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    बिल-टोकन को कोषागार के नहीं काटने होंगे चक्कर

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 24 Nov 2017 01:11 AM (IST)

    सरकारी कर्मचारियों के बिल अब ज्यादा दिनों तक लंबित नहीं रहेंगे। न ही संबंधित विभाग के आहरण व वितरण अधिकारी (डीडीओ) या उनके अधीनस्थ को मुख्य कोषागार के ...और पढ़ें

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    बिल-टोकन को कोषागार के नहीं काटने होंगे चक्कर

    जागरण संवाददाता, आगरा: सरकारी कर्मचारियों के बिल अब ज्यादा दिनों तक लंबित नहीं रहेंगे। न ही संबंधित विभाग के आहरण व वितरण अधिकारी (डीडीओ) या उनके अधीनस्थ को मुख्य कोषागार के चक्कर काटने पड़ेंगे। बल्कि डीडीओ अपने कार्यालय से ही बिल व टोकन जनरेट कर सकेंगे।

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    कलक्ट्रेट स्थित मुख्य कोषागार में हर दिन लाखों रुपये के बिल सरकारी कार्यालयों से भेजे जाते हैं। बिलों में कई बार गड़बड़ी होती है। इसके चलते इन्हें कोषागार में तैयार किया जाता था। बिल बनने के बाद टोकन जारी किया जाता था। इस प्रक्रिया में पांच से दस दिन का समय लगता है। तब तक कर्मचारी या फिर अन्य को इंतजार करना पड़ता है। जिसे देखते हुए पिछले दिनों ई-पोर्टल सेवा शुरू की गई है। जिले के सभी 106 विभागों के डीडीओ को लॉगिन व पासवर्ड दिया गया है। संबंधित विभाग के डीडीओ द्वारा खुद ही बिल व टोकन जनरेट किया जाएगा।

    मुख्य कोषाधिकारी शशि भूषण तोमर ने बताया कि नई व्यवस्था से समय और कागज की बचत होगी। साथ ही डीडीओ या उनके अधीनस्थ को कोषागार आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने बताया कि नई प्रक्रिया से कार्य एक से दो दिन के भीतर हो सकता है।

    एक ही पेज में बनेगा बिल

    नई व्यवस्था से ए फोर साइज के एक ही पेज में बिल प्रिंट हो सकेगा, जबकि पूर्व में बिल तीन से चार पेज का बनता था।

    कम हुआ बोझ

    वित्तीय साल के अंतिम दिनों में कोषागार के कर्मचारियों पर कार्य का बोझ बढ़ जाता है। एक दिन में 100 बिल तक पहुंचते हैं। इसकी फीडिंग व चेकिंग में ध्यान देना पड़ता है, लेकिन नई व्यवस्था से यह बोझ कम हो गया है।