दिल्ली से जाना है ग्वालियर या कानपुर, सफर होगा आसान, नहीं फंसना पड़ेगा आगरा के ट्रैफिक जाम में
आगरा−दिल्ली हाइवे पर फरह के पास बनाया जा रहा है उत्तरी बाईपास। यहां से इसे यमुना एक्सप्रेस वे से जोड़ा जा रहा है ताकि छोटे व बड़े वाहन सीधे आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे से कनेक्ट हो सकें। इससे वाहनाें को आगरा में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा।

आगरा, जागरण संवाददाता। पुराने आगरा दिल्ली हाइवे पर एक और सहूलियत बढ़ने जा रही है। यदि आप दिल्ली से कानपुर या लखनऊ अथवा ग्वालियर जा रहे हैं तो आपको आगरा शहर की सीमा में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा। सीधे हाइवे से बाहर के बाहर ही आप गंतव्य के रोड पर कनेक्ट हो जाएंगे। दिल्ली हाइवे से कानपुर रोड या लखनऊ एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए उत्तरी बाईपास का निर्माण अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। 12 किलोमीटर लंबा ये बाईपास यमुना एक्सप्रेस वे से ऊंचा रहेगा ताकि वाहन बेराेकटोक गुजर सके। आगरा और मथुरा के बीच 360 मीटर सबसे लंबा ओवरब्रिज भी शामिल है। खास बात ये है कि वाहन सड़क पर दो किलोमीटर का घुमाव लेकर आगे जाएंगे। इसके साथ ही दक्षिणी बाईपास और ग्वालियर राजमार्ग को जोड़ेगा।
ये है योजना
NHAI के परियोजना निदेशक संजय वर्मा ने बताया कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रशासन के स्तर से किया जा रहा है। मथुरा के रैपुराजाट से हाथरस के सादाबाद तक सिक्सलेन उत्तरी बाईपास का निर्माण होगा, हालांकि यह फोर लेन ही रहेगा, जबकि छह लेन की तैयारी के साथ काम किया जाएगा। ताकि भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर इसे बढ़ाया जा सके। उन्होंने बताया कि मिट्टी का परीक्षण कर लिया गया है।
दिल्ली से ड्राइंग का इंतजार है। उन्होंने बताया कि उत्तरी बाईपास पर पांच बड़े अंडरपास और 14 छोटे अंडरपास बनेंगे। उन्होंने बताया कि उत्तरी बाईपास के दोनों तरफ से वाहन चढ़ेंगे और उतरेंगे। इससे वाहनों के आवाजाही में किसी तरह से रुकावट नहीं आएगी।
ये बाईपास उत्तरी से भिन्न होगा यमुना एक्सप्रेसवे की तरह बंद रहेगा। कोई कट नहीं रहेगा। इससे वाहन फर्राटा भरेंगे। उत्तरी बाईपास बनाने के लिए चयनित हिलवेज कंपनी के परियोजना प्रबंधक आशीष सिंह ने बताया कि सबसे पहले दिल्ली, आगरा रोड के चैनल नंबर 174 फरह के पास (रैपुराजाट) से शुरू होगा।
मथुरा व हाथरस की तीन तहसील के हैं गांव
मथुरा, महावन, और सादाबाद के एक दर्जन गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, जो शहजादपुर, पौरी, रैपुराजाट, भदाया, कंजौली घाट, अकोस, कनौरा बांगर, मुर्शदाबाद, सराय सलवन, नेरा, गुखरौली, मिडावली के गांवों के किसानों की जमीन है।
नाे एंट्री से बचेंगे बड़े वाहन
आगरा में विभिन्न धार्मिक आयोजनाें या चुनाव के चलते बड़े वाहनाें की नो एंट्री रहती है। उस स्थिति में रातभर बड़े वाहन हाइवे पर ही खड़े रहकर नो एंट्री खुलने का इंतजार करते हैं। उत्तरी बाइपास के बन जाने से ये दिक्कत खत्म हो जाएगी। वहीं आगरा शहर के अंदर से गुजरने वाले बड़े वाहनाें की संख्या में कमी आने से शहर को भी जाम से राहत मिलेगी। यहां अभी सिकंदरा और गुरुद्वारा गुरु के ताल पर अक्सर जाम की नौबत रहती है।

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