसवे, लखनऊ एक्सप्रेसवे और हाईवे से सीधे ग्वालियर हाईवे तक पहुंचा जा सकेगा। यह रोड बनते ही शहरी सीमा के चारों ओर डायमंड सर्किल बनकर तैयार हो जाएगा। इससे शहरी क्षेत्र में कम से कम वाहन आएंगे।